मुंबई। पिछले साल म्यूचुअल फंडों से भले ही निकासी रही है और बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिला हो,बावजूद इसके म्यूचुअल फंडों ने न्यू फंड ऑफर (एनएफओ) से इस दौरान 1.24 लाख करोड़ रुपए की राशि जुटाई है। दिलचस्प यह है कि इन एनएफओ ने पिछले सालभर में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मिडकैप के रिटर्न को काफी पीछे छोड़ दिया है।
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया(एंफी) के आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2018 में म्यूचुअल फंडों ने कुल 679 एनएफओ लॉन्च किए थे और इससे उन्होंने 1.24 लाख करोड़ रुपए जुटाये। इन एनएफओ में 69 एनएफओ ओपन एंडेड फंड्स तथा 602 क्लोज एंडेड फंड (एफएमपी और 5 इंटरवल फंड) का समावेश था। साथ ही पूरे साल भर में निवेशकों की संख्या भी 1.3 करोड़ बढ़ गई।
एंफी के आंकड़ों के मुताबिक 2018 में म्यूचुअल फंडों का कुल असेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) दिसंबर 2017 की तुलना में 5.4 प्रतिशत बढ़कर 23.61 लाख करो़ड़ रुपए हो गया। रिटर्न की बात करें तो एनएसई मिडकैप ने 13.30 प्रतिशत का घाटा पिछले साल दिया था। लेकिन इन फंडों में महिंद्रा उन्नति एमर्जिंग बिजनेस योजना ने 2.89 प्रतिशत, इनवेस्को इंडिया स्मॉलकैप ने 3.27 प्रतिशत, टाटा स्माल कैप फंड ने 3.43 प्रतिशत और यूनियन बैलेंस्ड एडवांटेज फंड ने 2.87 प्रतिशत का फ़ायदा दिया है।
कल्पतरू मल्टीप्लायर के आदित्य मान्या जैन का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था अब एक बड़ी अर्थव्यवस्था बन रही है और ढेर सारे अवसर तमाम सेक्टरों में उभर रहे हैं। ऐसी स्थिति में महिंद्रा उन्नति एमर्जिंग बिजनेस योजना निवेशकों को आज की उभरती हुई कंपनियों की वृद्धि गाथा में शामिल होने के लिए एक अवसर प्रदान कर रही है, जो आने वाले समय में बाजार का नेतृत्व कर सकती हैं। मिडकैप कंपनियों के बारे में अनुमान है कि वे लॉर्ज कैप की तुलना में बेहतर रिटर्न दे सकती हैं।हम मिड कैप क्षेत्र में निवेश को लेकर काफी संभावनाएं देख रहे हैं, खासकर उन सेगमेंट में जहां मल्टी ईयर ढांचागत वृद्धि का नजरिया है।
वैसे देखा जाए तो 2018 का जो रुझान रहा है, वह आगे भी रह सकता है क्योंकि एसआईपी का आधार लगातार बढ़ रहा है और इसके जरिये रिटेल निवेशक बाजार में तेजी से आ रहे हैं। पिछले साल जिन म्यूचुअल फंड कंपनियों ने एनएफओ पेश किया है उनमें टाटा मल्टीकैप फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल मैन्यूफैक्चर इन इंडिया, महिंद्रा रूरल भारत एंड कंजम्प्शन योजना, इनवेस्को इंडिया इक्विटी एवं बांड फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल हेल्थकेयर, एक्सिस इक्विटी हाइब्रिड फंड, आदित्य बिड़ला सन लाइफ निफ्टी नेक्स्ट 50 आदि का समावेश रहा है।