नई दिल्ली। भविष्य की जरूरत के लिए नियमित रूप से सेविंग करते रहना बेहद जरूरी है। लेकिन आपको इस सेविंग का असल फायदा तभी मिलेगा जब भविष्य को लेकर आपके लक्ष्य निश्चित होंगे। क्योंकि तय लक्ष्यों के साथ ही आपको पता चल पाएगा कि आपको कितनी सेविंग करनी है। आप जो सेविंग कर रहे हैं वह काफी है या फिर आपको और भी ज्यादा पैसे बचाने की जरूरत है। आइए हम बता रहे हैं सेविंग से जुड़े कुछ स्मार्ट स्टेप्स। जिन पर चलकर आप आसानी से अपना भविष्य संवार सकते हैं। Know Why: शेयर बाजार में गिरावट से कम होती है म्यूचुअल फंड की वैल्यू, फिर भी है निवेश बेहतर
इसलिए जरूरी है सेविंग
सेविंग करने से पहले यह जान लेना जरूरी है आप सेविंग क्यों कर रहे हैं। आमतौर पर हम लोग तीन अहम लक्ष्यों को लेकर सेविंग करते हैं।
1. भविष्य की आपात जरूरत ( नौकरी छूटना या फिर आकस्मिक बीमारी)
2. भविष्य में होने वाले जरूरी खर्च ( बच्चों की शिक्षा और शादी)
3. रिटायरमेंट के बाद की जरूरतें
कितनी बचत की जाए और कैसे?
बचत शुरू करने से पहले दो बातें जानना बेहद जरूरी है। पहला कितनी बचत की जाए। और अपनी निश्चित आय में से ये राशि कैसे बचाई जाए। Seven Habits – ये हैं रोजाना बचत करने के सात कारगर तरीके!
स्टेप 1: कैल्कुलेट करें कि टैक्स और दूसरी कटौतियों के बाद आपकी वास्तविक कमाई कितनी है।
स्टेप 2: अपने निश्चित खर्चों की एक सूची तैयार करें। आप अपनी अहम जरूरतों जैसे किराया और खाने पीने घर के राशन पर कितना खर्च करते हैं? क्या आप घर या कार की ईएमआई चुका रहे हैं ? इन सब जरूरी खर्चों के बाद आपके पास जो बचता है यहीं से आपकी सेविंग शुरू होती है।
स्टेप 3: इसके बाद अपने खर्चों की समीक्षा करें। आप हर महीने बाहर खाने, मूवी या फिर गेजेट्स पर कितना खर्च करते हैं। यहां जरूरी है कि आप सेविंग के बाद अपने इन शौक पर खर्च करें।
स्टेप 4: अब आपको सही सही पता चलेगा कि आप कितना बचा सकते हैं। एक आदर्श स्थिति में आपको अपनी वास्तविक आय की कम से कम 20 फीसदी सेविंग करनी चाहिए। यदि आप इतनी बचत नहीं कर पा रहे हैं, तो स्टेप 2 और 3 पर जाकर सोचें कि आप और कैसे बचत कर सकते हैं।
बचत के साथ निवेश भी जरूरी
आपको सिर्फ बचत ही नहीं करना है बल्कि बेहद जरूरी है कि आप अपनी इस बचत का सही प्रकार और सही जगह निवेश करें। क्योंकि निवेश ही एक मात्र माध्यम है जिसकी मदद से आप रुपए की गिरती कीमत से खुद को सुरक्षित कर सकते हैं। साथ ही निवेश आपको भविष्य की अनिश्चितताओं से भी आपको सुरक्षा प्रदान करता है।
1. ईपीएफ में करें निवेश
इंप्लॉई प्रोविडेंट फंड(ईपीएफ) बचत और निवेश का एक बेहतरीन जरिया है। यह आपकी सैलरी आपके हाथ आने से पहले ही काट लिया जाता है। यह दूसरे निवेश माध्यमों के मुकाबले लंबी अवधि के लिए होता है। इसके दो फायदे होते हैं, पहला टैक्स सेविंग और दूसरा बेहतर रिटर्न। इसकी सबसे बड़ी खासियत यह भी है कि इसके लिए आपको कोई खास कोशिश भी नहीं करनी पड़ती।
2. ईएलएसएस फंड
कमाई और निवेश के साथ ही यह भी जरूरी है कि हम अपना टैक्स कैसे बचाएं। आपकी इस मुश्किल का बेहतरीन हल ईएलएसएस है। ये एक प्रकार के टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड होते हैं। जिन पर 80सी के तहत टैक्स छूट प्राप्त होती है। यह एक मात्र टैक्स सेविंग का माध्यम है जिसका लॉकइन पीरिएड मात्र 3 साल का है। ऐसे में छोटी अवधि के लिए टैक्स और निवेश का यह शानदार विकल्प है।
3. इक्विटी म्यूचुअल फंड
भारत के शेयर बाजार में ग्रोथ की संभावनाओं को देखते हुए डायवर्सिफाइड इक्विटी फंड में निवेश करना बेहतर माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक अपनी टेक होम सैलरी को कम से कम 20 से 30 फीसदी निवेश आपको इक्विटी फंड में करना चाहिए। वहीं यदि आप होमलोन की ईएमआई भर रहे हैं तो सैलरी से इसे घटाने के बाद जो शेष बचता है, उसका 40 फीसदी यहां निवेश करना चाहिए।
4. बोनस को डेट फंड में करें निवेश
आपको हर साल अपनी कंपनी से एनुअल बोनस हासिल होता है। यहां जरूरी है कि आप इस बोनस राशि का कम से कम 50 फीसदी डेट फंड में निवेश करें। यह आपके लिए एक इमरजेंसी फंड की तरह काम करेगा। शेष बोनस राशि को आप अपने ऊपर अपनी शिक्षा पर घूमने फिरने और मौज मस्ती पर खर्च कर सकते हैं।