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NEFT-RTGS के जरिए पैसा ट्रांसफर करने से पहले किन बातों का ध्यान रखना है जरूरी? यहां जानें इससे जुड़ी सभी जानकारी

NEFT-RTGS के जरिए कई बार ग्राहक पैसा ट्रांसफर करते हैं, लेकिन उन्हें इसके बारे में नहीं बता होता है कि इसके लिए बैंक के तरफ से बनाए गए नियम क्या है? यहां अपने सभी सवालों का जवाब जानिए।

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: December 18, 2022 14:42 IST
NEFT-RTGS के जरिए पैसा ट्रांसफर करने से पहले ये जानें- India TV Paisa
Photo:FILE NEFT-RTGS के जरिए पैसा ट्रांसफर करने से पहले ये जानें

NEFT-RTGS का इस्तेमाल हम सभी करते हैं। बैंकिंग की दुनिया में NEFT (नैशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड्स ट्रांसफर) और RTGS (रियल-टाइम ग्रॉस सेटलमेंट) दूसरे के खाते में पैसा भेजने का यह सबसे सुविधाजनक माध्यम है। कई बार ऐसा होता है कि हम अपने दोस्त और रिश्तेदार को पैसा भेजते हैं और वह सभी समय पर नहीं पहुंच पाता है। क्या आपको पता है कि अगर एनएफटी-आरटीजीएस से बेनिफिशियरी को सही समय पर पैसा नहीं मिलता है तो आप बैंक से जुर्माना वसूल सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के नियम के तहत अगर से पैसा पहुंचने में देरी होता है तो बैंक को जुर्माना देना होता है।

NEFT का नियम

भातरीय रिजर्व बैंक के नियम के अनुसार, अगर NEFT के जरिये किसी को पैसा भेजा जाता है तो 2 घंटे के भीतर लाभार्थी के खाते में पैसा जमा होना चाहिए। अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक को प्रभावित ग्राहक को पेनल्टी के तौर पर ब्याज का भुगतान करना होगा। यह ब्याज उस दिन से लगना शुरू होगा जब पैसा भेजा गया था। जब तक बैंक ग्राहक को रिफंड जारी नहीं करता है तब तक उसे ब्याज देना होगा। मौजूदा RBI एलएएफ रेपो रेट के साथ 2 फीसदी ब्याज देना होता है। आरबीआई का एलएएफ रेपो रेट अभी 4.90 फीसदी है जिसमें 2 फीसदी ब्याज जोड़ने के बाद ग्राहक के खाते में 6.90 फीसदी के हिसाब से जुर्माना देना होगा।

RTGS का नियम

RTGS का नियम कहता है कि पैसा भेजने के रियल टाइम में ही उसका Transfer होना चाहिए। एक नियम यह भी है कि लाभार्थी के जिस बैंक में पैसा ट्रांसफर होता है उस बैंक को लाभार्थी के खाते में आधे घंटे के अंदर पैसा जमा करना होता है। अगर ऐसा नहीं होता है तो बैंक को मनी ट्रांसफर किए जाने के एक घंटे के अंदर भेजने वाले व्यक्ति के खाते में पैसा वापस करना होता है। अगर पैसा वापस नहीं हो तो आरटीजीएस में भी जुर्माना लगाने का प्रावधान है। जुर्माने का नियम एनईएफटी जैसा ही है। यानी बैंक को एलएएफ रेपो रेट के साथ 2 फीसदी ब्याज ग्राहक को देना होगा।

कैसे और कहां करें शिकायत

पैसे तय समय में ट्रांसफर न होने की शिकायत ग्राहक बैंक जाकर, हेल्पलाइन में फोन करके या मेल करके शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत करते समय ट्रांजेक्शन के बारे में पूरी जानकारी अवश्य देना चाहिए। अपनी शिकायत में ग्राहक को यूटीआर नंबर जरूर लिखना होता है।

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