आधार कार्ड भारतीय नागरिक होने के पहचान पत्र के तौर पर जाना जाता है। आमतौर पर किसी भी जरूरी दस्तावेज को बनवाने के लिए आधार कार्ड की जरूरत पड़ती है। यह कार्ड आज के समय में लगभग हर भारतीय के पास मौजूद है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा इसे जारी किया जाता है। बता दें, सरकार ने आधार अपडेट के नियम में बदलाव किए हैं।
क्या हुआ है बदलाव
यदि आपको भी अपना आधार कार्ड बनवाए करीब 10 साल हो गए हैं तो इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए नोटिफिकेशन के मुताबिक, आपको अपनी जानकारी एक बार अपडेट करानी होगी। ताकि यह स्पष्ट हो सके कि जिस व्यक्ति का आधार कार्ड 10 साल पहले जारी हुआ था वह व्यक्ति अब भी मौजूद है।
ऐसे होगा आधार अपडेट
आधार अपडेट करने के लिये चीजें आसान बनाने को लेकर UIDAI ने नया फीचर डॉक्यूमेंट अपडेशन को शामिल किया है। इस फीचर का उपयोग ‘माई आधार’ (My Aadhaar) पोर्टल और ‘माई आधार’ ऐप (My Aadhaar App) के माध्यम से ऑनलाइन किया जा सकता है। संबंधित व्यक्ति इस सुविधा का लाभ उठाने के लिये किसी भी आधार नामांकन केंद्र पर भी जा सकते हैं। आप जब भी अपडेट कराने केंद्र पर जाएं तो अपने साथ आधार धारक पहचान प्रमाणपत्र (नाम और फोटो युक्त) और निवास प्रमाणपत्र (नाम और पता युक्त) जरूर लेकर जाएं।
क्या है इसका इतिहास?
- 28 जनवरी, 2009 को योजना आयोग ने यूआईडीएआई के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया।
- 2010 में सरकार ने पहली बार एक ट्रायल के तौर पर महाराष्ट्र में आधार योजना लॉन्च की।
- सितंबर 2011 तक यानि एक साल के अंदर 10 करोड़ लोगों ने अपना आधार कार्ड बनवाया।
- आधार का ऑनलाइन वेरिफिकेशन 7 फरवरी 2012 को यूआईडीएआई ने शुरू किया।
- प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आधार से लिंक खातों के लिए 26 नवम्बर 2012 को डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर स्कीम की शुरूआत की।
- आधार प्रोजेक्ट देश के 51 जिलों में 1 जनवरी 2013 को लागू कर दिया गया।
- आईटी डिपार्टमेंट ने आधार प्रोजेक्ट पर जून 2014 में फीडबैक लेने के लिए राज्य के सचिवों के साथ एक बैठक बुलाई।
- सरकार में आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 5 जुलाई 2014 को आधार प्रोजेक्ट जारी कर दी।
- सुप्रीम कोर्ट ने 24 मार्च 2014 को दिए अपने फैसले में बिना आधार कार्ड के भी जरूरी सरकारी सेवाएं जारी रखने की बात कही।
- केंद्र सरकार ने आधार बिल को 3 मार्च 2015 के दिन धन विधेयक के रूप में लोकसभा में पेश कर दिया।
- पेश करने के बाद 11 मार्च को इले लोकसभा से पास कर दिया, फिर राष्ट्रपति के मुहर के बाद ये कानून बन गई।
- अब तक 134 करोड़ लोगों को आधार नंबर जारी किया जा चुका है।