www.indiatvpaisa.com की टीम अपने इस आर्टिकल में चार उन सबसे जरूरी बातों को बता रही है जिनका ध्यान होमलोन लेते समय किसी भी व्यक्ति को अनिवार्य रूप से रखना चाहिए।
1. अपने सिबिल स्कोर को पहले चेक करें-
बैंक से लोन लेने में क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर की भूमिका बहुत ही अहम होती है। आपका क्रेडिट स्कोर आपके द्वारा पूर्व में लिए गए लोन और उसके चुकाने का ब्यौरा होता है। बैंक लोन देने से पहले आपका क्रेडिट स्कोर चेक कर आपकी वित्तीय गतिविधियों को चेक करते हैं। अगर, अपका क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है तो बैंक आसानी से लोन दे देते हैं। लोन के लिए आवेदन करने से पहले अपने क्रेडिट स्कोर जरूर देख लें।
क्रेडिट स्कोर तीन अंको की एक संख्या होती है, जो 300 से 900 के बीच में होती है। 75 फीसदी लोगों को लोन सिबिल स्कोर के आधार पर ही मिलता है। क्रेडिट स्कोर जितना अधिक होता है, उसे उतना ही अच्छा माना जाता है। अगर आपका स्कोर खराब होता है, तो आपको लोन या क्रेडिट कार्ड मिलने में परेशानी आ सकती है। क्रेडिट स्कोर के आधार पर व्यक्ति की फाइनेंशियल हेल्थ का आकलन किया जाता है। बैंक से लोन पाने के लिए अच्छा क्रेडिट स्कोर जरूरी होता है। एक डिफॉल्ट करने पर भी क्रेडिट स्कोर कमजोर हो सकता है। 79 फीसदी व्यक्तिगत लोन 750 से ज्यादा के स्कोर पर ही अप्रूव किए जाते हैं।
आपका क्रेडिट कार्ड आपके सिबिल स्कोर पर सबसे ज्यादा असर डालता है। यह आपके सिबिल स्कोर को भी बुरी तरह से नीचे ला सकता है। यदि आप पुर्नभुगतान किए बगैर लगातार अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर रहे हैं तो बकाया राशि और अधिक उपयोग अनुपात बिगड़ जाने से आपका सिबिल स्कोर बुरी तरह से प्रभावित हो जाता है।
अपनी सिबिल रिपोर्ट के लिए पहले से करें एप्लाई-
लोन के लिए एप्लाई करने से 6 महीने पहले सिबिल रिपोर्ट की मांग करें। ऐसा करने से अगर रिपोर्ट में कुछ गड़बड़ी भी है तो उस सुधारने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा। कई बार लोग डाउन पेमेंट करने के बाद होम लोन के लिए एप्लाई करते हैं और सिबिल से जुड़ी दिक्कतों के करण लोन एप्रूव नहीं हो पाता। अब इस स्थिति में लोगों को न तो डाउन पेमेंट की राशि वापस मिल रही है और न ही उनका लोन अप्रूव हो रहा है। इसलिए बेहतर है कि लोन लेने से पहले अपना सिबिल स्कोर जांच लें।
2. कैश फ्लो स्टेटमेंट तैयार करें-
किसी भी बड़े लोन जैसे कि होम या कार लोन लेने से पहले अपनी आर्थिक सेहत जांच लें। इस तरह आपको पता चल जाएगा कि आप अधिकतम कितनी डाउन पेमेंट राशि दे सकते हैं और साथ ही हर महीने कितनी किश्त चुका सकते हैं। अपनी आय और खर्चों की एक सूची तैयार कर लें। ऐसा करने से आपको यह पता चल जाएगा कि हर महीने आप कितनी बचत करने में सक्षम हैं। अपनी आर्थिक क्षमता से ज्यादा के लोन के लिए एप्लाई न करें।
3. अपने होम लोन की योग्यता को बढ़ाएं-
होम लोन के लिए एप्लाई करने से पहले ध्यान रखें कि आपने पहले से कौन कौन से लोन ले रखें हैं। इसके बाद कोशिश करें अपने छोटे लोन का भुगतान पहले कर दें। ऐसा करने से आपके पास हर महीने ज्यादा राशि हाथ में बचेगी। – लोन के लिए लंबी अवधि का चयन करें ताकि एक समान ईएमआई पर आपको ज्यादा लोन मिल सकेगा।
– अपने पहले सारे लोन को चुका दें ताकि मौजूदा ईएमआई से आप आजाद हो जाएं और आपके पास ज्यादा राशि रहे।
– अगर आपके पास कोई और लोन है तो उसकी ईएमआई घटाने के लिए लोन की अवधि बढ़ा दें।
– अपने पार्टनर या फिर माता-पिता में से किसी को भी लोन के लिए अपना को-एप्लीकेंट बना लें, क्योंकि ज्यादा इनकम से आप ज्यादा ईएमाई चुकाने में सक्षम हैं।
– बोनस या फिर किसी भी अन्य आय के स्त्रोत को जोड़ लें, ऐसा करने से आप लोन के जरिये ज्यादा से ज्यादा राशि हासिल कर सकते हैं।
उदाहरण से समझें-
मान लीजिए आपकी मासिक आय 1 लाख रुपए है और आपने बाइक के लिए लोन लिया हुआ है, जिसकी मासिक ईएमआई 8000 रुपए है। इसकी अभी 10 किश्त और बची हैं। इस हिसाब से आप 42 लाख रुपए के होम लोन के लिए योग्य हैं। इस स्थिति में आप अपनी होम लोन की योग्यता को बढ़ाने के लिए छोटे लोन को चुकता कर दें। इससे आपकी बचत राशि बढ़ जाएंगी और लोन की योग्यता 8 से 9 लाख रुपए तक बढ़ जाएगी क्योंकि अब आपके पास हर महीने 8000 रुपए ज्यादा बचेंगे।
4. होम लोन से संबंधित सभी जरूरी दस्तावेजों को इकट्ठा कर लें-
केवाइसी संबंधित दस्तावेज
-आवेदक और सह आवेदक के 2 से 3 पासपोर्ट साइज फोटो,
-पहचान पत्र जैसे कि पैन, वोटर आईडी, पासपोर्ट, आधार कार्ड
-पते के प्रमाण के लिए बिजली का बिल, टेलीफोन का बिल, नियोक्ता प्रमाणपत्र, आधार कार्ड आदि।
आय और रोजगार संबंधित दस्तावेज
-पिछले तीन महीनों की सैलरी स्लिप,
-पिछले तीन वित्त वर्षों का इनकम टैक्स रिटर्न
-बैंक की ओर से सत्यापित 6 महीने की बैंक स्टेटमेंट,
-2 से 3 वर्ष के फॉर्म 16,
-अपनी सेविंग्स जैसे कि एफडी, म्यूचुअल फंड्स, गोल्ड आदि के प्रमाण
-पिछले 6 से 12 महीने के लोन एकाउंट स्टेटमेंट
-यदि मौजूदा कंपनी में काम करते हुए दो साल पूरे नहीं हुए तो पिछले संस्थान का रिलीविंग या फिर एक्सपीरिएंस लैटर
प्रॉपर्टी संबंधित दस्तावेज-
-विक्रय अनुबंध की ओरिजनल कॉपी
– जमीन से जुड़ी जानकारी
-प्रोजेक्ट शुरू होने का सर्टिफिकेट
-नॉन एग्रीकल्चर (एनए) सर्टिफिकेट
-सर्च और टाइटल रिपोर्ट
-बिल्डिंग के काम पूरा होने का सर्टिफिकेट
-हाल ही की टैक्स रसीद
-डेवलपमेंट एग्रीमेंट
बिजनेजमैन या फिर व्यवसाय से जुड़े लोगों के लिए दस्तावेज-
-प्रोफिट और लॉस स्टेटमेंट के साथ सीए से सत्यापित तीन साल की आईटीआर
-पिछले एक साल का बैंक एकाउंट स्टेटमेंट
-शॉप एक्ट लाइसेंस
-पार्टनरशिप डीड या फिर कंपनी से जुड़े दस्तावेज
-अपने बिजनेस और काम की प्रकृति के बारे में विस्तार में बताएं।
यह भी पढ़ें- क्रेडिट कार्ड की एप्लीकेशन हो रही है बार-बार रिजेक्ट? ये हो सकते हैं बड़े कारण
यह भी पढ़ें- कर्ज या लोन लेने से पहले याद रखें ये जरूरी 9 बातें