वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए जाने वाले बजट 2021 को सभी के द्वारा और ज्यादा खासतौर पर वरिष्ठ नागरिकों के द्वारा उत्सुकता से देखा जाएगा। पिछले कुछ सालों में ब्याज दर परिदृश्य नीचे की ओर खिसकते रहे हैं और इसने निवेशकों खासतौर पर सेवा-निवृत्त लोगों की नियमित आय जरूरतों को प्रभावित किया है। 2021 में महंगाई जल्दी ही कम होती नहीं दिख रही है जिससे रहन-सहन का खर्च महंगा हो सकता है।
बढ़ते मेडिकल खर्च और हैल्थ एंव लाइफ इंश्योरेंस के लिए उच्चतम प्रीमियम चुकाने के बाद, वरिष्ठ नागरिकों की एन्युटी आय पर कर लगाए जाने से उनके पास घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए सीमित धन ही बच पाएगा। वरिष्ठ नागरिक अपने घरेलू खर्चों को पूरा करने में मदद के लिए कुछ आयकर राहत या मौजूदा कर प्रोत्साहनों में बढ़ोत्तरी की उम्मीद कर सकते हैं।
एक बड़ी राहत जो वरिष्ठ नागरिकों को मिल सकती है वह है वर्ष में उनके हाथ में आने वाली पेंशन को कर-मुक्त बनाना। जबकि 2-3 दशकों की अपनी पूरी आय अवधि में उन्होने अपनी आय पर कर चुकाया है और इसलिए यह उचित है कि उनकी आय को सेवा-निवृत्ति अवधि के सालों के दौरान करों से राहत दी जाए। एन्युटी या नियमित पेंशन को कई स्कीमों के जरिये प्राप्त किया जाता है जैसे इमिडिएट एन्युटी स्कीम, एनपीएस, प्रधान मंत्री व्यय वंदना योजना (पीएमवीवीवाई) या यहां तक कि सुपरएनुऐशन (सेवानिवृत्ति) के बाद भी पेंशन मिलती है। सेवा-निवृत्ति के लिए बचत करने में एनपीएस एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है। जबकि 60 वर्ष की उम्र में परिवर्तित हिस्सा कर-मुक्त है, उसके बाद प्राप्त होने वाली मासिक एन्युटी निवेशकों के हाथों में कर-योग्य है। यहां तक कि सीनियर सिटीजन्स सेविंग्स स्कीम से प्राप्त होने वाला ब्याज भी कर-योग्य है जिसे वरिष्ठ नागरिक कर-मुक्त बनाया जाना चाहते हैं।
प्राप्त होने वाली पेंशन की राशि को व्यक्ति की आय में जोड़ा जाता है और उस पर आयकर तालिका के अनुसार कर लगाया जाता है। 60 और 80 के बीच की उम्र वाले वरिष्ठ नागरिक होने की स्थिति में 3 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त है, जबकि 80 वर्ष से अधिक उम्र वालों के लिए 5 लाख रुपये तक की आय कर-मुक्त है।
एक उदाहरण की मदद से दर्शाने के लिए यदि करदाता ने अपने 60वें जन्मदिन पर 50 लाख रुपये का एक एनपीएस कोष जमा किया है, तो वह उस का 60% यानि कर छूट वाले हिस्से के तौर पर 30 लाख रुपये वापस ले सकता है। अब बाकि बची 20 लाख रुपये की राशि पर यदि करदाता 6% की दर पर वार्षिक रिटर्न वाली एक एन्युटी लेता है, तो उसकी वार्षिक एन्युटी आमदनी 1.20 लाख या दस हजार रुपये प्रति महीना होगी। वर्तमान कर प्रावधान के तहत, यह एन्युटी आमदनी पूरी तरह से कर-योग्य है और यदि वरिष्ठ नागरिक करदाता 30% कर वर्ग में आता है, तो उसकी कुल एन्युटी आमदनी केवल 7 हजार रुपये प्रति महीना होगी। इसे कर-मुक्त बनाते हुए सरकार प्रति महीना 3000 रुपये तक की अतिरिक्त खर्च राशि दे सकती है, जो वरिष्ठ नागरिकोंके लिए एक बड़ी राहत होगी।
सरकार वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक नई कर-मुक्त पेंशन स्कीम भी ला सकती है। ऐसी कर-मुक्त एन्युटी स्कीम लाने से सेवा-निवृत्त लोगों को कर देने के बारे में चिंता किए बिना एन्युटी स्ट्रीम/ धारा का आनंद लेने में मदद मिलेगी। सरकार उस सीमा तक एक कट-ऑफ भी प्रदान कर सकती है, जहां तक मौजूदा स्कीमों से प्राप्त पेंशन को कर-मुक्त किया जा सकता है।
एक अन्य बड़ी राहत ये है कि वरिष्ठ नागरिकों सहित करदाता ये देख रहे हैं कि सरकार उपकर या अधिभार के रूप में कोई नया कर ना लेकर आए। कोई भी नया कर नियमित आय जरूरतों को पूरा करने के लिए मिलने वाली आय को कम कर सकता है। यदि व्यक्तियों के पास ज्यादा पैसा बचता है तो उन्हे शेष राशि को निवेश करने और खर्च करने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। लंबे समय के लिए अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए व्यक्तिगत निवेश और उपभोक्ता खर्च दोनो ही महत्वपूर्ण हैं।
लेखक: राजीव बजाज, चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर, बजाज कैपिटल।