कोयंबटूर। सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक ऑफ इंडिया भी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की तर्ज पर बचत खातों के ब्याज दर में कटौती करने पर विचार कर रहा है। बैंक ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक आरएस शंकरनारायणन ने कहा कि बचत खातों की दर तथा जमा राशि की ब्याज दर में कटौती पर विचार किया जा रहा है। बचत खाते की दर हो सकता है तुरंत कम न की जाए लेकिन इस पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंक ऑफ इंडिया इस साल आगे भी अच्छे कारोबार की उम्मीद करता है। इस वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में इसने 88 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया था।
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अब तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI), HDFC बैंक और यस बैंक ने बचत खाते की दर में कटौती कर चुके हैं। यस बैंक ने सभी तरह के बचत खातों पर ब्याज दरों में भारी कटौती की है। जिन बचत खातों में जमा राशि 1 लाख रुपए तक है उनपर पहली सितंबर से सालाना 5 फीसदी ब्याज दिया जाएगा। अबतक 1 लाख रुपए तक के बचत खातों पर यस बैंक सालाना 6 फीसदी ब्याज दे रहा था।
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यस बैंक ने 1 लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ रुपए तक के बचत खातों पर ब्याज की दर में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है और इस तरह के खातों पर ग्राहकों को 6 फीसदी ब्याज मिलता रहेगा। हालांकि एक करोड़ रुपए से ज्यादा रकम रखने वाले खातों पर ब्याज की दर में आधा फीसदी की कटौती की गई है। पहली सितंबर से एक करोड़ रुपए से ज्यादा रकम रखने वाले बचत खातों पर 5.5 फीसदी सालाना दर से ब्याज दिया जाएगा, अबतक इन पर 6 फीसदी ब्याज दिया जा रहा था।
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यस बैंक से पहले HDFC बैंक ने 50 लाख रुपए तक की रकम रखने वाले बचत खातों में ब्याज की दर को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी करने की घोषणा की है। 50 लाख रुपए से ऊपर के बचत खातों पर HDFC बैंक 4 फीसदी ब्याज देता रहेगा। इस कड़ी में सबसे पहले देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कदम उठाया था और बैंक ने 1 करोड़ रुपए तक की रकम जमा करने वाले बचत खातों पर ब्याज की दर को 4 फीसदी से घटाकर 3.5 फीसदी किया था। इन बैंकों के अलावा एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, इंडियन बैंक और कर्नाटक बैंक भी ब्याज दरों में कटौती की घोषणा कर चुके हैं। कुल मिलाकर अबतक 7 बैंकों ने बचत खातों पर ब्याज की दर को घटाया है।