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Personal Finance : ऐसे करें अपने पैसों का प्रबंधन, अपने आर्थिक लक्ष्‍यों को पाने में होगी आसानी

इंवेस्‍टमेंट प्रोफेशनल्‍स लोगों को आर्थिक लक्ष्‍य तय करने की सलाह देते हैं जिसे सिर्फ अपने पर्सनल फाइनेंस के प्रभावी प्रबंधन से ही प्राप्‍त किया जा सकता है।

Manish Mishra
Published on: November 20, 2017 14:23 IST
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Personal Finance : ऐसे करें अपने पैसों का प्रबंधन, अपने आर्थिक लक्ष्‍यों को पाने में होगी आसानी

नई दिल्‍ली। भविष्‍य अनिश्चितताओं से भरा है। आर्थिक लक्ष्‍य तय करना किसी भी व्‍यक्ति के जीवन का महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा होता है। इंवेस्‍टमेंट प्रोफेशनल्‍स लोगों को सोच-समझ कर आर्थिक लक्ष्‍य तय करने की सलाह देते हैं जिसे सिर्फ अपने पर्सनल फाइनेंस के प्रभावी प्रबंधन से ही प्राप्‍त किया जा सकता है। अब सवाल उठता है कि पर्सनल फाइनेंस है क्‍या? सामान्‍य शब्‍दों में कहें तो पर्सनल फाइनेंस पैसों के प्रबंध का विज्ञान है। इसमें किसी व्‍यक्ति या परिवार की सभी गतिविधियां और वित्‍तीय निर्णय शामिल होते हैं। पर्सनल फाइनेंस में किसी वित्‍तीय उत्‍पाद की खरीदारी जैसे होम लोन, जीवन बीमा, क्रेडिट कार्ड्स और कार लोन आदि शामिल होते हैं। बैंकिंग भी पर्सनल फाइनेंस का ही एक हिस्‍सा है।

पर्सनल फाइनेंस के मुख्‍य बिंदु

पर्सनल फाइनेंस विभिन्‍न पहलुओं जैसे निवेश, लोन, कमाई, बचत, टैक्‍स, कर्ज प्रबंधन, बजट बनाना और खर्च को कवर करता है। आपकी कमाई जितनी अधिक होगी, आपकी जीवनशैली भी उतनी ही बेहतर होगी। किसी भी व्‍यक्ति में बेहतर कमाई करने की क्षमता होनी चाहिए। निवेश से जुड़े प्रोफेशनल्‍स भी लोगों को हमेशा यह सलाह देते हैं कि वे विभिन्‍न माध्‍यमों से अपनी कमाई में इजाफा करें। आप कितना बचाते हैं यह इस बात से ज्‍यादा महत्‍वपूर्ण है कि आप कितना कमाते हैं। बेहतर बचत कर आप अपने भविष्‍य को आर्थिक कमी से सुरक्षित कर सकते हैं। पर्सनल फाइनेंस का प्राथमिक पहलू कमाई और खर्च के बीच संतुलन स्‍थापित करना है। बजट बनाकर चलने से आपको यह संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।

अब सवाल उठता है कि आपको बजट बनाने की क्‍या जरूरत है? बजट आपको अपने खर्च को तरजीही तौर पर रखने में मदद करता है, आपके दिन-प्रतिदिन के खर्चों का प्रबंधन करता है और निवेश के वैकल्पिक माध्‍यमों की तलाश करता है। आर्थिक लेनदेन का प्रबंधन पर्सनल फाइनेंस का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा है। उधार या लोन काफी महत्‍वपूर्ण हैं। क्रेडिट कार्ड पर लोन लेना अच्‍छा निर्णय नहीं है। यह सलाह दी जाती है कि आप वैसे लोन से बचें जो आपके हाइपोथिकेशन की तरफ जाता है।

क्रेडिट रेटिंग के महत्‍व को समझें

अगर आपकी क्रेडिट रेंटिंग अच्‍छी है तो आपको अमेक्षाकृत कम ब्‍याज दर पर कर्ज लेने में मदद मिल सकती है। क्रेडिट स्‍कोर यह प्रदर्शित करता है कि किसी व्‍यक्ति की ऋण लेने की पात्रता कितनी अधिक है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा स्‍थापित देश में चार रेटिंग एजेंसियां हैं। किसी भी व्‍यक्ति की रेटिंग तीन अंकों की संख्‍या में की जाती है। यह संख्‍या जितनी बड़ी होगी ऋण लेने की पात्रता भी उतनी ही अधिक होगी। यह संख्‍या जितनी कम होगी ऋण लेने की पात्रता भी उतनी ही कम होगी। ऐसे कई तरीके हैं जिनके जरिए आप अपनी ऋण लेने की पात्रता बढ़ा सकते हैं। ज्‍यादातर लोग इस पहलू पर गौर नहीं करते हैं। अपनी विश्‍वसनीयता बनाए रखने का सबसे बढि़या तरीका यह है कि आप अपने क्रेडिट कार्ड के बिल का भुगतान नियत समय से पहले कर दिया करें। अगर आपकी क्रेडिट रेटिंग खराब है तो संभव है कि बैंक आपके लोन के आवेदन को खारिज कर दे।

पर्सनल फाइनेंस के टिप्‍स

बजट बनाइए

प्रत्‍येक व्‍यक्ति को बजट बनाना चाहिए यह सबसे प्रारंभिक चरण है और सबसे अधिक फायदेमंद भी। अब आप पूछेंगे कि बजट क्‍या है? बजट आपके नकद के आने और जाने का प्रबंधन प्रभावी तरीके से करता है। विशेषज्ञों के अनुसार, 50/30/20 का बजटिंग सिस्‍टम सबसे बेहतर रूपरेखा उपलब्‍ध कराता है। इसका मतलब है कि आपकी कमाई का 50 फीसदी आधारभूत जरूरतों जैसे घर के सामान (किराना, खाने-पीने का), परिवहन, किराया और यूटिलिटी बिल्‍स के लिए जाता है। 30 फीसदी हिस्‍सा जीवनशैली से जुड़ी चीजों जैसे शॉपिंग, बाहर खाना खाने आदि में जाता है और शेष 20 फीसदी आपातकालीन परिस्थितियों और रिटायरमेंट करने के लिए बचाया जाता है।

आपतकालीन परिस्थितियों के लिए प्रावधान

अगर आप अपने परिवार के कमाऊ सदस्‍य हैं तो आपको आपातकालीन परिस्थितियों के लिए प्रावधान करते हुए चलना चाहिए। इसका मतलब हुआ कि आपको अपनी शुद्ध कमाई का 10 से 20 फीसदी हिस्‍सा मेडिकल खर्चों और यूटिलिटी बिल्‍स के लिए बचा कर रखना चाहिए।  जो लोगा आपातकालीन परिस्थितियों के लिए बचत नहीं करते हैं उन्‍हें भविष्‍य में आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यह याद रखें कि यह बचत से बिल्‍कुल भिन्‍न है। सामान्‍य तौर पर ऐसा देखा गया है कि जो लोग विपरीत परिस्थिति के लिए पैसे नहीं बचाते उन्‍हें काफी दिक्‍कतें होती हैं।

जहां तक संभव हो कर्ज से बचें

अपनी कमाई से ज्‍यादा खर्च करना कुछ लोगों की प्रवृत्ति होती है। यह गलत आदत है। अपनी कमाई से ज्‍यादा खर्च करना आपको परेशानी में डाल सकता है। जहां तक संभव हो खुद को कर्ज से दूर ही रखें। हम में से हर कोई कर्ज-मुक्‍त नहीं हो सकता लेकिन कर्ज लेने पर अंकुश लगाया जाना चाहिए। कभी कभार किसी परिसंपत्ति के सृजन के लिए कर्ज लेना लाभकारी भी होती है। उदाहरण के तौर पर होम लोन लेकर घर खरीदना। भविष्‍य में परेशानियों से बचने के लिए जितना संभव हो सके, कर्ज लेने से बचें।

विवेक से करें क्रेडिट कार्ड का इस्‍तेमाल

क्रेडिट कार्ड क्‍या है? क्रेडिट कार्ड बैंकों द्वारा उपलब्‍ध कराई जाने वाली विस्‍तारी बैंकिंग सुविधा है। प्रत्‍येक क्रेडिट कार्ड की एक क्रेडिट लिमिट होती है जिसे किसी व्‍यक्ति की मासिक कमाई और उसके कर्ज लेने की पात्रता के आधार पर तय किया जाता है। क्रेडिट कार्ड का भुगतान ग्रेस पीरियड के भीतर ही कर देना चाहिए क्‍योंकि बाद में भुगतान करने से आपका बोझ बढ़ेगा ही। यह सुनि‍श्चित करें कि आप क्रेडिट कार्ड की क्रेडिट लिमिट के 30 फीसदी से ज्‍यादा का खर्च नहीं कर रहे हैं। अतिरिक्‍त शुल्‍कों से बचने के लिए तय समय से पहले या निर्धारित समय तक बिल का भुगतान कर दें।

अपने क्रेडिट रेटिंग पर दें खास ध्‍यान

ऋण की पात्रता या क्रेडिट स्‍कोर बनाने और उसके प्रबंधन में क्रेडिट कार्ड की भूमिका महत्‍वपूर्ण होती है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां आपके बैंकों द्वारा दाखिल की गई क्रेडिट रिपोर्ट के बाधार पर आपकी रेटिंग करती हैं। एक अच्‍छी क्रेडिट हिस्‍ट्री आपकी क्रेडिट रेटिंग को बेहतर बना सकती है जिससे आपको अपेक्षाकृत कम ब्‍याज दर पर बैंक से लोन लेने में मदद मिलती है। अगर आप यह सोचते हैं कि आपकी क्रेडिट रेटिंग खराब है तो आप इसे सुधार सकते हैं। क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों जैसे एक्‍सपीरियन, ट्रांसयूनियन और इक्विफैक्‍स से आप अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की मुफ्त प्रति प्राप्‍त कर सकते हैं।

रिटायरमेंट के लिए कर लें तैयारी

आपको रिटायरमेंट के बाद शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए आपको आर्थिक रूप से तैयार रहना चाहिए क्‍योंकि रिटायरमेंट आपकी उम्‍मीदों से कहीं जल्‍दी दस्‍तक दे जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद आपको अपने मौजूदा वेतन के लगभग 80 फीसदी की जरूरत पड़ेगी। इसके लिए आपको बचत की शुरुआत जल्‍दी करनी चाहिए। आप जितनी जल्‍दी शुरुआत करेंगे उतना ही अधिक लाभ आपको अपने निवेश से होगा। आपको सलाह दी जाती है कि आप भविष्‍य के लिए धन बचाने हेतु ऐसे प्‍लान में निवेश करें जिस पर टैक्‍स बेनिफिट भी मिलता हो।

सारांश

पर्सनल फाइनेंस और कुछ नहीं बल्कि आपके पैसों का बुद्धिमतापूर्वक प्रबंधन करना है। कई लोगों को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। आर्थिक रूप से सुरक्षित और धनी बनने के लिए विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को बुद्धिमतापूर्वक ण्‍क डायवर्सिफायड पोटफोलियो में निवेश करना चाहिए। निवेश पोर्टफोलियो कुछ इस तरह बनाना चाहिए जो आपको लंबी अवधि में ज्‍यादा रिटर्न दे सके। बेहतर रहेगा कि आप सहायता के लिए निवेश सलाहकारों की सहायता लें जो आपको लंबी अवधि में धन अर्जित करने में मार्गदर्शक की भूमिका निभा सकते हैं।

(यह बैंकबाजार डॉट कॉम का एक प्रायोजित लेख है।)

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