नई दिल्ली। मोदी सरकार जल्द शहरी गरीबों के लिए नई स्कीम लाने जा रही है। इसके तहत शहरी गरीबों को घर का किराया चुकाने के लिए वाउचर्स दिए जाएंगे। सरकार रेंट वाउचर्स के साथ नई रेंटल हाउसिंग पॉलिसी को गरीबी रेखा से नीचे वाले (BPL) लोगों के लिए पेश कर सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक केंद्र सरकार 100 स्मार्ट सिटीज में जल्द ही 2700 करोड़ रुपए की इस नई कल्याणकारी योजना की शुरुआत कर सकती है।
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शहरी गरीबों के घर का किराया देगी सरकार
- इस स्कीम को शहरी गरीबों के लिए लिया जा रहा है, जिससे वहां मजदूरी करने के लिए आने वाले लोगों को मदद मिलेगी।
- रेंट वाउचर्स को शहरी निकायों की मदद से गरीबों में बांटा जाएगा।
- किरायेदार इन वाउचर्स को मकान मालिक को देगा, जो उसे किसी सिटीजन सर्विस ब्यूरो से अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा सकेंगे।
- अगर रेंट वाउचर की वैल्यू से अधिक होता है तो किरायेदार को उसका भुगतान अपनी जेब से करना होगा। रेंट वाउचर की वैल्यू शहर और कमरे के साइज के हिसाब से निकाय तय करेगा।
डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर पर भी विचार
- सरकार इस वाउचर स्कीम के लिए डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) की संभावना भी तलाश रही है।
- 2011 की जनगणना के मुताबिक, शहरों में करीब 27.5 प्रतिशत आबादी किराए के घरों में रहती है।
- हालांकि, नैशनल सैंपल सर्वे (NSS) के आंकड़ों के मुताबिक 2009 में शहरों में 35 प्रतिशत लोग किराए के घरों में रहते हैं।
- इसके अलावा, NSS से यह बात भी सामने आई थी कि यह रेशियो 1991 के बाद से इतना ही बना हुआ है।
जानिए क्या खास होगा स्मार्ट सिटी में
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तीन साल से चल रहा है इस योजना पर काम
- स्मार्ट सिटीज में गरीबों का किराया देने वाली पॉलिसी पर वैसे तो तीन साल से काम चल रहा है, लेकिन इसका पहला कंपोनेंट वित्त वर्ष 2017-18 में लागू किया जा सकता है।
- स्मार्ट सिटीज में स्कीम को शुरू करने पर हर साल 2,713 करोड़ रुपए की लागत आने की उम्मीद है।