नयी दिल्ली। डाक घर की बचत और पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) जैसी स्मॉल सेविंग स्कीम में निवेश करते आ रहे हैं। तो अब हो सकता है कि आपको पहले जितनी यील्ड न मिले। सरकार इसी महीने स्मॉल सेविंग स्कीम पर मिलने वाले ब्याज पर नए सिरे से विचार करने जा रही है। संभावना है कि सरकार ब्याज दरों में कुछ कटौती कर सकती है। पिछले कुछ समय से आरबीआई और बैंक सरकार पर स्मॉल सेविंग पर ब्याज दरों में कटौती के लिए दबाव बना रहे हैं। बैंकों की मांग है कि सरकार सेविंग की दरों को मार्केट के अनुरुप करे। फिलहाल आपको स्मॉल सेविंग्स पर 8.7 से लेकर 9.2 प्रतिशत की दर पर ब्याज मिलता है।
ये सेविंग स्कीम्स हो सकती हैं प्रभावित
लघु बचत योजनाओं में डाक घर मासिक आय योजना, पीपीएफ, डाक घर फिक्स डिपॉजिट योजना, सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम, पोस्ट ऑफिस सेविंग स्कीम और सुकन्या समृद्धि खाते शामिल हैं। वित्त मंत्रालय ने सितंबर में लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर की समीक्षा की मंशा की घोषणा की थी। जबकि बैंकों ने कहा कि ऐसी सरकारी योजनाओं पर उच्च दर के कारण बैंकों को फिक्स डिपॉजिट की दर में कटौती में मुश्किल होती है।
सरकार इसी महीने ले सकती है फैसला
वित्त मंत्रालय के सूत्रों ने कहा कि विभिन्न स्मॉल सेविंग योजनाओं की ब्याज दरों की समीक्षा की जाएगी और इस महीने के अंत तक अंतिम फैसला किया जाएगा। पिछले सप्ताह वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि सरकार स्मॉल सेविंग पर ब्याज दर सतर्कता से कम करेगी ताकि कमजोर और संवेदनशील वर्ग के बचतकर्ता प्रभावित न हों। जेटली ने कहा था कि लघु बचत योजनाओं पर काफी लोग निर्भर हैं। ऐसे में सरकार सोच समझकर इस पर फैसला लेगी।