नई दिल्ली। बचत को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने तीन प्राइवेट सेक्टर बैंकों सहित सभी वाणिज्यिक बैंकों को राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी), रिक्रूरिंग डिपॉजिट और मासिक बचत योजना जैसी विभिन्न लघु बचत योजनाओं के तहत जमा स्वीकार करने की अनुमति दे दी है। अभी तक अधिकांश लघु बचत योजनाएं केवल पोस्ट ऑफिस के जरिये ही संचालित की जा रही थीं।
हाल ही में जारी सरकारी अधिसूचना के मुताबिक बैंक भी अब नेशनल सेविंग टाइम डिपॉजिट स्कीम 1981, नेशनल सेविंग्स (मंथली इनकम एकाउंट) स्कीम 1987, नेशनल सविंग्स रिक्रूरिंग डिपॉजिट स्कीम 1981 और एनएससी 8वां संस्करण की बिक्री कर सकते हैं। अधिसूचना के मुताबिक सभी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक और प्राइवेट सेक्टर के तीन शीर्ष बैंक आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक इस नई सुविधा को चालू कर सकते हैं।
अभी तक इन बैंकों को पब्लिक प्रोवीडेंट फंड, किसान विकास पत्र-2014, सुकन्या समृद्धि खाता और सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम-2004 के तहत ही जमा स्वीकार करने की अनुमति थी। सरकार के इस नए कदम से बैंक अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर सकेंगे। पिछले महीने सरकार ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के लिए लघु बचत योजनाओं पर मिलने वाले ब्याज दर को अपरिवर्तित रखा है। लघु बचत योजनाओं की ब्याज दर को प्रत्येक तिमाही संशोधित किया जाता है।
पीपीएफ पर 7.8 प्रतिशत जबकि किसान विकास पत्र पर 7.5 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलता है जिसकी परिपक्वता अविध 115 महीने हैं। सुकन्या समृद्धि योजना में 8.3 प्रतिशत सालाना ब्याज मिलता है। इसी प्रकार पांच साल की वरिष्ठ नागरिक बचत योजना पर 8.3 प्रतिशत का ब्याज दिया जाता है।