नई दिल्ली। शेयरों में निवेश करने वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड से अगस्त में करीब 4,000 करोड़ रुपये की निकासी हुई। मुनाफावसूली के चलते यह लगातार दूसरा महीना है जब इक्विटी म्यूचुअल फंड से निकासी दर्ज की गयी है। म्यूचुअल फंड कंपनियों के संगठन एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स (एएमएफआई) ने बुधवार को यह आंकड़े जारी किए। इसके मुताबिक निवेशकों ने बांड म्यूचुअल फंड से भी अगस्त में 3,907 करोड़ रुपये की निकासी की, जबकि जुलाई में इस श्रेणी में 91,392 करोड़ रुपये का भारी निवेश हुआ था। अगस्त में म्यूचुअल फंड उद्योग में कुल 14,553 करोड़ रुपये की निकासी हुई है। जबकि जुलाई में निवेशकों ने म्यूचुअल फंड में 89,813 करोड़ रुपये का निवेश किया था।
आंकड़ों के मुताबिक निवेशकों ने अगस्त में इक्विटी या उससे जुड़ी योजनाओं से 3,999.62 करोड़ रुपये की निकासी की। जुलाई में यह आंकड़ा 2,480.35 करोड़ रुपये था। जबकि इससे पहले इन योजनाओं में जून में 240.55 करोड़ रुपये, मई में 5,256 करोड़ रुपये, अप्रैल में 6,213 करोड़ रुपये, मार्च में 11,723 करोड़ रुपये, फरवरी में 10,796 करोड़ रुपये और जनवरी में 7,877 करोड़ रुपये का निवेश आया था। मोतीलाल ओसवाल एसेट मैनेजमेंट कंपनी के रिसर्च हेड संतोष कुमार सिंह ने कहा कि उपभोक्ताओं का यह सामान्य व्यवहार रहा है कि सुधार के बाद जब बाजार गिरता है तो धन निकलने लगता है। वैश्विक वित्तीय संकट के दौर में भी ऐसा ही देखा गया था। इसके अलावा सिंह का कहा है कि ‘अनिश्चित वातावरण भी एक अहम वजह है। वायरस और अर्थव्यवस्था को लेकर अब भी तमाम आंकड़े निराशाजनक है।’ उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं लगता कि निकासी का यह रुझान लम्बा चलेगा। मॉर्निंगस्टार इंडिया के शोध प्रबंध सहायक निदेशक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि इसकी बड़ी वजह शेयर बाजारों में बढ़त के चलते निवेशकों की मुनाफा वसूली हो सकती है।