यह बात बिल्कुल सही है कि बैंक में एफडी (Fixed Deposit) कराकर तय अंतराल पर निश्चित ब्याज लेते रहने दुनिया के सबसे सुरक्षित निवेश में से एक है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लंबे समय में एफडी के माध्यम से किया गया यही निवेश आपकी पूंजी के लिए नकारात्मक साबित होता है। यहां हम आपको ऐसे दो कारण बताएंगे जो यह सिद्ध करते हैं कि भले एफडी दुनिया का सबसे कम जोखिम वाला निवेश हो लेकिन लंबे समय में यह आपके निवेश पोर्टफोलियो के लिए घातक सिद्ध हो सकता है और एफडी के ब्याज से लंबे समय तक आराम से जीवनयापन या कहिए अमीर बनने का सपना अधूरा रह सकता है।
एफडी क्यों नहीं बेहतरीन निवेश ये हैं दो कारण
पहला – एफडी में मिलने वाला रिटर्न महंगाई की तुलना में कम होना।
बीते दो वर्षों (2012-2014) में भारत की औसत महंगाई दर 9.76 फीसदी रही। देश के तमाम बैंकों और अन्य संस्थाओं में एफडी पर मिलने वाला रिटर्न 8.5 फीसदी के आस-पास ही रहता है। इस 8.5 फीसदी ब्याज में भी टैक्स शामिल होता है। टैक्स घटाने के बाद आपकी एफडी पर मिलने वाला रिटर्न करीब 7 फीसदी रह जाता है। ऐसे में महंगाई से भी रिटर्न मिलने की स्थिति में आप लंबे समय में अपनी पूंजी को भी गंवा रहे हैं। लंबे समय में एफ में किया गया निवेश नकारात्मक साबित होता है।
दूसरा कारण – एफडी की राशि का करयोग्य होना जो आपकी शुद्ध कमाई को और घटा देता है।
लंबे समय के लिए निवेश किए जाने वाले विकल्पों मसलन इक्विटी, म्युचुअल फंड में रिटर्न करमुक्त होता है। जबकि एफडी में मिलने वाला ब्याज मौजूदा स्लैब में ही कर योग्य होता है। इस तरह एफडी के रिटर्न से मिलने वाली आपकी आय जितनी ज्यादा होगी एफडी से मिलने वाला रिटर्न उसी अनुपात में कम होता जाएगा।
ऐसे में किसी भी निवेशक को निवेश के लिए ऐसे विकल्प चुनने चाहिए जो लंबे समय में महंगाई की दर से ज्यादा रिटर्न देने में सक्षम हों साथ ही निवेशित पूंजी पर लंबे समय में निवेशक को अच्छे रिटर्न मुहैया करा सके। ऐसे में बाजार के ज्यादातर जानकार निवेशक को म्युचुअल फंड, डेट फंड, इक्विटी फंड आदि में निवेश करने की सलाह देते हैं।
ध्यान रहे निवेशक की उम्र के लिहाज से भी कई बार निवेश सलाहकार निवेश की जाने वाली कुल राशि का आवंटन करते हैं। तमाम निवेश विकल्पों में आवंटन से जहां एक ओर निवेशक का जोखिम कम हो जाता है वहीं दूसरी ओर अच्छे रिटर्न मिलने की उम्मीद भी बढ़ जाती है।