Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. मेरा पैसा
  4. लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी के विरुद्ध ले रहे हैं लोन तो इन बातों का रखें ख्‍याल

लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी के विरुद्ध ले रहे हैं लोन तो इन बातों का रखें ख्‍याल

पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड से लोन लेने से बेहतर है कि आप अपनी लाइफ इंश्‍योरेंस पर लोन ले लें। हालांकि, पॉलिसी के वि‍रुद्ध लोन लेने से पहले, यहां कुछ बातों पर ध्‍यान देना बहुत जरूरी है।

Written by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 10, 2017 13:14 IST
Loan against Insurance Policy- India TV Paisa
Loan against Insurance Policy

लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी का मुख्य उद्देश्य पॉलिसीधारक को मृत्यु के विरूद्ध जोखिम सुरक्षा प्रदान करना है। हालांकि, लाइफ इंश्‍योरेंस को ग्राहकों के लिए अधिक व्यवहार्य विकल्प बनाने के लिए, कई इंश्‍योरेंस कंपनियों ने लाइफ इंश्‍योरेंस समाधान प्रदान करने शुरू कर दिए हैं जो कई आकर्षक लाभ भी प्रदान करते हैं। इसका एक उदाहरण पॉलिसीधारक को लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी के नकद मूल्‍य पर ऋण लेने की सुविधा है। इस प्रकार यदि आपको आपतकालीन परिस्थितियों में कर्ज लेने की जरूरत है तो पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड से लोन लेने से बेहतर है कि आप अपनी लाइफ इंश्‍योरेंस पर लोन ले लें। हालांकि, पॉलिसी के वि‍रुद्ध लोन लेने से पहले, यहां कुछ बातों पर ध्‍यान देना बहुत जरूरी है।

क्या आप अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी के खिलाफ ऋण लेने के पात्र हैं?

सबसे पहले आपको यह ध्‍यान रखना होगा कि सभी जीवन बीमा पॉलिसी आपको पॉलिसी के विरुद्ध लोन लेने की सुविधा प्रदान नहीं करतीं। उदाहरण स्‍वरूप पारंपरिक टर्म इंश्‍योरेंस पॉलिसी, की कोई कैश वैल्‍यू नहीं होती, ऐसे में टर्म पॉलिसी ग्राहकों को ऋण लेने का लाभ नहीं प्रदान करतीं। हालांकि, जिन लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी में कैश बैल्‍यू या सरेंडर वैल्‍यू होती है, वे पॉलिसी धारकों को यह अतिरिक्‍त लाभ प्रदान करती हैं। इस प्रकार, जरूरी है कि आप पहले यह जांच लें की आपकी पॉलिसी आपको यह लाभ देती है कि नहीं, साथ ही यह भी पता कर लें कि पॉलिसी में सरेंडर वैल्‍यू है कि नहीं। वे पॉलिसी जो हाल ही में खरीदी गई हैं उसमें सरेंडर वैल्‍यू नहीं होती। जब आप कुछ वर्षों तक लगातार प्रीमियम भरते हैं तभी आपकी पॉलिसी में सरेंडर वैल्‍यू शामिल की जाती है। यह भी याद रखना जरूरी है कि यह लाभ सिर्फ लाइफ इं‍श्‍योरेंस प्रोडक्‍ट पर ही लागू होता है। हैल्‍थ इंश्‍योरेंस प्‍लान और मोटर इंश्‍योरेंस प्‍लान अपने बीमित सदस्‍यों को यह लाभ प्रदान नहीं करते।

लोन की राशि और ब्‍याज की दर

ज्‍यादातर बीमा कंपनियां पूरी सरेंडर वैल्‍यू के बराबर लोन लेने की अनुमति नहीं देतीं। सामान्यतया, बीमा कंपनियां पॉलिसीधारकों को पॉलिसी की सरेंडर वैल्‍यू के 60% से 85% के बीच कर्ज लेने का लाभ देती हैं। साथ ही, लोन की राशि को आपकी आय का स्रोत नहीं माना जाता है, ऐसे में यह टैक्‍स फ्री होता है। यहां यह ध्‍यान देने की जरूरत है कि एक बार जब बीमा धारक अपनी पॉलिसी के विरु‍द्ध लोन ले लेता है तो उस पॉलिसी के सभी अधिकार कर्ज देने वाली संस्‍था के पास चले जाते हैं। लोन राशि की तरह, ब्‍याज की दरें भी एक बीमा कंपनी से दूसरी बीमा कंपनी में अलग-अलग हो सकती हैं। ब्‍याज की दरें कर्जदाताओं के मुताबिक 10 से 15 फीसदी के बीच हो सकती हैं।

कर्ज का भुगतान

आपके ऋण चुकाने की सटीक नियम और शर्तें आमतौर पर ऋणदाता के आधार पर भिन्न-भिन्‍न होती हैं। अधिकांश ऋणदाता किश्तों के रूप में केवल ब्याज या ब्याज और मूलधन को अदा करने का विकल्प प्रदान देते हैं। यदि कोई व्‍यक्ति सिर्फ ब्‍याज अदा करने का विकल्‍प लेता है, तो नॉमिनी को मिलने वाली डेथ बेनिफिट की राशि या फिर परिपक्‍वता लाभ में से मूलधन की राशि को काट लिया जाता है। हालांकि इस बात की सलाह दी जाती है कि आप ब्‍याज और मूलधन दोनों का भुगतान करें जिससे आपकी पॉलिसी की कैश वैल्‍यू बनी रहे। इस प्रकार, जब आप तय समय में ऋण का भुगतान कर देते हैं तो आप और आपके नॉमिनी लाभ की थोड़ी सी रकम प्राप्‍त करने के बजाए क्‍लेम की पूरी राशि प्राप्‍त करने के पात्र हो जाते हैं।

अपनी पॉलिसी के खिलाफ ऋण लेने से पहले आपको क्या ध्‍यान रखना चाहिए?

पारंपरिक पर्सनल लोन से तुलना करें तो बीमा पॉलिसी के विरुद्ध लोन लेना काफी आसान होता है, चूंकि इसमें भुगतान की शर्तें काफी लचीली होती हैं, और कागजी कार्रवाई काफी लचीली होती है। हालांकि, यहां सभी को ध्‍यान रखने की जरूरत है कि लाइफ इंश्‍योरेंस पॉलिसी का मुख्‍य उद्देश्‍य बीमित व्‍यक्ति की असमय मृत्‍यु की स्थिति में भुगतान करना है। आय के एक स्थिर स्रोत की अनुपस्थिति में, यह भुगतान किसी के आश्रितों को जीवन का लंबा सफर तय करने में मदद कर सकता है।

इस प्रकार, जब आप लाइफ इंश्‍योरेंस के विरुद्ध लोन लेते हैं तो आप जानबूझ कर अपने आश्रितों को खतरे में डालते हैं। यदि पॉलिसी धारक पॉलिसी अवधि में गुजर जाता है, तो बीमा कंपनी सीधे तौर पर भुगतान की जाने वाली रकम में से कर्ज की शेष राशि को घटा देगी और सिर्फ बची रकम ही आश्रितों को मिल पाएगी। आपके लोन की राशि और पॉलिसी में शामिल लोन राशि को देखते हुए भुगतान की जाने वाली राशि वह रकम कतई नहीं होगी जो कि आपने पॉलिसी खरीदते वक्‍त सोची होगी।

इंश्‍योरेंस पॉलिसीके विरुद्ध लोन लेना भले ही एक आकर्षक विकल्‍प दिखाई दे, लेकिन आपका यह कदम आपके आश्रितों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकता है। अंतत:, यदि आपको इंश्‍योरेंस पॉलिसी के विरुद्ध लोन लेना सबसे बेहतर विकल्‍प लगता है तो भी जरूरी है कि लोन के नियम और शर्तों को बेहतर तरीके से समझने और इससे जुड़ी छोटी और लंबी अवधि के जोखिमों को जानने के लिए अपने बीमा सलाहकार की सलाह जरूर ले लें। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Personal Finance News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement