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Credit Card से खर्च करते हैं आप और बैंक की होती है कमाई, आइए जानते हैं कैसे?

बैंकों द्वारा ब्रांड या सेवा प्रदाताओं के सहयोग से जारी किए गए को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड, के लिए मार्केटिंग टाई-अप शुल्क लेते हैं। ऐसे कार्ड कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Updated on: September 21, 2024 17:44 IST
Credit Card - India TV Paisa
Photo:FILE क्रेडिट कार्ड

क्रेडिट कार्ड इस्तेमाल करने वाले सबसे अधिक युवा है। क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल खरीदारी से ​लेकर ऑनलाइन बुकिंग में जमकर हो रहा है। इसके चक्कर में कई लोग कर्ज के बोझ में फंस रहे हैं। हर दिन किसी ने किसी बैंक से नया क्रेडिट कार्ड लेने के लिए कॉल आ ही जाते हैं। क्या आपने सोचा है कि बैंक क्रेडिट कार्ड बेचने के लिए इतने प्रयास क्यों करत हैं? आपको बता दें कि क्रेडिट कार्ड से बैंकों की जबरदस्त कमाई होती है। आइए जानते हैं कि बैंक कैसे करते हैं कमाई?

इन तरीकों से बैंक क्रेडिट कार्ड के माध्यम से पैसा कमाते हैं:

क्रेडिट कार्ड पर ब्याज 

बैंक आमतौर पर 45 दिन तक खरीदारी पर ब्याज नहीं लेते हैं। लेकिन ड्यू डेट के बाद क्रेडिट कार्ड के लिए ब्याज दर सालाना 30 से 48 प्रतिशत के बीच होती है। बहुत सारे लोग अपने बिल का पूरा पेमेंट नहीं कर पाते हैं। उस स्थिति में बैंक मोटा ब्याज वसूलते हैं। वहीं, कई बार बड़ी खरीदारी के बाद ईएमआई में कन्वर्ट कराने पर बैंक ब्याज वसूलते हैं। इससे बैंक की तगड़ी कमाई होती है। 

मर्चेंट फीस 

जब भी आप अपने क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके भुगतान करते हैं तो बैंक शुल्क लेते हैं। यह शुल्क बैंक कारोबारी से वसूलते हैं। मर्चेंट फीस बैंकों और क्रेडिट कार्ड प्रोसेसिंग नेटवर्क के बीच साझा किया जाता है। मर्चेंट फीस आमतौर 2-3 प्रतिशत के बीच होते हैं। 

मार्केटिंग टाई-अप चार्ज 

बैंकों द्वारा ब्रांड या सेवा प्रदाताओं के सहयोग से जारी किए गए को-ब्रांडेड क्रेडिट कार्ड, के लिए मार्केटिंग टाई-अप शुल्क लेते हैं। ऐसे कार्ड कई तरह के लाभ प्रदान करते हैं। बैंकों के साथ साझेदारी करके, ब्रांड विभिन्न छूट देकर अधिक ग्राहकों तक पहुंचने का प्रयास करते हैं। 

क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले अन्य चार्ज 

क्रेडिट कार्ड पर ग्राहकों के लिए कई तरह के शुल्क लगते हैं, जैसे निकासी शुल्क, वार्षिक शुल्क, देर से भुगतान शुल्क, बैलेंस ट्रांसफर शुल्क, विदेशी लेनदेन शुल्क आदि। 

  • निकासी शुल्क: यह शुल्क तब लिया जाता है जब आप क्रेडिट कार्ड का उपयोग करके नकद निकालते हैं। यह आमतौर पर कुल लेनदेन राशि का 2.5 से 3 प्रतिशत होता है।
  • वार्षिक शुल्क: यह क्रेडिट कार्ड को बनाए रखने के लिए हर साल लिया जाने वाला शुल्क है। यह हर बैंक में अलग-अलग होता है।
  • बैलेंस ट्रांसफर शुल्क: जब आप एक क्रेडिट कार्ड से दूसरे क्रेडिट कार्ड में ऋण ट्रांसफर करते हैं तो 3 से 5 प्रतिशत तक का शुल्क लिया जाता है। 
  • विदेशी लेनदेन शुल्क: क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता विदेशी मुद्राओं में भुगतान किए गए लेनदेन पर शुल्क देते हैं, जो 1 से 3 प्रतिशत तक होता है।
  • विलंब शुल्क: यदि क्रेडिट कार्ड उपयोगकर्ता नियत तिथि तक न्यूनतम राशि का भुगतान करने में विफल रहता है तो बैंक विलंब शुल्क लगाते हैं। हालांकि, बैंक इस शुल्क पर कुछ रियायतें देते हैं। यह 14 से 40 प्रतिशत के बीच होता है।

 

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