मुंबई। जनरल इंश्योरेंस कंपनियां अपने कारोबार के कई क्षेत्रों में दावा निपटान में लगातार बढते घाटे और ब्याज दरों में गिरावट जैसे कारणों से कुछ खंडों में बीमा प्रीमियम की दरें 10-15 प्रतिशत तक बढाने की योजना बना रही हैं ताकि उनके कारोबार लाभ में बने रहें। ब्याज दरें घटने से इन कंपनियों की निवेश से होने वाली आय भी प्रभावित हो रही है।
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्रधिकरण (IRDAI) भी मोटर वाहन थर्ड पार्टी बीमा तथा ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस जैसे क्षेत्रों में पहली अप्रैल से प्रीमियम की दरें बढ़ाए जाने का संकेत दे चुका है।
यह भी पढ़ें : 50 फीसदी तक महंगा हो सकता है मोटर इंश्योरेंस का प्रीमियम, IRDAI ने किया प्रस्ताव
IRDAI के जनरल इंश्योरेंस के मेंबर जीजे जोसफ ने कहा,
प्रीमियम कीमतें बहुत नीचे आ गई हैं। प्रीमियम बढाए जाते हैं तो मुझे आश्चर्य नहीं होगा।
10-15 फीसदी बढ़ सकते हैं प्रीमियम
- बीमा कंपनियों ने ऐसे 10 क्षेत्रों की पहचान की है जहां उन्हें प्रीमियम की दर बढ़ना जरूरी लगता है।
- इनमें प्रॉपर्टी खंड में सीमेंट और बिजली तथा फार्मा के साथ ही ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस का क्षेत्र शामिल है।
- अगले वित्त वर्ष (आगामी पहली अप्रैल) से वे इन क्षेत्रों में प्रीमियम 10-15 प्रतिशत तक बढ़ा सकती हैं।
नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सनत कुमार ने कहा
बजार में प्रतिस्पर्धा इतनी जबरदस्त है कि हमारे लिए प्रीमियम बढ़ाने की गुंजाइश बहुत कम है। बावजूद इसके हम कुछ बड़े घाटे वाले क्षेत्रों में प्रीमियम में 10 फीसदी या उससे कुछ अधिक वृद्धि के लिए GIC-Re से बातचीत कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : Paytm और MobiKwik जैसे डिजिटल वॉलेट्स में कर सकेंगे लेन-देन, UPI के जरिए इन्हें आपस में जोड़ेगा RBI
- न्यू इंडिया इंश्योरेंस कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक जी श्रीनिवासन ने कहा कि उनकी कंपनी आगामी वित्त वर्ष में फायर अैर ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस क्षेत्र में प्रीमियम बढा सकती है।
- उन्होंने कहा कि प्रीमियम घट कर आवश्यकता से भी कम दर पर आ गए हैं।
- निजी क्षेत्र की एसबीआई जनरल के प्रबंध निदेशक एवं मुख्यकार्यकारी पूषान महापात्रा ने कहा कि चुनौती यह है कि निवेश पर प्राप्तियों में गिरावट के दौर में कारोबार की लाभदायकता को कैसे बचाए रखा जाए।
- उन्होंने कहा कि इसके लिए कंपनी तितरफा रणनीति तय कर रही है जिसमें कार्यकुशलता बेतहर करने, खर्चों पर बेहतर नियंत्रण तथा बीमा किए जाने वाले जोखिम के चयन–और मूल्य निर्धारण को बेहतर बनाना शामिल है।
- बजाज आलियांज जनरल इंश्योरेंस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी तपन सिंघल ने कहा कि हम हमेशा ही एक स्वस्थ मूल्य नीति चाहते हैं।
- हमारे पोर्टफोलियो और पलिसी की दरें जोखिम के अनुरप ही रखी जाती हैं।