बदलते दौर में युवाओं के बीच अपना घर खरीदने की चाह बढ़ी है। इसके चलते घरों की मांग भी तेजी से बढ़ी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, आज के समय में घर की कुल बिक्री में करीब 40 फीसदी हिस्सेदारी युवाओं की है। इसके बावजूद बहुत सारे युवाओं में इस बात को लेकर कन्फ्यूजन है कि कम उम्र में घर का सौदा करना सही है या नहीं। इस सवाल के जवाब जानने के लिए हमने रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गज एक्सपर्ट और अंतरिक्ष इंडिया के सीएमडी राकेश यादव से बात की। उन्होंने कम उम्र में घर खरीदने के फायदे और नुकसान दोनों बताएं। पेश है उनकी बातचीत पर आधारित यह स्टोरी।
लोग कम उम्र में घर खरीदना क्यों चाहते हैं?
जिन लोगों ने अपना जॉब अभी शुरू किया है, उनके लिये घर खरीदना बड़ी चुनौती होती है। ऐसा इसलिए कि उनके पास सेविंग नहीं होती है। घर खरीदना एक बड़ा वित्तीय फैसला होता है। हालांकि, कमाई बढ़ने के साथ युवाओं को लगता है कि वो किराये का पैसे बचाकर उसकी जगह होम लोन की ईएमआई के पैसे भर सकते हैं। कुछ लोग जल्दी घर इसलिए खरीदते हैं क्योंकि वे अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं। बहुत से लोगों को लगता है कि घर खरीदना उनकी जिंदगी का सबसे बड़ा वित्तीय लक्ष्य है तो इसलिये इसे जल्दी पूरा कर लिया जाये जिससे दूसरे लक्ष्यों की ओर बाद में ध्यान दिया जा सके। कुछ लोगों को लगता है कि उन्हें आगे जाकर घर खरीदने में ज्यादा मुश्किल होगी क्योंकि उनके ऊपर ज्यादा जिम्मेदारियां होंगी। कुछ युवाओं की आय अच्छी होती है और उनके पास अच्छा फाइनेंशियल सपोर्ट भी होता है जिससे वे मासिक किस्त का भुगतान आसानी से कर सकते हैं।
कम उम्र में घर खरीदने के होते हैं ये फायदे
करियर में जल्दी घर खरीदने के कुछ फायदे हैं जैसे आम अपने रिटायरमेंट से पहले अपने लोन की राशि का पूरा भुगतान कर सकते हैं। वहीं, जब तक आप लोन का भुगतान करेंगे, तब तक प्रॉपर्टी की वैल्यू बहुत बढ़ जाएगी तो आपको रिटायमेंट को बाद अपने ऊपर कर्ज की कोई चिंता नहीं होगी। दूसरा, किराये के घर में रहने में कई परेशानियां होती है। किराये पर रहने से आपको हर एक साल में नया घर देखना पड़ता है। अगर आप कम उम्र में ही होम लोन लेते हैं, तो आपको टैक्स में कुछ बचत करने का मौका भी मिलता है जिसमें आयकर कानून
के तहत कर छूट का लाभ मिल जाता है। आप इस बची हुई राशि को दूसरे वित्तीय कामों में लगा सकते हैं या अपने लोन का जल्दी भुगतान कर सकते हैं। हालांकि, जिंदगी में जल्दी लोन लेने पर कई चुनौतियां और रिस्क भी हैं।
कम उम्र में घर खरीदने के नुकसान
लोग कम उम्र में लोन इस बात को सोचकर लेते हैं कि उनकी आमदनी लोन के टेन्योर में स्थिर बनी रहेगी। हालांकि, इसमें मुश्किलें आ सकती हैंं अगर आप अपनी नौकरी को बीच में छोड़ देते हैं, भले ही कुछ समय के लिये तो आपको ईएमआई का भुगतान करने में मुश्किल होगी। अगर आर तीन महीने से ज्यादा समय तक अपने होम लोन की मासिक किस्त नहीं भर पाते हैं, तो आपका लोन एनपीए हो जाता है। इसके बाद बैंक के पास लोन की रिकवरी के लिये कई अधिकार हैं, जिसमें आपकी प्रॉपर्टी की नीलामी करना भी शामिल है। इससे आपके क्रेडिट स्कोर को नुकसान होगा। इसके अलावा अगर आपने इसके बारे में पूरी प्लानिंग नहीं की है, जैसे डाउन पेमेंट का भुगतान और इससे जुड़े दूसरे भुगतान तो आप पर लोन का दबाव बढ़ता जाएगा और आपके लिये दूसरे जरुरी खर्च करना मुश्किल हो जाएगा। इसके अलावा व्यक्ति को प्रोफेशनल वजहों से दूसरे शहर जाना पड़ सकता है जिससे ईएमआई और किराये का साथ भुगतान करना बहुत मुश्किल हो जाता है।
सही प्लानिंग की होती है जरूरत
अगर आप नौकरी शुरू करने के साथ घर खरीदना चाहते हैं, तो आपको यह देखना होगा कि आप इस बड़ी वित्तीय जिम्मेदारी के लिये कितने तैयार हैं। जहां इसके बहुत से फायदे हैं, वहीं इसके लिये वित्तीय अनुशासन भी चाहिये। तो आप इस रास्ते पर जाने से पहले अपनी प्लानिंग पूरी कर लें कि आप डाउन पेमेंट, रजिस्ट्रेशन आदि का भुगतान कैसे करेंगे और साथ ही ईएमआई के भुगतान के साथ दूसरे खर्च कैसे उठाएंगे। इसके लिये एक सही प्लानिंग की जरूरत है।