मुंबई। रिजर्व बैंक ने सस्ते मकानों के खरीदारों के लिये कर्ज सुविधा को और बेहतर बनाते हुए अब 35 लाख रुपए तक के कर्ज को प्राथमिक क्षेत्र के कर्ज की श्रेणी में शामिल कर दिया है। यह सुविधा 45 लाख रुपए तक की कीमत वाले मकानों के लिए उपलब्ध होगी। बैंकों से प्राथमिक क्षेत्र का कर्ज आमतौर पर दूसरे कर्जों के मुकाबले सस्ता होता है। रिजर्व बैंक ने एक अधिसूचना में कहा है कि आर्थिक रूप से कमजोर तबके और निम्न आय वर्ग के लिए सस्ते आवास उपलब्ध कराने के प्रयासों को बढ़ावा देने के वास्ते आवास ऋण से जुड़े प्राथमिक क्षेत्र कर्ज के दिशानिर्देशों को सस्ती आवास योजना के अनुरूप किया गया है। इसके लिए प्राथमिक क्षेत्र ऋण के तहत होम लोन सीमा पात्रता को महानगरों के लिए संशोधित कर 35 लाख रुपए और अन्य शहरों के लिए 25 लाख रुपए किया जाएगा।
हालांकि, इसके लिये शर्त रखी गई है कि दस लाख रुपए और उससे अधिक आबादी वाले महानगरों में ऐसे मकानों की कुल कीमत 45 लाख रुपए से अधिक नहीं होनी चाहिए वहीं दूसरे शहरों में सस्ती आवास योजना वाले इन मकानों का दाम 30 लाख रुपए से अधिक नहीं होना चाहिये। तभी उन्हें प्राथमिकता प्राप्त क्षेत्र के दायरे में रिण सुविधा उपलब्ध होगी।
वर्तमान में व्यवस्था है कि महानगरों में 35 लाख रुपए और अन्य केंद्रो में 25 लाख रुपए मूल्य तक के मकानों को प्राथमिक क्षेत्र ऋण के दायरे में रखा जाता है और इनके लिये व्यक्तियों को क्रमश: 28 लाख रुपए और 20 लाख रुपए तक का ऋण दिया जाता है।
रिजर्व बैंक की 6 जून को जारी दूसरी द्वैमासिक मौद्रिक नीति के साथ विकास और नियामकीय नीतियों पर जारी वक्तव्य में इस संबंध में घोषणा की गई है।
रिजर्व बैंक की अधिसूचना में आगे कहा गया है कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग की आवासीय परियोजनाओं में पात्रता के लिए पारिवारिक आय सीमा को मौजूदा दो लाख रुपए सालाना से बढ़ाकर तीन लाख रुपए कर दिया गया है। वहीं निम्न आय वर्ग के लिये वार्षिक आय सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपए कर दिया गया है। अधिसूचना में कहा गया है कि यह बदलाव प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत दिए गए आय मानदंड के अनुरूप किया गया है।