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घर में नन्हे कदम पड़ते ही फाइनेंशियल प्लानिंग को इस तरह कर लें दुरुस्त

Every Indian family should take these financial steps to child's better future

Surbhi Jain
Published : July 01, 2016 8:56 IST
नई दिल्ली। शादी की तरह ही पहली संतान किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण क्षण होता है। हर व्यक्ति पहली संतान के प्रति अपनी जिम्मेदारी को बेहतर तरीके से निभाने के लिए जरूरी प्लानिंग करता है। मसलन, बच्चे की पढ़ाई, शादी आदि के लिए चाइल्स प्लान लेना आदि। www.indiatvpaisa.com की टीम अपनी इस स्टोरी के माध्यम से आपकी फाइनेंशियल प्लानिंग से जुड़े 6 ऐसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर सलाह देने जा रही है, जिनपर आपको तब ध्यान देने की जरूरत है जब आप अपनी पहली संतान के मां या पिता बने हो। इन मुद्दों पर विचार करके निश्चित तौर पर आप अपनी फाइनेंशियल प्लानिंग को दुरुस्त कर सकते हैं।

1. परिवार लाइफ कवर को करें रिव्यू-

घर में बच्चे के आने के बाद आपके और आपकी पत्नी के कंधों पर अतिरिक्त जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। मौजूदा खर्चों के साथ भविष्य में होने वाले खर्च जैसे कि स्कूल की फीस, पढ़ाई के बढ़ते खर्च आदि के भी बारे में सोचा जाता है। यदि घर में केवल एक ही सदस्य कमाने वाला है तो इन सब जरूरतों को पूरा करना निश्चित तौर पर एक चुनौती भरा कार्य है। इसलिए अगर कमाने वाले सदस्य को कुछ हो जाता है तो उसका जीवन बीमा सारे खर्चों को पूरा करने में सक्षम होना चाहिए। यदि आपने जीवन बीमा पॉलिसी नहीं ली हुई तो जल्द से जल्द खरीदें। बच्चे के होने के बाद अपने जीवन बीमा की राशि 50 लाख रुपए बढ़ा दें।

2. अपने मौजूदा हेल्थ पॉलिसी में बच्चे को शामिल कराएं-

बच्चे के पैदा होने के बाद सुनिश्चित करें कि उसे अपने हेल्थ कवर में शामिल करवा लें। अगर आपके पास हेल्थ इंश्योरेंस नहीं है तो अब खरीद लें और उसे इसका हिस्सा बना लें। बाजार में कई पॉलिसी ऐसी भी मौजूद हैं जो पैदा हुए बच्चे को बिना किसी अतिरिक्त प्रीमियम के कवर करती हैं।

3. बच्चे के भविष्य में होने वाले खर्चों के लिए नियमित बचत शुरू करें-

शिक्षा के बढ़ते खर्च को देखते हुए कोशिश करें कि बच्चे के स्कूल जाने के 2 से 3 वर्ष पहले ही या फिर बच्चे के पैदा होते ही इस राशि का प्रबंध करना शुरू कर लें। इस छोटी अवधि के लक्ष्य की प्लानिंग के लिए अपने बैंक में रिकरिंग डिपॉजिट या फिर डेट फंड में सिस्टेमैटिक इंवेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) शुरू कर दें।

उदाहरण से समझें कि कैसे रेकरिंग डिपॉजिट (आरडी) से कर सकेंगे फंड इकट्ठा-

मान लीजिए कि खर्च 45,000 रुपए को होने वाले हैं और आपके पास 30 महीने हैं। इसके लिए 1500 रुपए की आरडी ओपन कर लें और जब 30 महीने के बाद वह मैच्योर होगी तो आपके पास पर्याप्त राशि होगी।

4. सभी फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में बच्चे का नाम नॉमिनेट करें-

अपने फाइनेंशियल प्रोडक्ट्स में जैसे कि बैंक एकाउंट्स, फिक्स्ड डिपॉजिट, म्युचुअल फंड्स या प्रॉपर्टी में बच्चे का नाम अपडेट करवाएं।

5. बच्चे के लिए सेविंग एकाउंट शुरू करें-

बच्चे के पैदा होते ही सेविंग एकाउंट की शुरुआत करें। अधिकांश बैंकों में बच्चे अपने सेंविग एकाउंट खोल सकते हैं। ऐसा करने से सबसे जरूरी बात तो बच्चा बैंक के काम करने के तरीके को समझेगा और दूसरा जब वह 8 से 10 वर्ष का होगा तब तक वह अपना एकाउंट खुद ऑपरेट करने के काबिल हो जाएगा। आपको बता दें कि बच्चे के पैदा होने के कुछ हफ्तों के बाद ही उसके पैन कार्ड के लिए आवेदन किया जा सकता है। यह एक तरह से प्रमाण पत्र का काम करता है। साथ ही यह पासपोर्ट, बैंक एकाउंट आदि बनवाने में मददगार साबित होता है।

6. चाइल्ड प्लान में निवेश न करें-

चिल्ड्रन प्लान देखने में काफी आकर्षक लगते हैं, लेकिन यह इंश्योरेंस और निवेश का मिक्स होते हैं। यह महंगे और पेचीदा होते हैं। यह यूलिप या पुराने इंश्योरेंस प्लान के जैसे ही होते हैं। इन्हें खरीदने से पहले इसके बारे में सारी जानकारी हासिल कर लें। इससे अच्छे विकल्प सामान्य टर्म प्लान, रेकरिंग डिपॉजिट या फिर SIP होते हैं।

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