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वित्त मंत्रालय ने 2016-17 के लिए EPF पर 8.65% ब्याज को दी अनुमति, 4 करोड़ सदस्‍यों के खाते में जमा होगी राशि

श्रम मंत्री बंडारू दत्‍तात्रेय ने गुरुवार को बताया कि वित्त मंत्रालय ने वित्‍त वर्ष 2016-17 के लिए EPF पर 8.65% ब्याज दर को अंतिम मंजूरी दे दी है।

Abhishek Shrivastava
Updated : April 20, 2017 18:32 IST
वित्त मंत्रालय ने 2016-17 के लिए EPF पर 8.65% ब्याज को दी अनुमति, 4 करोड़ सदस्‍यों के खाते में जमा होगी राशि
वित्त मंत्रालय ने 2016-17 के लिए EPF पर 8.65% ब्याज को दी अनुमति, 4 करोड़ सदस्‍यों के खाते में जमा होगी राशि

नई दिल्‍ली। श्रम मंत्री बंडारू दत्‍तात्रेय ने गुरुवार को बताया कि वित्त मंत्रालय ने वित्‍त वर्ष 2016-17 के लिए EPF (कर्मचारी भविष्‍य निधि) पर 8.65% ब्याज दर को अंतिम मंजूरी दे दी है। इससे कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के चार करोड़ से अधिक अंशधारकों के खाते में ब्‍याज राशि को जमा किया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि वित्‍त मंत्रालय ने 8.65 फीसदी ब्‍याज दर पर अपनी सहमति जता दी है और इस संबंध में अधिसूचना जल्‍द जारी की जाएगी। अब संदेह के सारे बादल छंट गए हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि हम जल्‍द ही अधिसूचना जारी करेंगे और चार करोड़ सदस्‍यों के खाते में ब्‍याज की राशि जमा की जाएगी।

श्रम मंत्री ने की थी 8.65 फीसदी ब्याज दर की अपील

श्रम मंत्री बंडारू दत्तात्रेय लगातार कह रहे थे कि ईपीएफओ के अंशधारकों को 2016-17 के लिए 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा। मंत्री ने कहा कि केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 8.65 प्रतिशत ब्याज देने का फैसला किया है। हमारा मंत्रालय इस बारे में वित्त मंत्रालय से विचार विमर्श करता रहता है। 8.65 प्रतिशत का ब्याज देने के बाद हमारे पास 158 करोड़ रपये का अधिशेष बचेगा।

वित्त मंत्रालय की मंजूरी जरूरी

आमतौर पर न्यासी बोर्ड द्वारा ब्याज दर पर जो फैसला लिया जाता है उस पर वित्त मंत्रालय की मंजूरी लेने की जरूरत होती है। वित्त मंत्रालय मंजूरी देते समय यह देखता है कि क्या ईपीएफओ न्यासियों द्वारा मंजूर दर अपनी आय से देने में सक्षम है या नहीं। वित्त मंत्रालय द्वारा सीबीटी द्वारा मंजूर दर को अनुमोदित करने के बाद संबंधित वित्त वर्ष के लिए इसे ईपीएफओ सदस्यों के खाते में डाल दिया जाएगा।

पिछले वित्त वर्ष में वित्‍त मंत्रालय ने घटाया था ब्याज

वित्त मंत्रालय ने पिछले साल CBT द्वारा 2015-16 के लिए मंजूर 8.8 फीसदी की ब्याज दर को घटाकर 8.7 प्रतिशत करने का फैसला किया था, जिसकी काफी आलोचना हुई थी। उसके बाद सरकार ने इसे फिर 8.8 प्रतिशत कर दिया था। वित्त मंत्रालय लगातार श्रम मंत्रालय से ईपीएफ ब्याज दरों को कम करने को कह कहा है। उसका कहना है कि ईपीएफ पर दरों को भी अन्य बचत योजनाओं मसलन पीपीएफ के अनुरूप लाया जाए।

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