Saturday, November 23, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. फायदे की खबर
  4. बच्‍चों की उच्च शिक्षा के लिए करना पड़ेगा आपको बड़ा खर्च, इन रास्‍तों से जुटा पाएंगे पर्याप्‍त पैसा

बच्‍चों की उच्च शिक्षा के लिए करना पड़ेगा आपको बड़ा खर्च, इन रास्‍तों से जुटा पाएंगे पर्याप्‍त पैसा

अपने बच्चे की शिक्षा के लिए कहां निवेश करें और निवेश में वृद्धि कैसे होगी इसका फैसला करने से पहले, यहां कुछ कारक हैं जिनपर हमेशा ध्यान देना चाहिए

Written by: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published on: December 24, 2021 19:43 IST
बच्‍चों की उच्च...- India TV Paisa
Photo:FILE

बच्‍चों की उच्च शिक्षा के लिए करना पड़ेगा आपको बड़ा खर्च, इन रास्‍तों से जुटा पाएंगे पर्याप्‍त पैसा 

Highlights

  • एमबीए कोर्स की फीस वर्तमान में 12 लाख रुपये से बढ़कर लगभग 37 लाख रुपये होगी
  • इंजीनियरिंग की फीस 6-7 लाख रुपये है, 16 साल बाद बढ़कर लगभग 15-16 लाख रुपये होगी
  • माता-पिता को इसी के आधार पर अपने स्‍पष्‍ट वित्‍तीय लक्ष्‍य बनाने चाहिए

नई दिल्‍ली। भारत में पढ़ाई का खर्च तेजी से बढ़ रहा है और उच्‍च शिक्षा की महंगी फीस एवं अन्‍य खर्चों को पूरा करना मध्‍यम वर्ग के माता-पिता के लिए मुश्किल हो रहा है। इसलिए अभिभावकों के लिए यह महत्‍वपूर्ण बन जाता है कि वह एक छोटी राशि के साथ जितना जल्‍दी हो सके निवेश करना शुरू कर देना चाहिए।

कई अभिभावक अपने भविष्‍य की जरूरतों के लिए सोने में निवेश करते हैं या घर-जमीन खरीदते हैं। लेकिन इस बात को सुनिश्चित करना चाहिए कि जिस उद्देश्‍य के लिए संपत्ति का निर्माण किया जा रहा है, उसके लिए संपत्ति का आसानी से मौद्रिकरण किया जा सके। आपके पोर्टफोलियो में एक अच्‍छी रकम लिक्विड असेट फॉर्म में होनी चाहिए। अपने बच्‍चे की शिक्षा के लिए कहां निवेश करें और निवेश में वृद्धि कैसे होगी इसका फैसला करने से पहले, यहां कुछ कारक हैं जिनपर हमेशा ध्‍यान देना चाहिए:

शिक्षा खर्च का लगाएं अनुमान

एक अनुमान लगाया जाए तो शिक्षा में मुद्रास्‍फीति लगभग 10-12 प्रतिशत है। यदि मुद्रास्‍फीति को 6 प्रतिशत माना जाए, तब एक एमबीए कोर्स की फीस जो वर्तमान में 12 लाख रुपये है, 21 साल बाद बढ़कर लगभग 37 लाख रुपये होगी। इसी प्रकार इंजीनियरिंग कोर्स की फीस जो वर्तमान में 6-7 लाख रुपये है, 16 साल बाद बढ़कर लगभग 15-16 लाख रुपये होगी। माता-पिता को इसी के आधार पर अपने स्‍पष्‍ट वित्‍तीय लक्ष्‍य बनाने चाहिए और रणनीतिक इनवेस्‍टमेंट प्‍लान पर विचार करना चाहिए।

बच्‍चों की पढ़ाई खर्च सुनिश्चित करने के लिए इन विकल्‍पों पर किया जा सकता है विचार:

पब्लिक प्रोविडेंट फंड: यह एक लॉन्‍ग-टर्म इनवेस्‍टमेंट विकल्‍प है, जो एक निश्चित ब्‍याज दर और निवेश पर गारंटीड रिटर्न की पेशकश करता है। पीपीएफ में वर्तमान में 7.1 प्रतिशत की दर से वार्षिक ब्‍याज दिया जा रहा है। पीपीएफ में अगर आप हर साल 1 लाख रुपये जमा करते हैं तो 15 साल में आपको लगभग 31 लाख रुपये की रकम मिलेगी। यह एक सुरक्षित निवेश विकल्‍प है क्‍योंकि यह एक सरकारी योजना है। इस योजना में लॉक-इन अवधि 15 साल है। पीपीएफ खाते में एक वित्‍त वर्ष में न्‍यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये जमा करने की अनुमति है।  

सुकन्‍या समृद्धि योजना: इस योजना को सरकार ने 10 साल से कम उम्र की लड़कियों के लिए 2014 में शुरू किया था। इस योजना में एक साल में न्‍यूनतम जमा राशि 1000 रुपये और अधिकतम राशि 1.5 लाख रुपये है। इस योजना पर वर्तमान में 7.6 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्‍याज देय है। इस योजना में आपको 15 साल तक राशि जमा करनी होगी, जबकि खाते की परिपक्‍वता अवधि 21 साल है, यानी जब बेटी 21 साल की होगी तभी इस खाते से पैसा निकाला जा सकेगा।

म्‍यूचुअल फंड्स: म्‍यूचुअल फंड्स कुछ स्‍टॉक्‍स और डेट्स का मिश्रण होता है, जहां आपके धन को निवेश किया जाता है और इसका प्रबंधन विशेषज्ञों द्वारा किया जाता है। इक्विटी फंड्स अधिक उपयुक्‍त हैं, जहां कोई व्‍यक्ति अपने जोखिम स्‍तर के आधार पर लार्ज कैप, मल्‍टी कैप, मिड कैप या स्‍माल कैप में निवेश कर सकता है। बच्‍चे की शिक्षा के उद्देश्‍य के लिए हाइब्रिड फंड्स अधिक उपयुक्‍त हैं, क्‍योंकि ये इक्विटी और फ‍िक्‍स्‍ड इनकम दोनों में निवेश करते हैं। जब आपको पैसों की जरूरत होगी, तब आप डेट फंड्स की ओर स्विच कर सकते हैं इससे आपको पैसों की आवश्‍यकता के समय बाजार उतार-चढ़ाव का सामना नहीं करना होगा।

बच्‍चों की शिक्षा के लिए म्‍यूचुअल फंड्स में निवेश करते समय तीन मुख्‍य बातों का ध्‍यान रखना चाहिए- एक लंबी अवधि का निवेश, दो उच्‍च लक्ष्‍य और तीन तत्‍काल कैश फ्लो की जरूरत नहीं। इसके लिए अभिभावक 500 रुपये के साथ भी सिस्‍टमेटिक इनवेस्‍टमेंट प्‍लान की शुरुआत कर सकते हैं। बच्‍चे की शिक्षा के लिए एक पर्याप्‍त राशि जुटाने के लिए सिप की रैकरिंग प्रवृत्ति नियमित निवेश अनुशासन का पालन करने में मदद करेगी।  

अभिभावकों को यहां हमेशा यह बात जरूर याद रखनी चाहिए कि इमरजेंसी में भी बच्‍चों की शिक्षा के लिए जमा किए गए पैसे पर कतई हाथ नहीं लगाना है। इसलिए हर तरह की इमरजेंसी से निपटने के लिए मेडिकल इंश्‍योरेंस और लाइफ इंश्‍योरेंस का सहारा लें एवं बच्‍चों की शिक्षा के लिए शुरू किए गए इनवेस्‍टमेंट को छूने की कोशिश न करें।  

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। My Profit News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement