अभी तक आप ईकॉमर्स वेबसाइट पर 'बाय नाउ पे लेटर' जैसी स्कीम्स देखते सुनते आए होंगे। लेकिन अब आप इनकम टैक्स विभाग की वेबसाइट पर भी ऐसी ही एक स्कीम का फायदा उठा पाएंगे। यह स्कीम है 'फाइल आईटीआर नाउ, पे टैक्स लेटर'। इस नए फीचर की मदद से कोई भी कर दाता अभी आईटीआर फाइल कर भविष्य में आयकर का भुगतान करने की सुविधा प्राप्त कर सकता है। मौजूदा व्यवस्था के तहत जब कोई आईटीआर फाइल करता है तो उसे तभी अपना लंबित आयकर का भुगतान करना पड़ता है। लेकिन अब वह बिना टैक्स दिए आईटीआर दाखिल कर सकता है। इस नई स्कीम के तहत आईटीआर दाखिल करने के बाद करदाता कुछ शर्तों के साथ बाद में आयकर राशि का भुगतान कर सकता है।
आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर 'पे लेटर' विकल्प को उपलब्ध करा दिया गया है। हालांकि पे लेटर विकल्प का उपयोग अग्रिम कर, टीडीएस जैसे कर भुगतान के लिए नहीं किया जा सकता है।
पे लेटर स्कीम के नुकसान?
'पे लेटर ' विकल्प का उपयोग करते समय व्यक्ति को कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए। एक बार जब आप आईटीआर दाखिल करते समय इस विकल्प का चयन करते हैं, तो सबसे पहले, यह लिखा होगा 'आपको डिफ़ॉल्ट माना जा सकता है'। दूसरे, इसमें लिखा होगा 'आप देय कर पर ब्याज का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं। यानि आपको पे लेटर की सुविधा का उपयोग करने पर ज्यादा पैसे भरने पड़ सकते हैं।
करदाता के पास आएगा नोटिस
आयकर विभाग के हेल्पडेस्क एजेंट के अनुसार, आईटीआर फाइल होने के बाद व्यक्ति को एक नोटिस भेजा जाएगा। इस नोटिस में उल्लेख होगा कि आप पर कर की राशि बकाया है और उसे यथाशीघ्र भुगतान करें। उसके बाद, किसी व्यक्ति को आयकर बकाया का भुगतान करने के लिए 30 दिन का समय मिलेगा, जिसमें कोई दंडात्मक ब्याज नहीं लगेगा। यदि बकाया कर का भुगतान 30 दिनों के बाद किया जाता है, तो दंडात्मक ब्याज लागू होगा।
'पे लेटर' विकल्प का उपयोग कैसे करें?
जब कोई व्यक्ति अपना आईटीआर दाखिल कर रहा होगा तो बाद में भुगतान का विकल्प दिखाई देगा। इस विकल्प का उपयोग करने की प्रक्रिया जटिल नहीं है और इसे निम्नलिखित चरणों के माध्यम से आसानी से किया जा सकता है।
- चरण 1: नए आयकर फाइलिंग पोर्टल पर जाएं: https://www.incometax.gov.in/iec/foportal/ और अपने यूजर आईडी (पैन या आधार) और पासवर्ड का उपयोग करके अपने खाते में लॉगिन करें।
- चरण 2: एक बार लॉग इन करने के बाद, 'ई-फाइल' विकल्प पर क्लिक करें, 'आयकर रिटर्न' चुनें और फिर 'आयकर रिटर्न दाखिल करें' चुनें।
- चरण 3: यहां से आप आयकर रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। इसमें आपकी व्यक्तिगत जानकारी, आय विवरण की जांच शामिल होगी।
- चरण 4: एक बार जब आप अपनी आय और लागू कटौतियों के सभी आवश्यक विवरण भर देते हैं, तो आयकर पोर्टल स्वचालित रूप से गणना करेगा कि क्या कोई अतिरिक्त कर है जिसका आपको भुगतान करना होगा। यहां आपको दाखिल किए गए आईटीआर के आधार पर अपने कुल कर भुगतान को मान्य करना होगा।
- चरण 6: यह मानते हुए कि आप अतिरिक्त कर देनदारी से सहमत हैं, आप 'बाद में भुगतान करें' या 'अभी भुगतान करें' विकल्प का चयन कर सकते हैं।
- चरण 7: यदि आप यहां 'बाद में भुगतान करें' विकल्प चुनते हैं, तो आप बिना आयकर भुगतान के अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।
- चरण 8: एक बार जब आप बाद में भुगतान विकल्प चुन लेंगे, तो आप अपना आईटीआर दाखिल कर सकेंगे। एक बार जब आपका आईटीआर दाखिल हो जाए, तो उपलब्ध छह विकल्पों में से किसी एक का उपयोग करके इसे सत्यापित करना न भूलें।
बाद में टैक्स कैसे चुकाएं
एक बार आईटीआर दाखिल करने के बाद, बाद में भुगतान विकल्प का उपयोग करने के बाद आयकर बकाया का भुगतान करने के दो तरीके हैं।
- ई-भुगतान कर पद्धति का उपयोग कर सकते हैं
- कर मांग नोटिस प्राप्त करने के बाद आयकर भुगतान कर सकते हैं