नई दिल्ली। संसद की एक समिति ने कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) द्वारा चलाई जाने वाली सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में संशोधन का सुझाव दिया है। समिति का कहना है कि ईपीएफओ को बेरोजगारी बीमा तथा ग्रैच्युटी लाभ उपलब्ध कराना चाहिए।
फिलहाल ईपीएफओ अपनी तीन योजनाओं के तहत सेवानिवृत्ति कोष (ईपीएफ), पेंशन और समूह बीमा की सुविधा उपलब्ध कराता है। इनमें कर्मचारी भविष्य निधि कोष 1952, कर्मचारी पेंशन योजना 1995 और कर्मचारी जमा से संबद्ध बीमा योजना 1978 शामिल है।
लोकलेखा समिति ने संसद में आज पेश रिपोर्ट में कहा है कि योजना की समीक्षा-संशोधन कर इसमें बेरोजगारी बीमा तथा ग्रैच्युटी को जोड़ा जाना चाहिए। हालांकि, श्रम मंत्रालय ने समिति को अपने जवाब में कहा है कि बेरोजगारी बीमा मौजूदा ईडीएलआई योजना के तहत नहीं है। इसमें बीमा जमा से संबद्ध होता है। ऐसे में इसे लागू करना फिलहाल व्यावहारिक नहीं है। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया है कि ग्रैच्युटी के भुगतान का संचालन ग्रैच्युटी भुगतान कानून, 1972 के तहत होता है। यह राज्यों के श्रम विभाग के प्रशासन के दायरे में आता है।
हालांकि, समिति ने कहा है कि कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति/मृत्यु/बीमारी/विकलांगता से संबंधित सभी लाभ एक योजना के तहत शामिल किए जाने चाहिए। कर्मचारी पेंशन कोष के वार्षिक मूल्यांकन में लंबी देरी को चिह्नित करते हुए समिति ने इस तरह की बड़ी देरी करने वाले जिम्मेदार लोगों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की सिफारिश की है।