Sunday, November 03, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. मेरा पैसा
  4. टैक्‍स सेविंग्‍स के लिए ELSS भी हो सकता है बेहतरीन विकल्‍प, निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्‍याल

टैक्‍स सेविंग्‍स के लिए ELSS भी हो सकता है बेहतरीन विकल्‍प, निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्‍याल

अक्‍सर हड़बड़ी में ली गई इंश्‍योरेंस पॉलिसी आपके लिए फायदेमंद नहीं होती और आप इसे बीच में बंद करना पड़ता हैं। निवेश करने से पहले इन बातों का रखें ख्याल।

Dharmender Chaudhary
Published on: December 16, 2015 7:50 IST
टैक्‍स सेविंग्‍स के लिए ELSS भी हो सकता है बेहतरीन विकल्‍प, निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्‍याल- India TV Paisa
टैक्‍स सेविंग्‍स के लिए ELSS भी हो सकता है बेहतरीन विकल्‍प, निवेश से पहले इन बातों का रखें ख्‍याल

नई दिल्‍ली। दिसंबर आधा बीत चुका है, जनवरी आने वाली है। इस दौरान आपको अपने इंप्‍लॉयर के पास टैक्‍स सेविंग से जुड़े डॉक्‍यूमेंट सबमिट करने होंगे। कई बार हम टैक्‍स सेविंग की हड़बड़ी में इंश्‍योरेंस स्‍कीम या एफडी खरीद ले लेते हैं। लेकिन अक्‍सर हड़बड़ी में ली गई इंश्‍योरेंस पॉलिसी आपके लिए फायदेमंद नहीं होती और आप इसे बीच में बंद कर अपना पैसा अटका देते हैं। वहीं एफडी में निवेश पर टैक्‍स छूट पाने के लिए 5 साल का लॉकइन पीरिएड जरूरी होता है। इसे देखते हुए ईएलएसएस (इक्विटी लिंक्‍ड सेविंग स्‍कीम) निवेश कई मायनों में लाभदायक है। क्‍योंकि निवेशक को इनकम टैक्स के सेक्शन 80  सी के तहत सालाना 1,50,000 रुपए तक की कर कटौती का फायदा ईएलएसएस में भी मिलता है। वहीं इसका लॉक इन पीरिएड भी मात्र 3 साल होता है।

यह भी पढ़ें- छोटी सेविंग्‍स पर चाहिए बड़ा फायदा तो अपनाइए रेकरिंग डिपॉजिट का रास्ता

टैक्‍स बेनेफिट के साथ बढ़ेगी पूंजी

टैक्स बेनिफिट्स के कारण यह म्युचुअल फंड की श्रेणी में एक पॉपुलर प्रोडक्ट बन गया है। ईएलएसएस 80  फीसदी इक्विटी और इक्विटी संबंधित इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करता है।  जिसके चलते इसमें निवेशकों को रिटर्न भी काफी बेहतर मिलते हैं।

यह भी पढ़ें- भारतीय शेयर बाजार से घटा विदेशी निवेशकों का रुझान, इस साल FPI निवेश मात्र तीन अरब डॉलर

लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न

आमतौर पर ऐसा माना जाता है कि ईएलएसएस स्कीम्स में तीन वर्ष का लॉकिंग पिरियड होता है और मैनेजर्स पर के शॉर्ट टर्म एनएवी यानि कि नेट एसेट वेल्यु का भी प्रैशर नहीं होता। जो कि बाकि इक्विटी एमएफ मैनेजर्स पर होता है। ऐसा देखा गया है कि एमएफ छोटी और लंबी अवधि में ईएलएसएस से ज्यादा रिटर्न देता है।

तीन साल से पहले नहीं मिलता ईएलएसएस का पैसा

ईएलएसएस में तीन वर्ष के लॉक इन पिरियड के कारण कोई भी व्यक्ति इस दौरान रीडीम, बिक्री, या इसका हस्तांतरण नहीं कर सकता है। यूनिट की खरीदारी से तीन सालों की गणना होती है। इसलिए तीन साल तक पैसों की तरलता का मुद्दा बना रहता है।

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Personal Finance News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement