स्टॉक मार्केट टूटने से म्यूचुअल फंड निवेश परेशान हैं। दरअसल, बाजार गिरने से निवेशकों का पोर्टफोलियों गिर रहा है। म्यूचुअल फंड का NAV गिरने से निवेशकों की यूनिट का वैल्यूएशन कम हो रहा है। ऐसे में सवाल बनता है कि किसी म्यूचुअल फंड निवेशक को कब अपना पैसा बाहर निकालना चाहिए? साथ ही निवेशक सही वक्त का चयन कैसे करें? अगर आप भी म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं और इन सवालों के जवाब ढूंढ रहे हैं तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है। हम आपके सभी सवालों के जवाब दे रहे हैं।
म्यूचुअल फंड से कब पैसा निकालें
क्या आप गोल के निकट हैं?
अगर आप अपने वित्तीय लक्ष्य के निकट हैं और आपको तगड़ा रिटर्न मिल चुका है तो आपको पैसा निकालने पर विचार कर सकते हैं। शिक्षा या रिटारयरमेंट जैसी जरूरतों के लिए जुटाए गए फंड का गोल पूरा हो जाने पर पैसा निकाल लेना बेहतर होता है। आप कम जोखिम या फिक्स्ड इनकम वाले माध्यम में निवेशित रह सकते हैं। यह रिस्क को कम करता है।
फंड का प्रदर्शन
म्यूचुअल फंड स्कीम के प्रदर्शन का समय-समय पर मूल्यांकन करना चाहिए। समीक्षा के दौरान, अगर कोई फंड सही प्रदर्शन नहीं कर रहा हो तो उससे निकलना समझदारी भरा फैसला हो सकता है। खराब प्रदर्शन कर रहे फंड से पैसा निकाल कर आप किसी अच्छे फंड में पैसा लगा सकते हैं।
फंड में बड़ा बदलाव
कई बार फंड हाउस अपनी स्कीम में बड़ा बदलाव करती है। अगर आपको लगे कि फंड हाउस द्वारा किया गया बदलाव आपके निवेश के लक्ष्य को पूरा नहीं करता हो तो उस फंड से पैसा निकाल लेना बेहतर होगा।
बेहद जरूरी काम या इमरजेंसी
अगर कोई बेहद जरूरी काम या इमरजेंसी आ जाए तो कर्ज लेने की बजाय म्यूचुअल फंड से पैसा निकालना बेहतर फैसला होगा। ऐसा कर आप न सिर्फ अपनी वित्तीय जरूरत को आसानी से पूरा कर पाएंगे बल्कि कर्ज की जाल में फंसने से भी बच जाएंगे।