नई दिल्ली। वर्ष 2016 में दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में ऑफिस को किराए पर लेने यानि ऑफिस लीजिंग में आठ प्रतिशत की कमी आई है जिसकी मुख्य वजह आपूर्ति कम रहना है। हालांकि 2017 में इसमें सुधार की उम्मीद है क्योंकि इस साल कई कॉमर्शियल प्रोजेक्ट पूरे हो रहे हैं।
रियल्टी क्षेत्र की सलाहकार कंपनी CBRE के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 में किराए पर लेने योग्य ऑफिस स्पेस 86 लाख वर्ग फुट रहा जो पिछले साल 94 लाख वर्गफुट था। जबकि इसी अवधि में ऑफिस स्पेस की आपूर्ति 28 लाख वर्गफुट रही जो 2015 में 1.02 करोड़ वर्ग फुट थी।
सीबीआरई दक्षिण एशिया के प्रबंध निदेशक (सलाहकारी एवं विनिमय सेवाएं) राम चंदनानी ने कहा कि
- ए श्रेणी की कई इमारतों को अंतिम कब्जा प्रमाणपत्र मिलने का इंतजार है और इनके 2017 में पूरे होने की उम्मीद है। इससे 2016 में आपूर्ति में आई कमी में अपेक्षाकृत सुधार आएगा।
कमजोर बाजार के बावजूद यहां रहा दबदबा
- ऑफिस स्पेस किराए पर लेने का बाजार कमजोर रहने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरू का इसमें वार्षिक आधार पर दबदबा देखा गया।
- यहां कुल उपलब्ध स्थान का करीब 47 प्रतिशत किराये पर ले लिया गया।
- देश के सात प्रमुख शहरों में किराए पर ऑफिस लेने में 2016 में नौ प्रतिशत वृद्धि हुई और कारपोरेट की ओर से 4.3 करोड़ वर्गफुट की मांग देखी गई।
- जबकि आपूर्ति 3.5 करोड़ वर्गफुट स्थान की रही।
- येे सात शहर दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरू, हैदराबाद और पुणे हैं।