नई दिल्ली। मुंबई महानगर क्षेत्र में अगस्त के अंत में साढ़े तीन लाख से ज्यादा नव निर्मित मकानों को खरीदार का इंतजार था। राज्य के रियल एस्टेट नियामक के पास पंजीकृत निर्माणाधीन फ्लैटों की संख्या 6.7 लाख है, जिसमें से करीब आधे नहीं बिके हैं।
वैश्विक संपत्ति सलाहकार कंपनी कुशमैन एंड वेकफील्ड और रियल एस्टेट आंकड़ों का विश्लेषण करने वाली कंपनी प्रॉपस्टैक ने महाराष्ट्र रियल एस्टेट नियामक प्राधिकरण (महारेरा) के पास अगस्त तक मुंबई मेट्रोपोलिटन क्षेत्र में पंजीकृत कुल संपत्तियों के आंकड़ों का विश्लेषण किया है।
रिपोर्ट के अनुसार अगस्त तक महारेरा के पास कुल पंजीकृत फ्लैटों की संख्या 6,70,339 थी। इसमें से करीब 52% यानी 3,50,713 इकाइयों को कोई खरीदार नहीं मिला था। इनमें सबसे ज्यादा संख्या 5,87,500 एक बेडरूम या दो बेडरूम वाले फ्लैटों की थी। सबसे ज्यादा बिक्री इसी श्रेणी के मकानों में हुई और यह कुल बिक्री का करीब 85% है।
कंपनी के प्रबंध निदेशक (मुंबई) गौतम सर्राफ ने कहा कि आने वाले महीनों में अंतिम उपभोक्ताओं के फिर से खरीद शुरू करने की उम्मीद है क्योंकि रेरा से ग्राहकों को उनके निवेश की सुरक्षा मिली है।