नई दिल्ली। महीने की सैलरी का जब 80 फीसदी हिस्सा खाने-पीने, मकान का किराया और हर महीने आने वाले बिल भरने जैसी बुनियादी जरूरतों में खर्च हो जाए तो भविष्य को सुरक्षित करने वाली फाइनेंशियल प्लानिंग एक कठिन काम बन जाता है। सीमित आय और असीमित दायित्वों के बीच संतुलन बैठाकर भविष्य के लिए फाइनेंशियल प्लानिंग को सही दिशा देना कठिन पहेली सुलझाने जैसा ही है।
हर व्यक्ति की यह कोशिश होती है कि उसके पास एक आलीशान घर और बड़ी गाड़ी हो। अपनी छुट्टियां अच्छी जगह पर बिता सके, बच्चों को उच्च शिक्षा दिला सके। इसके बाद अपने बुढ़ापे को सुरक्षित करने के लिए बेहतर रिटायरमेंट प्लानिंग और बच्चों के लिए विरासत में बड़ी पूंजी छोड़कर जाने की शायद हर व्यक्ति की ही ख्वाहिश होती है।
लेकिन सच्चाई इससे बहुत दूर होती है। ज्यादातर नौकरी पेशा लोग क्रेडिट कार्ड के बिल, घर का किराया या ईएमआई, बच्चों की पढ़ाई और बीमारी पर बढ़ता खर्च जैसी बुनियादी जरूरतों से हर महीने जूझते नजर आते हैं।
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लोगों के सामने आती हैं यह मुश्किलें
अपनी नौकरी की शुरुआत में यह सोचकर की सभी वित्तीय दिक्कतें दूर हो जाएंगी लोग लगातार नौकरी बदलते रहते हैं। अपने पुराने कर्जे को चुकाने के लिए नए क्रेडिट कार्ड या पर्सनल लोन के लिए एप्लाई कर देते हैं। वह कल की सोचकर जीने की बजाए आज में जीने लग जाते हैं।
बढ़ती उम्र में उन्हें भारी भरकम लोन राशि की तुलना में अपनी बचत बेहद कम लगने लगती है। अपने लाइफस्टाइल की जरूरतों को पूरा करने के लिए जोखिम उठाते हैं और अपने नियोक्ता की ओर से दी जाने वाले लाभ या बेनेफिट्स पर ज्यादा निर्भर हो जाते हैं।
रिटारमेंट की उम्र करीब आते-आते वह केवल फिक्स्ड रिटर्न के विकल्पों का चयन करते हैं और यह भूल जाते हैं कि उनकी जिम्मेदारियां एक साथ जल्दी से खत्म नहीं होती।
खुद से करें ये सवाल
- खुद से यह सवाल जरूर करना चाहिए कि क्या आप अपने फाइनेंस से संतुष्ट हैं?
- क्या आप यह जानते हैं कि किस के लिए बचत कर रहे हैं
- आज के अनिश्चित समय को देखते हुए क्या आप संतुष्टी से जीवन यापन कर सकते हैं
- क्या आप अपनी सारी जिम्मेदारियों को पूरा कर पाएंगे
फाइनेंशियल प्लानिंग करते वक्त मन में होने चाहिए ये सवाल
- आपके फाइनेंशियल गोल्स क्या होने चाहिए
- अपने लक्ष्यों के देखते हुए आप मौजूदा समय में कहां खड़ें हैं
- आज को देखते हुए अपने लक्ष्यों तक कैसे पहुंचेंगे
फाइनेंशियल प्लानिंग को लेकर लोगों के जहन में जो भ्रम है वह है
फाइनेंशियल प्लानिंग जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के लिए लगातार आय और व्यय के बीच सामंजस बैठाकर सटीक प्रबंधन करने की एक निरंतर प्रक्रिया है।
अपने जीवन के लक्ष्यों को पूरा करने के दो तरीके हैं-
पहला बिना किसी प्लानिंग के, जहां भविष्य में आपके पास पैसा होगा और उसके बाद फैसला करेंगे कि लक्ष्यों को कैसे पूरा किया जा सकता है।
दूसरा यह कि प्लानिंग के साथ, आप पहले से इस बात का फैसला कर लेते हैं कि आपके क्या लक्ष्य हैं और उन्हें कैसे पूरा करेंगे। ऐसा करने से आपकी प्लानिंग आसान हो जाती है। इसकी मदद से आप अपने आज और भविष्य के लाइफस्टाइल को संतुलित कर सकते हैं।
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फाइनेंशियल प्लानिंग के अंतर्गत क्या आता है-
रिटारमेंट प्लानिंग, बच्चे के भवि,य की प्लानिंग, निवेश योजना, टैक्स योजना, निवेश सलाह, इंश्योरेंस प्लानिंग, एस्टेट प्लानिंग और कैश फ्लो मैनेजमेंट प्लानिंग
इसका निष्कर्ष यह हुआ कि अच्छी फाइनेंशियल प्लानिंग व्यक्ति को अच्छे निवेश विकल्प में निवेश करने के लिए प्रेरित करती है, जिससे वह अपने लक्ष्यों को उनकी प्राथमिकता के आधार पर हासिल कर सकें।
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