नई दिल्ली: अभिभावक के तौर पर, आपके बच्चे आपकी सबसे बड़ी जिम्मेदारी होते हैं और आप हमेशा चाहते हैं कि आप अपने बच्चे को बेहतर से बेहतर भविष्य उपलब्ध कराएं। अधिकांश लोग चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान के बारे में जानते तो हैं, लेकिन ज्यादातर लोगों को इसके लाभ के बारे में कुछ गलतफमियां भी होती हैं। एक नए अभिभावक को यह समझना चाहिए कि चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान वास्तव में इंश्योरेंस-कम- इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स होते हैं, जो आपकी अनुपस्थिति में आपके बच्चे के भविष्य को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। यह प्लान डेथ कवर देता है और यह आपके बच्चे की उच्च शिक्षा और शादी जैसे कामों के लिए बचत को सुनिश्चित करता है।
अभिभावकों को चाइल्ड इंश्योरेंस के बारे में जो भ्रम हैं उन्हें आज इंडिया टीवी पैसा दूर करेगा। चाइल्ड इंश्योरेंस को लेकर लोगों के मन में जो गलत धारणाएं हैं, उन्हें सही करने के लिए हम आपको विस्तार से बताएंगे।
भ्रम 1: आपके बच्चे का जीवन चाइल्ड इंश्योरेंस के तहत कवर होता है।
वास्तविकता: सामान्य तौर पर किसी दुर्घटना या अभिभावक की असमय मौत पर चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान में अभिभावक कवर होते हैं और बच्चा लाभार्थी होता है। चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान की मदद से बढ़ते शिक्षा खर्च को पूरा करने में मदद मिलती है और इससे बच्चे की अन्य जरूरतों को भी पूरा किया जा सकता है। एक चाइल्ड प्लान एक वित्तीय सहायक के तौर पर आपकी मदद करता है, जब आपका बच्चा विभिन्न जीवन स्तर पर होता है, जैसे प्राइमरी और उच्च शिक्षा, बिजनेस शुरू करना या शादी।
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भ्रम 2: आपकी असमय मृत्यु पर आपके बच्चे को प्रीमियम का भुगतान करना पड़ेगा।
वास्तविकता: आपकी असमय मृत्यु पर आपका इंश्योरर नॉमिनी को एक लंपसंप राशि का भुगतान करेगा, जो आपके बच्चे के भविष्य की जरूरतों को पूरा करेगा। सामान्य तौर पर अभिभावकों की असमय मौत पर ये पॉलिसी बंद नहीं होती हैं। अधिकांश कंपनियां पॉलिसी खरीदते वक्त प्रीमियम छूट का प्रस्ताव देती हैं और आपके बच्चे को आपकी अनुपस्थिति में भविष्य में कोई भी प्रीमियम देने की आवश्यकता नहीं होती। इसके विपरीत आपका इंश्योरर आपके बच्चे की तरफ से भविष्य की प्रीमियम को भरता है।
भ्रम 3: क्लेम की राशि तभी मिलती है जब आपका बच्चा यदि उच्च शिक्षा लेता है या फिर शादी करता है।
वास्तविकता: यदि आपका बच्चा आगे की पढ़ाई नहीं करना चाहता या वह जल्दी शादी नहीं करने का इच्छुक है, तब भी आपका बच्चा क्लेम कर सकता है। चाइल्ड प्लान का उद्देश्य ड्यू डेट पर फंड उपलब्ध करवाकर आपके बच्चे के भविष्य को सुरक्षित करना है। इसलिए जिस लक्ष्य के लिए यह प्लान लिया गया है उनके पूरा न होने पर भी पॉलिसी के खत्म होने की दिनांक तक क्लेम किया जा सकता है।
भ्रम 4: आप पेआउट केवल प्लान के खत्म होने पर ही हासिल कर सकते हैं।
वास्तविकता: आपको पेआउट के लिए प्लान के खत्म होने का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। वास्तव में, चाइल्ड यूलिप के तहत आपको यह सुविधा दी जाती है कि पॉलिसी शुरू होने के पांच साल पूरे होने के बाद आप एक निश्चित राशि निकाल सकते हैं। आपकी असमय मृत्यु पर आपका इंश्योरर यूलिप को बंद कर देगा और पॉलिसी की राशि आपके बच्चे को दे देगा।
भ्रम 5: आपका चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान केवल सुरक्षा देता है।
वास्तविकता: आपका चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान एक इन्वेस्टमेंट टूल की तरह भी काम करता है। कम उम्र में चाइल्ड प्लान में निवेश शुरू करने से आपको बहुत अच्छा रिटर्न मिलता है और जब आपको जरूरत होती है आपके हाथ में पर्याप्त नकदी होती है। यूनिट लिंक्ड इंश्योरेंस प्लान का चुनाव एक निश्चित समय में आपके धन को बढ़ाने में मददगार होता है।
आप सोचते हैं कि चाइल्ड प्लान खरीदने का वक्त क्या हो, तो हम आपको सलाह देते हैं कि जिस दिन आपका बच्चा पैदा हो या जिस दिन वह स्कूल में अपना पहला कदम रखे, आपको तभी चाइल्ड इंश्योरेंस प्लान खरीदना चाहिए। जितना जल्दी आप निवेश करना शुरू करेंगे, लंबी अविध में उतना ज्यादा ही रिटर्न आप हासिल कर पाएंगे।