नई दिल्ली। रिटायरमेंट फंड बॉडी ईपीएफओ (EPFO) वित्त वर्ष 2020-21 के लिए प्रोविडंट फंड डिपोजिट पर ब्याज दर की घोषणा 4 मार्च को कर सकती है। इस दिन सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज की बैठक श्रीनगर में आयोजित होगी। सूत्रों ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) 4 मार्च को होने वाली सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT) की बैठक में वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ब्याज दर की घोषणा कर सकता है।
ईपीएफओ के एक ट्रस्टी केई रघुनाथन ने समाचार एजेंसी पीटीआई से बात करते हुए कहा कि सोमवार को ही उन्हें जानकारी मिली है कि सीबीटी की अगली बैठक 4 मार्च को श्रीनगर में आयोजित होगी और इस बैठक के एजेंडा की जानकारी भी जल्द ही सबको भेजी जाएगी। उन्होंने बताया कि प्रारंभिक सूचना मेल में 2020-21 के लिए ब्याज दर तय करने पर चर्चा को लेकर कोई जानकारी नहीं दी गई है।
ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ईपीएफओ वित्त वर्ष 2020-21 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज की दर में कुछ कटौती कर सकती है। वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 8.5 प्रतिशत ब्याज दर की घोषणा की गई है और लाखों अंशधारकों को अभी तक उनके खाते में ब्याज की राशि प्राप्त नहीं हुई है।
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सूत्रों ने बताया कि कोरोना वायरस महामारी के कारण वित्त वर्ष 2020-21 में सदस्यों द्वारा निकासी अधिक और अंशदान कम किया गया है, जिसके चलते इस बार ब्याज दर में कटौती हो सकती है।
पिछले साल मार्च में ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए ईपीएफ में जमा राशि पर ब्याज की दर घटाकर 8.5 प्रतिशत की दी थी, जो पिछले सात साल का सबसे कम दर थी। इससे पहले 2018-19 में 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया गया था। 2019-20 में ईपीएफ पर दी जाने वाली ब्याज दर 2012-13 के बाद सबसे कम 8.5 प्रतिशत है।
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ईपीएफओ ने 2016-17 के लिए अपने अंशधारकों को 8.65 प्रतिशत ब्याज दिया था। 2017-18 में ब्याज की दर 8.55 प्रतिशत थी। 2015-16 में अंशधारकों को 8.8 प्रतिशत ब्याज का भुगतान किया गया था। 2013-14 और 2014-15 में में ईपीएफओ ने 8.75 प्रतिशत ब्याज दिया था। 2012-13 में अंशधारकों को 8.5 प्रतिशत ब्याज दर का भुगतान किया गया था।
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