FASTag Viral Video: हाइवे टोल के लिए फास्टैग अनिवार्य है, ऐसे में हर कार की विंडशील्ड पर आपको फास्टैग लगा मिल ही जाएगा। लेकिन क्या शीशे पर लगा फास्टैग खुली तिजारी की तरह है और कोई भी आपके फास्टैग वॉलेट से पैसे निकाल सकता है? आजकल सोशल मीडिया पर एक ऐसा ही वीडियो वायरल है। जिसमें बताया गया है कि कैसे आपकी कार की विंडशील्ड पर लगे फास्टैग स्टिकर से आपके फास्टैग वॉलेट में जमा पैसे चोरी हो सकते हैं।
इस वीडियो को देखकर हर कोई यह पूछ रहा है कि आखिर वीडियो की सच्चाई क्या है? यह वीडियो धड़ाधड़ शेयर हो रहा है। क्या वाकई ऐसा मुमकिन है? अगर ऐसा है तो मान लीजिए मुसीबत बहुत बड़ी है। आपकी कार सड़क पर घर पर या दफ्तर की पार्किंग में खड़ी हो, और आपके फास्टैग से पैसे कटते रहें। पेटीएम ग्राहकों के लिए मुसीबत और बड़ी है क्योंकि उनका वॉलेट ही फास्टैग से लिंक हैं।
क्या है इस वीडियो में (FASTag Viral Video)
आजकल फेसबुक से लेकर व्हाट्सएप पर एक वीडियो वायरल हो रहा है। यह वीडियो काफी ब्लर है। इसमें दिख रहा है कि एक 10 से 12 साल का लड़का कार के बोनट पर सवार होकर विंडशील्ड साफ कर रहा है। कार का मालिक भीरत से बैठकर वीडियो को रिकॉर्ड कर रहा है। कार का शीशा साफ करते वक्त अचानक वह लड़का अपना दायां हाथ बदलकर बायें हाथ से शीशा साफ करता है, इस हाथ में वह स्मार्टवॉच पहने है। जैसे ही लड़का फास्टैग पर अपनी स्मार्टवॉच टच करता है, तो घड़ी में से लाल डिजिट चमकने लगते हैं। इसके बाद वह बच्चा भाग जाता है। वीडियो बनाने वाले शख्स का दावा है कि इस तरह से फास्टैग से पैसे चुराने का स्कैम चला हुआ है।
पीआईबी ने जारी किया है फैक्ट चेक वीडियो
केंद्र सरकार की एजेंसी प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो के पास सोशल मीडिया के ऐसे ही वीडियो के लिए एक फैक्ट चेक डिपार्टमेंट है। इस वीडियो के आते ही पीआईबी फेक्ट चेक भी एक्टिव हो गई। जांच में पाया गया कि सोशल मीडिया पर फास्टैग को लेकर गलत जानकारी देने वाला कोई वीडियो वायरल हो रहा है। पीआईबी ने एक ट्वीट के जरिए इसे फर्जी बताया है। पीआईबी ने साफ कहा है कि फास्टैग से सिर्फ उसी अकाउंट के जरिए पैसे कट सकते हैं, जिन्हें सरकार ने इजाजत दी है। हर टोल प्लाजा का एक यूनीक कोड होता है और जैसी ट्रांजेक्शन होने का दावा वीडियो में किया जा रहा है, वैसा मुमकिन ही नहीं है।
Paytm ने बताया फर्जी
फास्टैग जारी करने वाले Paytm ने भी इस वीडियो को फर्जी बताया है और कहा है कि उनका फास्टैग पूरी तरह से सुरक्षित है। पेटीएम ने साफ करते हुए बताया है कि एनईटीसी की गाइडलाइंस के मुताबिक इस तरह कोई ट्रांजेक्शन फास्टैग से नहीं हो सकती है। यह सिर्फ ऑथराइज मर्चेंट ही कर सकते हैं।
क्या है फास्टैग का नियम
फास्टैग एनईटीसी ने अपने ट्विटर हैंडल से इसकी पूरी प्रक्रिया बताई है। एनईटीसी फास्टैग ट्रांजेक्शन सिर्फ रजिस्टर्ड मर्चेंट यानि टोल प्लाजा या पार्किंग प्लाजा ही कर सकते हैं। इन्हें एनपीसीआई पर उनकी जियो लोकेशन के हिसाब से रजिस्टर किया जाता है। यानि जिस जगह के लिए यह रजिस्टर है वहीं पर इसका प्रयोग हो सकेगा। कोई भी अनऑथराइज डिवाइस एनईटीसी फास्टैग ट्रांजेक्शन नहीं कर सकता है।