नई दिल्ली। चालू वित्त वर्ष की दिसंबर तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में प्रमुख आठ शहरों में घरों की बिक्री इससे पहले की तिमाही की तुलना में जहां 31 प्रतिशत घटी है, वहीं दूसरी ओर नए लॉन्च होने वाले प्रोजेक्ट्स में 40 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक नोटबंदी के बाद बाजार में अनिश्चितता की वजह से प्रॉपर्टी की बिक्री पर असर पड़ा है।
हालांकि गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, कोलकाता, पुणे, हैदराबाद, बेंगलुरु और चेन्नई में बिना बिके घरों की संख्या मामूली 1 प्रतिशत घटकर 4,53,592 यूनिट रह गई है, जो दूसरी तिमाही में 4,59,067 यूनिट थी।
रियल एस्टेट डाटा, रिसर्च और एनालिटिक्स कंपनी प्रॉप इक्विटी ने अपनी ताजा रिपोर्ट में बताया है कि 500 व 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद 2016 की चौथी तिमाही में प्रमुख आठ शहरों में घरों की बिक्री कमजोर पड़ी है।
- अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कुल 26,718 यूनिट की बिक्री हुई है, जबकि इससे पहले तिमाही में 38,540 घरों की बिक्री हुई थी।
- इसी प्रकार समान तिमाही में नए घरों की लॉन्चिंग घटकर 16,636 रह गई, जो इससे पहले तिमाही में 27,696 यूनिट थी।
- कंपनी ने कहा कि नोटबंदी के बाद प्रमुख शहरों में घरों की मांग 31 प्रतिशत घट गई है।
- घरों की लॉन्चिंग में गिरावट इस वजह से आई है क्योंकि डेवलेपर्स कोई भी नया प्रोजेक्ट लॉन्च करने से पहले रियल एस्टेट पर नोटबंदी के वास्तवित तस्वीर सामने आने का इंतजार कर रहे हैं।
प्रॉप इक्विटी के संस्थापक और सीईओ समीर जसूजा ने कहा कि,
भारत में रियल एस्टेट सेक्टर, विशेषकर हाउसिंग, नोटबंदी के बाद एक महत्वपूर्ण परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है क्योंकि लेनदेन गतिविधियां आश्चर्यजनक ढंग से कम हुइ हैं।
- क्रेता और विक्रेता द्वारा निर्णय लेने में देरी करने से बिना बिके घरों की औसत कीमत 6,683 रुपए प्रति वर्ग फुट पर लगभग स्थिर बनी हुई हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि अफोर्डेबल हाउसिंग को इंडस्ट्री का दर्जा देने से इस सेगमेंट को भारत में बढ़ावा मिलेगा।