नई दिल्ली। क्या आप किराये के घर में रहते हैं। हर महीने अपनी सैलरी का एक बड़ा हिस्सा मकान किराये पर खर्च करते हैं। यदि इन सवालों के जवाब हां हैं, तो आपको अपने घर का सपना पूरा करने का सुनहरा अवसर हाथ से नहीं जाने देना चाहिए। अपने सपनों का घर खरीदने का यह वक्त बहुत ही माकूल है। यदि इस समय आप घर खरीदने से चूके तो शायद भविष्य में फिर आपको यह मौका मिलना मुश्किल होगा। यह बात इसलिए सौ फीसदी सही है, क्योंकि इस समय रियल्टी सेक्टर में डिमांड बिल्कुल नहीं है। इस वजह से प्रॉपर्टी की कीमतें 40 फीसदी तक घट चुकी हैं। इसके अलावा अनसोल्ड घरों की एक बहुत बड़ी इनवेंट्री खड़ी है, जिससे डेवलेपर्स पर बहुत दबाव है।
ग्राहकों की कमी से जूझ रहे डेवलेपर्स अपनी बिक्री बढ़ाने के लिए आकर्षक ऑफर और डिस्काउंट की पेशकश कर रहे हैं। ग्राहकों के पास समय बहुत से विकल्प और कई आकर्षक फाइनेंस स्कीमें हैं और ग्राहक के पास खूब मोलभाव करने की भी क्षमता सबसे ज्यादा है।
- दिल्ली-एनसीआर में तकरीबन 2,50,000 यूनिट की अनसोल्ड इनवेंट्री है, जिसमें से तकरीबन 35 फीसदी यूनिट अंडर कंस्ट्रक्शन हैं।
- मुंबई मेट्रोपोलिटन रीजन में अनसोल्ड इनवेंट्री 98,000 यूनिट की है। बेंगलुरु में यह संख्या 66,000 और पुणे में 55,000 युनिट है।
- अनसोल्ड इनवेंट्री को खत्म करने के लिए डेवलेपर्स ग्राहकों को आकर्षक ऑफर्स जैसे फ्री पार्किंग, फ्री क्लब मेंबरशिप आदि दे रहे हैं।
- इस समय कई आकर्षक फाइनेंस स्कीम भी डेवलेपर्स द्वारा चलाई जा रही हैं, जिसमें केवल 10 फीसदी राशि देकर घर बुक कराया जा सकता है।
अपना घर होने के कई फायदे भी हैं
- घर खरीदने के लिए आप जो लोन लेते हैं, उसे हर महीने चुकाने के लिए एक नियत राशि (EMI) तय कर दी जाती है, ईएमआई की राशि समय के साथ बढ़ती नहीं है। यहां तक कि तीस सालों की अवधि में भी भुगतान की राशि नहीं बढ़ेगी।
- लोन की ईएमआई चुकाने से आप एक स्थायी संपत्ति का निर्माण करते हैं, जो भविष्य में आपके बहुत काम आती है।
- वहीं दूसरी ओर मकान किराये के रूप में किया जाने वाला भुगतान बिल्कुल बेकार जाता है, इस पर आपको कोई रिटर्न नहीं मिलता है।
- अगर आप किराए पर रहते हैं, तो मकान मालिक हर साल किराये में 10 फीसदी वृद्धि करता ही है। एक से दूसरी जगह जाने पर, कम किराये वाला मकान मिलना मुश्किल हो सकता है।
- आपको बार-बार अपने घर का सामान उठाकर दूसरी जगह नहीं ले जाना पड़ेगा। सामान में टूट फूट नहीं होगी। बच्चों के स्कूल बार-बार बदलने नहीं पड़ेंगे। आप अपनी संतान को ये घर देकर अगली पीढ़ी को सुरक्षा प्रदान कर सकेंगे।
- यदि आपका खुद का घर है तो किसी भी आकस्मिक स्थिति में वो आपके काम आ सकता है। मुश्किल वक्त में आप घर बेचकर हालात से निपट सकते हैं। कुल मिलाकर आपका घर आपका स्थायी धन है।
- कुछ सालों बाद जब आप अपने घर को बेचते हैं, तो जितना पैसा आपने घर खरीदने में लगाया था, उससे ज्यादा पैसा आपको मिल जाता है। जरूरत पड़ने पर आप मकान को गिरवी भी रख सकते हैं।
खुद के घर और किराये के घर में अंतर
खुद का घर होने के कई फायदे हैं जो किराये के घर में आप नहीं पा सकते हैं। लेकिन घर खरीदने पर कई जिम्मेदारियां भी उठानी पड़ती हैं। दोनो के बीच के अंतर को समझेंगे तो आपको फैसला लेने में मदद मिलेगी।
मालिकाना हक किराये पर (किरायेदार)
टैक्स में फायदा टैक्स छूट में कोई फायदा नहीं
इक्विटी मिलेगी धन बढ़ोतरी में कोई योगदान नहीं
स्थाई पता ठहराव नहीं
जिम्मेदारी जिम्मेदारी से परे
प्राइवेसी पूरी प्राइवेसी नहीं