नई दिल्ली। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में अफोर्डेबल हाउसिंग को इंफ्रास्ट्रक्चर का दर्जा देने की घोषणा की है। इंडस्ट्री बहुत लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी। इस नए कदम से डेवलेपर्स की कॉस्ट कम होगी और निवेशकों को आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2020 तक 2 करोड़ घर उपलब्ध कराने के महात्वकांक्षी प्रोजेक्ट को पूरा करने की ओर कदम बढ़ाया है।
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क्रेडिट लिंक्स सब्सिडी योजना के तहत ऋण की मियाद बढ़ाकर 20 साल
सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (सीएलएसएस) के अंतर्गत कर्ज की मियाद 15 साल से बढ़ाकर 20 साल किए जाने को आज मंजूरी दे दी। साथ ही 2017-18 में मध्यम आय समूह के लिए 1,000 करोड़ रुपए के प्रावधान के साथ नई सीएलएसएस पेश की है।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) मिशन में सीएलएसएस के तहत ऋण की मियाद 15 साल से बढ़ाकर 20 साल किए जाने के प्रस्ताव को पूर्व की तिथि से मंजूरी दे दी।
- बयान के अनुसार योजना का नाम अब आर्थिक रूप से कमजोर तबको (ईडब्ल्यूएस) तथा निम्न आय समूह (एलआईजी) के लिए सीएलएसएस होगा।
- इसके अलावा मंत्रिमंडल ने मध्यम आय वर्ग (एमआईजी) के लिए नई क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजना को मंजूरी दी।
- सरकार ने 2019 तक एक करोड़ मकान बनाने का प्रस्ताव किया है।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आबंटन 15,000 करोड़ रुपए से बढ़ाकर 23,000 करोड़ रुपए किया गया है।
- प्राथमिक सहकारी समितियों के जांच-पड़ताल के बाद योग्यता मानदंड की जांच पूरी होने के बाद लाभार्थियों के खाते में ब्याज सब्सिडी डाली जाएगी।
- मध्यम आय वर्ग समूह के लिए प्रस्तावित ब्याज सब्सिडी एक अनूठी पहल है जिससे इस श्रेणी में आवास की जरूरतों को पूरा किया जा सकेगा।