नई दिल्ली। छोटी बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज में एक बार फिर कटौती हो गई है। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को पीपीएफ समेत स्मॉल सेविंग्स डिपॉजिट्स की ब्याज दर 0.1 फीसदी घटा दी है। नई दरें एक अप्रैल से लागू होंगी। मंत्रालय ने 2016-17 की चौथी तिमाही के लिए ब्याज दरों को अधिसूचित करते हुए कहा, सरकार के निर्णय के आधार पर लघु बचत जमा योजनाओं पर ब्याज दरों को तिमाही आधार पर अधिसूचित किया जाता है। नई दरें एक अप्रैल से प्रभावी होंगी।
यह भी पढ़े: आखिरी मौका! 2-व्हीलर कंपनियां दे रही है अब तक की सबसे बड़ी छूट, मिल रहा है 22 हजार रुपए तक का डिस्काउंट
किन योजनाओं पर लागू होगा फैसला
- पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (पीपीएफ), किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्धि खाता और सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम की मौजूदा ब्याज दरों पर यह कटौती लागू होगी।
- इस नए नियम के मुताबिक, पीपीएफ पर 7.9 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा, जबकि 31 मार्च तक यह 8 फीसदी की दर से मिलेगा
- किसान विकास पत्र पर 7.6 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा जबकि पांच साल की मियाद के लिए सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम पर 8.4 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा। वहीं, पांच साल की मियाद वाले नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट पर यह दर 7.9 फीसदी होगी।
यह भी पढ़े: FY16 End Spl: सेंसेक्स पर भारी रहा तेल-गैस और मेटल इंडेक्स का रिटर्न, 600 फीसदी तक चढ़े ये शेयर
अब कितना मिलेगा ब्याज
- पीपीएफ में निवेश पर अब सालाना 7.9 फीसदी ब्याज मिलेगा। पांच साल की राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र पर ब्याज दर इतनी ही होगी। फिलहाल इन दोनों योजनाओं पर ब्याज दर आठ फीसदी है।
- किसान विकास पत्र (केवीपी) में निवेश पर 7.6 फीसदी ब्याज मिलेगा और यह 112 महीने में परिपक्व होगा।
- बालिकों के लिये शुरू सुकन्या समृद्धि योजना पर ब्याज दर सालाना 8.4 फीसदी होगी जो फिलहाल 8.5 फीसदी है।
- वरिष्ठ नागरिक बचत जमा योजना पर भी ब्याज दर 8.4 फीसदी होगी। वरिष्ठ नागरिक बचत जमा योजना पर ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है।
- एक से पांच साल की मियादी जमा पर ब्याज दर 6.9 से 7.7 फीसदी होगी और इसका भुगतान तिमाही आधार पर होगा। रेकरिंग जमा (आरडी) पर ब्याज दर 7.2 फीसदी होगी।
यह भी पढ़े: निवेश से जुड़ी चार बड़ी बातें, छोटी उम्र में ही जान लें तो होगा बेहतर
सरकार ने क्यों घटाईं ब्याज दरें
- सरकार ने अप्रैल-जून तिमाही के लिए छोटी ब्याज दरें तय करते वक्त कहा है कि यह फैसला सरकारी बॉन्ड यील्ड के हिसाब से तय किया जाता है। इस फैसले के बाद उम्मीद लगाई जा रही है कि जल्द बैंक भी सरकारी सेविंग रेट्स के हिसाब से अपनी सेविंग्स की ब्याज दरें घटा सकते है।