नई दिल्ली। आज के जमाने में उच्च शिक्षा काफी महंगी हो गई है। आप गौर करेंगे तो पाएंगे कि उच्च शिक्षा के खर्च में होने वाली बढ़ोतरी महंगाई दर से कहीं अधिक है। ऐसे में एजुकेशन लोन का सहारा उन अभिभावकों के लिए एक अच्छा विकल्प है जो अपने बच्चे को उच्च शिक्षा दिलाना चाहते हैं। एजुकेशन लोन न केवल पढ़ाई के लिए पैसों की कमी को पूरा करता है बल्कि इसके ब्याज के भुगतान पर इनकम टैक्स में कटौती का लाभ भी मिलता है।
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किसकी उच्च शिक्षा के लिए लिया जा सकता है एजुकेशन लोन
- दिल्ली स्थित चार्टर्ड अकाउंटेंट फर्म गर्ग नवीन एंड कंपनी के चार्टर्ड एकाउंटेंट नवीन गर्ग कहते हैं कि कोई भी व्यक्ति स्वयं, अपनी पत्नी या पति या अपने बच्चों की सेकंडरी एजुकेशन या उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन ले सकता हैं।
- इसके ब्याज के भुगतान पर आयकर अधिनियम की धारा 80ई के तहत इनकम टैक्स में कटौती का लाभ मिलता है।
- इस लोन का रीपेमेंट, उधार लेने वाले व्यक्ति या विद्यार्थी द्वारा तब शुरू किया जा सकता है जब वह पढ़ाई पूरी कर लेता और कमाना शुरू कर देता है।
कहां से ले सकते हैं एजुकेशन लोन
- एजुकेशन लोन किसी भी वित्तीय संस्थान जैसे बैंक या गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) या धर्मार्थ संस्थान से लिया जा सकता है।
- गौर करने वाली बात है कि रिश्तेदारों, दोस्तों या नियोक्ता से अगर एजुकेशन के लिए लोन लिया जाता है तो उस पर इनकम टैक्स में कटौती का लाभ नहीं मिलता है।
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इनकम टैक्स का लाभ
- वास्तविक रूप से चुकाए गए ब्याज के आधार पर ही इनकम टैक्स में छूट की सुविधा उपलब्ध है।
- यदि आप एक वर्ष के भीतर एक साल के ब्याज का भुगतान करते हैं, तब आप उस साल में चुकाए गए वास्तविक ब्याज पर कर छूट पाने का दावा करने के हकदार होंगे।
- यदि आप ब्याज के एरियर का भुगतान करते हैं तब आपको अपने बैंकर से चुकाए गए कुल ब्याज के रकम का सर्टिफिकेट लेना जरूरी होगा।
- गर्ग कहते हैं कि एजुकेशन लोन के ब्याज भुगतान पर कर छूट लगातार आठ सालों के लिए उपलब्ध है।
- लिए गए एजुकेशन लोन पर जिस साल से आप ब्याज का भुगतान करना शुरू करते हैं उसे पहला साल माना जाएगा।
- इसके लिए यह जरूरी नहीं है कि आपने इस साल लोन लिया है या नहीं।