जीवन बीमा की ज्यादा पॉलिसी बेचने के लिए कंपनियों के बीच गला काट प्रतिस्पर्धा छिड़ी हुई है। बढ़ती बेरोजागारी और मोटे कमीशन के लालच में बाजार में बीमा एजेंटों की फौज खड़ी हो गई है। जीवन बीमा पॉलिसी बेचने के तमाम तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं जिसमें ग्राहकों को बोनस देने से लेकर तमाम तरह के गलत तरीके शामिल हैं। ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी का यह धंधा पहले एजेंट के जरिए किया जा रहा था लेकिन अब यह फर्जीवाड़ा संगठित रूप से किया जा रहा है। धोखाधड़ी के धंधे से जुड़े लोग बीमा कंपनियों और इस उद्योग के नियामक इरडा के नाम से फोन करके पुरानी बोनस पर देने का लालच देकर फंसा रहे हैं। यदि आपके इस तरह का कोई ऑफर आए तो उसे कतई स्वीकार नहीं करें। आपने जरा भी लालच किया तो बुरी तरह फंस सकते हैं।
कैसे देते हैं झांसा
जीवन बीमा की आड़ में धे आमतौर पर किसी ग्राहक को फंसाने के लिए कंपनी का कर्मचारी बताकर फोन किया जाता है। इस दौरान बहुत ही लुभावने आफर दिए जाते हैं। कई बीमा नियामक इरडा के नाम का सहारा भी लिया जाता है। बंपर बोनस के नाम पर ग्राहक आसानी से फंस जाता है। अगला कदम खाते में बोनस ट्रांसफर कराने के नाम पर कुछ फीसद राशि का नकद भुगतान करने के लिए कहा जाता है। जैसे ही कोई व्यक्ति इस पेशकश के लिए तैयार होता है, गिरोह का सदस्य कंपनी का स्टाफ बनकर तुरंत चेक या नकदी लेने पहुंच जाता है। नकदी हाथ लगते ही ये लोग नौ दो ग्यारह हो जाते हैं। इसके बाद इनका कोई अता-पता नहीं चलता।
कैसे करें बचाव
इस तरह की धोखाधड़ी से बचने का एकामात्र उपाय है जागरूकता। यह बात गांठ बांध लें कि बीमा नियामक इरडा कभी बीमा ग्राहकों से सीधे संपर्क नहीं करता। वह केवल लोगों को जागरूक करने के लिए अभियान चलाता है। इसी तरह कोई भी जीवन बीमा कंपनी बोनस देने के लिए पालिसी खरीदने की पेशकश नहीं करती। इसके बावजूद आप इस तरह का कोई आफर स्वीकार करते हैं तो इसका सीधा सा मतलब यह है कि आपके ऊपर लालच हावी हो गया है। ऐसे में बोनस संबंधी कोई फोन आए तो उस पर कतई गौर न करें। यहां तक कि यदि कोई आपका परिचित भी किसी बीमा योजना की पेशकश कर रहा है तो उसकी तह में जाकर पड़ताल जरूर करें।
कहां करें शिकायत
इरडा और बीमा कंपनियां फर्जीवाड़े को रोकने के लिए व्यापक कदम उठा रहीं हैं। फिर भी इस धंधे पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। जनता के सहयोग के बिना इस गोरखधंधे को रोक पाना संभव नहीं है। यदि आपके पास इस तरह का कोई फर्जी फोन आए तो तुरंत संबंधित कंपनी को फोन करें। इस बारे में इरडा की हेल्पलाइन पर भी फोन करें। ठगी के शिकार लोगों की मदद के लिए इरडा की वेबसाइट पर विशेष प्रकोष्ठ बना रखा है। आप अपनी शिकायत यहां पर भी दर्ज करा सकते हैं। यदि आप भी इस तरह की ठगी के शिकार हुए हैं तो पुलिस में भी शिकायत करें। आपके पास जिस नंबर से कॉल आया था उस नंबर का ब्योरा जरूर दर्ज करें।
फ्री लुक पीरियड
यदि आपने कोई पालिसी खरीदी है और वह आपको पसंद नहीं है तो उसे कंपनी को वापस कर सकते हैं। लेकिन यह पूरी प्रक्रिया आपको 15 दिन के अंदर करनी होगी। इस अवधि में आप पालिसी वापस करते हैं तो आपको कोई पेनाल्टी नहीं देनी होगी। इस अवधि को पालिसी का ‘फ्री लुक पीरियड’ कहा जाता है। कुछ कंपनियों ने यह अवधि एक महीना भी निर्धारित कर रखी है। इस दौरान पालिसी वापस करने की प्रक्रिया एकदम आसान है। पालिसी के दस्तावेजों को लेकर बीमा कंपनी के कार्यालय में जाएं और संबंधित अधिकारी से संपर्क करें। कागजी कार्रवाई पूरी होने पर कंपनी आपका प्रीमियम वापस कर देगी। इस तमाम झंझट से बचने का एकमात्र उपाय यही है कि कोई भी बीमा पालिसी पूरी तरह जांच-परख करने के बाद ही खरीदें।