नई दिल्ली। आमतौर पर एक आम आदमी अपनी जिंदगी में एक ही बार घर खरीदता है। ऐसे में देखा जाए तो ये हमारे लिए जीवन भर का सबसे बड़ा सौदा होता है। सामान्य रूप से हम होम लोन 25 से 30 साल के लिए लेते हैं। इस प्रकार हमारा शेष पूरा जीवन बैंक का कर्ज उतारने में बीत जाता है। इस नजरिए से देखा जाए तो होम लोन लेते वक्त आपकी ओर से की गई एक छोटी सी चूक आपको लंबे समय तक प्रभावित कर सकती है। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है कुछ ऐसी बातों के बारे में जिन्हें आपको होम लोन लेते वक्त हमेंशा ख्याल में रखना चाहिए।
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सही होमलोन का करें चुनाव
होमलोन की डिमांड को देखते हुए बैंक विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट कंज्यूमर के सामने पेश करते हैं। हमें सबसे पहले अपनी जरूरत को समझना होगा। बैंक तैयार प्रॉपर्टी, अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी, सेल्फ कंस्ट्रक्शन, प्लॉट खरीदने, घर की मरम्मत और विस्तार के लिए लोन देते हैं। इन सभी प्रकार के लोन के नियम और शर्तें भी अलग होते हैं। अगर आप पहली बार होम लोन ले रहे हैं तो सभी प्रकार की प्रक्रिया और शर्तों की पूरी जानकारी ले लें। इसके अलावा बैंक मौजूदा प्रॉपर्टी के एवज में भी लोन देते हैं। इसकी भी जानकारी ले लें।
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आपके बजट में फिट हो ईएमआई
होम लोन की वह बात जो हमें सबसे ज्यादा प्रभावित करती है वो है ईएमआई यानि कि मासिक किश्त। ईएमआई का मतलब होता है कि वो पैसा जो आप हर महीने अपने लोन को चुकाने के लिए देते हैं। हमेश ध्यान रखें कि कभी भी अपनी ईएमआई अपनी कुल मासिक आय का 40 से 45 फीसदी से ज्यादा नहीं होना चाहिए। साथ ही एक होम लोन पर प्रीपेमेंट का भी विकल्प होता है। इसमें किसी भी तरह का कोई प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगता है। अगर आने वाले वर्षों में आपको लगता है कि आपकी आय बढ़ने वाली है तो इसका चयन कर सकते हैं।
सभी बैंकों की ब्याज दरों का करें मूल्यांकन
होम लोन में दो तरह के ब्याज दर होते हैं। पहला फिक्स्ड और दूसरा फ्लोटिंग। फिक्स्ड ब्याज दर में आपके होम लोन में लगने वाला इंटरेस्ट रेट तीन से पांच साल तक एक ही रहता है और कभी कभी लोन के पूरे कार्यकाल में भी एक जैसा रहता है। फ्लोटिंग ब्याज दर में आपके होम लोन पर लगने वाली ब्याज दर वित्तीय संस्थान की कॉस्ट ऑफ फंड्स की मूवमेंट पर निर्भर करता है। रेट वित्तीय संस्थान की कॉस्ट ऑफ फंड्स की मूवमेंट से ही बढ़ता या घटता है। फिक्स्ड रेट फ्लोटिंग रेट की तुलना में ज्यादा होता है। इसका लाभ उठाते समय सावधानी रखें साथ ही उधारकर्ता के इंटरेस्ट रेट का भी ध्यान रखें। पूरे कार्यकाल के दौरान फिक्स्ड और फ्लोटिंग के बीच अदला बदली का भी विकल्प होता है। लेकिन इससे पहले ये जरूर चेक कर लें कि बैंक स्विचिंग फीस तो चार्ज नहीं कर रहा।
बैंक के चार्जेस और पेनेल्टी की रखें जानकारी
आम तौर पर प्रोसेसिंग फीस, कुछ मामलों में कानूनी वैरिफिकेशन चार्ज, होम लोन राशि पर स्टैंप ड्यूटी और कुछ स्विंचिंग चार्ज अगर आप अपनी ईएमआई बदलते हैं या फिर लोन को किसी और बैंक या एनबीएफसी को ट्रासंफर करते है, इन सब के अलावा कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता। हालाकि कुछ विशेष पेनेल्टी लग सकती है अगर आप रिपेमेंट करने से चूक जाते हैं और कुछ मामलों में अतिरिक्त ब्याज भी लगता है। वित्तीय संस्थान की ओर से लगाए जाने वाली सभी फीस के बारे पता रखें।
प्रॉपर्टी में क्लियरेंस को भी जानें
जिस प्रॉपर्टी को आप खरीदने का मन बना रहे है उसके लिए हर बैंक या एनबीएफसी को कानूनी और तकनीकी क्लियरेंस की जरूरत होती है। ये न सिर्फ बैंक के लिए जरूरी है बल्कि आपके लिए भी जरूरी है जो प्रॉपर्टी में इक्विटी लगाएगा। इसलिए जरूरी है कि उधारकर्ता को इन सब क्लियरेंस पर जांच लें।