नई दिल्ली। मुंबई में रहने वाले कार्तिक को इसी महीने अपनी पत्नी को एनिवर्सिरी के मौके पर आईफोन गिफ्ट करना चाह रहे थे। लेकिन फाइनेंशियल इयर के लिए टैक्स सेविंग के चलते उनका बैंक बैलैंस जनवरी की शुरुआत में ही खाली हो गया। ऐसे में कार्तिक के पास अपनी बीवी को खुश करने के पास दो ऑप्शन थे, या तो वह बैंक से पर्सनल लोन ले या फिर अपना क्रेडिट कार्ड स्वैप कर उसकी ईएमआई बनवा ले। कई बार आप लोग भी कार्तिक की तरह ही इसी असमंजस में फंस जाते हैं। आपकी इसी मुश्किल को हल करने के लिए इंडिया टीवी पैसा की टीम आपको बताने जा रही है, क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन से जुड़े पहलुओं के बारे में। जिनके आधार पर आप अपने अंतिम फैसले पर आसानी से पहुंच सकते हैं।
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क्रेडिट कार्ड के साथ नहीं है कागजात की टेंशन
पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड लोन के बीच तुलना की जाए तो दोनों में ही निश्चित प्रक्रिया का पालन किया जाता है। लेकिन फिर भी क्रेडिट कार्ड का लोन आसानी से और जल्दी प्राप्त हो जाता है। यदि आप पर्सनल लोन ऑनलाइन एप्लाइ्र करते हैं तो इसके लिए आपको अपनी पे स्लिप, फॉर्म 16, बैंक स्टेटमेंट्स और केवाईसी डॉक्यूमेंट बैंक के पास फिजिकली सबमिट करने होते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में 48 से लेकर 72 घंटों से लेकर करीब 1 सप्ताह का वक्त लग सकतो है। वहीं क्रेडिट कार्ड लोन के लिए आपको सिर्फ कस्टमर केयर नंबर पर अपने कार्ड पर लोन के लिए रिक्वेस्ट डालनी होती है। 24 से 48 घंटे के भीतर ये अमाउंट आपके खाते में आ जाता है। एचडीएफसी बैंक में ऑनलाइन बैंकिंग में सीधे ईएमई की सुविधा मिलती है।
पर्सनल लोन से कम हैं क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें
इंट्रेस्ट रेट की बात करें तो पर्सनल लोन पर बैंक 13 से 22 फीसदी के बीच कर्ज मुहैया करवाते हैं। वहीं क्रेडिट कार्ड की बात की जाए तो इस पर ब्याज की दरें 10 से 18 फीसदी के बीच है। ऐसे में ब्याज दरों के मुकाबले में भी क्रेडिट कार्ड से लोन लेना ज्यादा फायदेमंद है। लेकिन यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि क्रेडिट कार्ड में फ्लैट रेट से ब्याज देना होता है। वहीं पर्सनल लोन पर रिड्यूसिंग रेट होने के चलते ब्याज लगातार घटता जाता है। ऐसे में लंबे समय के कर्ज लेने के लिए पर्सनल लोन की अधिक ब्याज दरें भी फायदेमंद रह सकती हैं।
खुद ईएमआई में कनवर्ट कर सकते हैं पर्चेजिंग
विशेषज्ञों के अनुसार अगर आप कम समय के लिए कर्ज लेना चाहते हैं तो क्रेडिट कार्ड बेहतर विकल्प है। एसबीआई से लेकर आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसे बैंक क्रेडिट कार्ड पर कर्ज देते हैं। ये बैंक 6 महीने से लेकर 24 महीने तक की ईएमआई की विकल्प देते हैं। एसबीआई और एचडीएफसी क्रेडिट कार्ड से 30 दिन के अंदर की गई खरीदारी को ईएमआई में कनवर्ट करता है। बैंकर्स के मुताबिक पर्सनल लोन कोलैट्रल फ्री लोन होता है, ऐसे में बैंक पर्सनल लोन देने में कंजरवेटिव रवैया रखते हैं। साथ ही पर्सनल लोन में कागजी कार्यवाही भी ज्यादा होती है।
छोटी अवधि के कर्ज के लिए क्रेडिट कार्ड बेहतर
क्रेडिट कार्ड आपको फ्लैट रेट से लोन देते हैं, वहीं पर्सनल लोन रिड्यूसिंग रेट से मिलता है। यानि कि प्रिंसिपल अमाउंट कम होने के साथ ही किश्तों का बोझ कम होता है। इसका फायदा लंबी अवधि के कर्ज में मिलता है। लेकिन यदि आप 3 महीने या 6 महीने के लिए कर्ज ले रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड का ईएमआई ऑप्शन बेहतर है। क्योंकि बैंक 12 से 24 महीने के लिए पर्सनल लोन देते हैं। ज्यादातर बैंक 2500 रुपये से ज्यादा की गई खरीदारी को ईएमआई में कनवर्ट करने का विकल्प देते हैं। ऐसे में छोटी खरीदारी से लेकर बड़ी खरीदारी को ईएमआई में कनवर्ट करा सकते हैं।
बडे़ कर्ज के लिए यूं घटाएं पर्सनल लोन की किस्त
यदि आप 1 से 2 लाख या इससे अधिक का बड़ा कर्ज लेना चाह रहे हैं तो क्रेडिट कार्ड की बजाए पर्सनल लोन बेहतर है। क्योंकि पहली बात क्रेडिट कार्ड पर लिमिट तय होती है, वहीं लंबे समय तक ब्याज अदा करने पर इंट्रेस्ट अमाउंट बहुत बढ़ जाता है। ऐसे में आप एफडी या गोल्ड पर लोन ले सकते हैं। एफडी पर लोन लेने पर पर्सनल लोन के मुकाबले काफी कम ब्याज चुकाना पड़ता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि एफडी पर लोन सुरक्षित (सिक्योर्ड) लोन की श्रेणी में आता है, जबकि पर्सनल लोन को अपेक्षाकृत असुरक्षित माना जाता है। इसलिए आपको अचानक पैसों की जरूरत आ पड़ी है, तो पर्सनल लोन के बजाय हम एफडी पर लोन लेने की ही सलाह देंगे।