Highlights
- इस भुगतान के बाद कुल वितरण 25,114 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा
- कंपनी की छह योजनाओं के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों का 99.6 प्रतिशत भुगतान हो चुका
- फरवरी में यूनिटधारकों को पहली किस्त के रूप में 9,122 करोड़ रुपये दिए गए थे
नई दिल्ली। फ्रैंकलिन टेम्पलटन की छह बंद योजनाओं के यूनिटधारकों को एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट (एसबीआई एमएफ) सोमवार से सातवीं किस्त के रूप में 1,115 करोड़ रुपये से कुछ अधिक राशि का वितरण करेगी। फ्रैंकलिन टेम्पलटन एमएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस भुगतान के बाद कुल वितरण 25,114 करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा, जो 23 अप्रैल, 2020 को कंपनी की छह योजनाओं के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियों (एयूएम) का 99.6 प्रतिशत बैठेगा। उसी दिन कंपनी ने इन योजनाओं को बंद करने की घोषणा की थी।
फरवरी में यूनिटधारकों को पहली किस्त के रूप में 9,122 करोड़ रुपये दिए गए थे। अप्रैल में निवेशकों को 2,962 करोड़ रुपये, मई में 2,489 करोड़ रुपये, जून में 3,205 करोड़ रुपये, जुलाई में 3,303 करोड़ रुपये और सितंबर में 2,918 करोड़ रुपये का वितरण किया गया। प्रवक्ता ने कहा, एसबीआई एमएफ सभी छह बंद योजनाओं के यूनिटधारकों को सोमवार से 1,115.5 करोड़ रुपये की अगली किस्त का वितरण करेगी। प्रवक्ता ने कहा कि जिन निवेशकों के अकाउंट्स केवाईसी अनुपालन को पूरा करते हैं उन्हें 22 नवंबर से भुगतान प्राप्त होना शुरू होगा।
फ्रैंकलिन टेम्पलटन ने 23 अप्रैल, 2020 को अपनी छह डेट म्यूचुअल फंड योजनाओं को यह कहते हुए बंद करने की घोषणा की थी कि उसके ऊपर रिडम्पशन दबाव है और बांड मार्केट में तरलता की कमी है। इन छह योजनाओं में फ्रैंकलिन इंडिया लो ड्यूरेशन फंड, फ्रैंकलिन इंडिया डायनामिक एक्यूरल फंड, फ्रैंकलिन इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड, फ्रैंकलिन इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम प्लान, फ्रैंकलिन इंडिया अल्ट्रा शॉर्ट बॉन्ड फंड और फ्रैंकलिन इंडिया इनकम ऑप्र्च्यूनिटी फंड शामिल हैं, जिनका संयुक्त एयूएम 25,000 करोड़ रुपये होने का अनुमान है।
सेवा क्षेत्र के लिए ऋण संबद्ध पूंजीगत सब्सिडी योजना का शुभारंभ
केंद्रीय मंत्री नारायण राणे ने शुक्रवार को सेवा क्षेत्र के लिए विशेष ऋण संबद्ध पूंजीगत सब्सिडी योजना की शुरुआत की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, यह योजना सेवा क्षेत्र में उद्यमों की प्रौद्योगिकी से संबंधित आवश्यकताओं को पूरा करने में मदद करेगी। इसमें प्रौद्योगिकी उन्नयन पर किसी क्षेत्र-विशेष अंकुश के बिना अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति एमएसई को संस्थागत ऋण के माध्यम से संयंत्र और मशीनरी और सेवा उपकरणों की खरीद के लिए 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी का प्रावधान किया गया है।
सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यम मंत्री राणे ने गुवाहाटी में इस योजना की शुरुआत की। बयान में कहा गया है कि राणे ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के अनुसूचित जाति/जनजाति के उद्यमियों को सम्मानित भी किया और युवाओं से नौकरी चाहने वालों की जगह नौकरी देने वाला बनने को उद्यमिता को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने युवाओं को आश्वासन दिया कि उन्हें सफल उद्यमी बनाने में सूक्ष्म, लघु एवं मझोला उपक्रम (एमएसएमई) मंत्रालय कोई कसर नहीं छोड़ेगा।