नई दिल्ली। अनिश्चितताओं का दूसरा नाम ही जीवन है। इन्हीं मुश्किलों से डटकर मुकाबला करने के लिए हम सभी टर्म या हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं। लेकिन अक्सर एक्सीडेंट के चलते हुई पैदा हुई अपंगता या कोई व्यक्तिगत हानि आपको जीवन के सबसे मुश्किल दौर में लाकर पटक सकते हैं। इससे सुरक्षा का एक बेहतर उपाय है एक्सीडेंट इंश्योरेंस। यह पॉलिसी दूसरी पॉलिसी के मुकाबले सस्ती होती है, लेकिन फिर भी भारत में इसे लेकर जागरुकता काफी कम है। यही ध्यान में रखते हुए इंडिया टीवी पैसा की टीम आज एक्सीडेंट इंश्योरेंस की बारीकियों से परिचित कराने जा रही है, जिससे आपका कल जैसा भी हो सुखमय हो।
एक्सीडेंट इंश्योरेंस क्या करता है कवर
एक्सीडेंट इंश्योरेंस आपको सभी प्रकार की दुर्घटना से होने वाले आर्थिक नुकसान से सुरक्षा देता है। किसी भी तरह की दुर्घटना जैसे कि सीढ़ियों से गिर जाना, खेलते वक्त हड्डी टूटना, दिवाली पर पटाखों से जल जाना या फिर बिजली का करंट लग जाना शामिल होती है। एक विस्तृत प्लान में ये सब शामिल होता है।
चाहें राइडर लें या रखें स्टैंड अलोन पॉलिसी
आपके पास एक्सीडेंट इंश्योरेंस लेने के दो जरिए हैं। आप चाहें तो अपनी जीवन बीमा पॉलिसी के साथ ही इसे राइडर की तरह ले सकते हैं। ये राइडर केवल सामान्य दुर्घटना से मौत और पर्मानेंट डिसेबिलिटी सुरक्षा देती है। जबकि स्टैंड अलोन विस्तृत पॉलिसी में कई तरह के नुकसान जैसे कि आय खत्म होना, थोड़े समय के लिए अंगहानि और अस्पताल में भर्ती होना शामिल होते हैं।
कहां और कैसे खरीदें
कुछ इंश्योरेंस एजेंट्स इसे कार या जीवन बीमा पॉलिसी से जोड़ देते हैं। बैंक तब बेचते हैं जब आप एकाउंट खोलते हैं यो फिर जब आपको क्रेडिट कार्ड मिलता है। पीएसयू इंश्योरेंस कंपनियां सबसे अच्छी कीमत पर मुहैया कराती हैं।
कैसे काम करती है एक्सीडेंट पॉलिसी
- अगर दुर्घटना में बीमा किए हुए व्यक्ति की मौत हो जाती है तो बीमा की पूरी राशि उसके डिपेंडेंट लोगों को दे दी जाती है।
- व्यक्ति के अपंग होने की स्थिति में बीमित राशि का 125 फीसद का भुगतान किया जाता है।
- कुछ परिस्थितियों में ही एक निश्चित समय तक तय की हुई अमाउंट मिलती है जो कि निर्धारित बीमा राशि और उससे जुड़ी शर्तों के आधार पर होता है। कुछ स्कीमों के तहत 100 हफ्तों तक एक तय राशि का भुगतान संभव है।
- इस पॉलिसी के तहत आप बच्चों की शिक्षा के लिए अतिरिक्त बोनस के तौर पर राशि भी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही जितने दिनों तक आप अस्पताल में भर्ती रहे हैं, उतने दिनों तक एक निश्चित रकम हासिल करने की भी व्यवस्था है।
इन बातों का रखें ख्याल
-आप अपने, पत्नी और बच्चों के लिए इस पॉलिसी के तहत कवरेज ले सकते हैं।
-आप अपनी स्थिति और सुविधा के मुताबिक कोई भी पर्सनल एक्सीडेंट कवर ले सकते हैं। अलग अलग पॉलिसी की तुलना जरूर करें। मृत्यु के समय मिलने वाली राशि, अपंगता पर दिया जाने वाले अतिरिक्त बोनस की विस्तृत जानकारी और शर्तों के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद ही फैसला करें।
-आमतौर पर कंपनियां मासिक वेतन के 100 से 120 गुना ज्यादा रकम का पसर्नल एक्सीडेंट कवरेज देती हैं।
कुछ सावधानियां भी जरूरी
ध्यान रखें कि दुर्घटना होने के एक महीने के भीतर कंपनी को इसके बारे में सूचित करें। क्लेम कंपनी की तरफ से दिए गए फॉर्म में ही करना चाहिए। साथ ही FIR की कॉपी, अन्य जांच रिपोर्ट, डॉक्टरों की पर्ची और सर्टिफिकेट, अपंगता संबंधी प्रमाणपत्र भी कंपनी के पास जमा कराएं। अगर बीमित व्यक्ति की मौत हो गई है तो मृत्यु प्रमाणपत्र उपलब्ध कराया जाना चाहिए।