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अब आपके साथ नहीं होगा 'जामतारा' जैसा फर्जीवाड़ा, सरकार उठाने जा रही है ये बड़ा कदम

कॉल करने वाले के नाम और लोकेशन की जानकारी कॉल रिसीव करने वाले को मिल जाएगी। ऐसे में आपको पता चल जाएगा कि कौन सा कॉल उठाना है या नहीं।

Edited By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Updated on: November 30, 2022 14:51 IST
नहीं होगा 'जामतारा'...- India TV Paisa
Photo:FREE PIK नहीं होगा 'जामतारा' जैसा फर्जीवाड़ा

मोबाइल फोन पर कॉल कर फर्जीवाड़ा करने की बातें अब आम हो चुकी हैं। नेट​फ्लिक्स की सीरीज जामतारा ने फर्जीवाड़े की जो एक झांकी दिखाई, वह अब हर दिन की कहानी है। आमतौर पर सीनियर सिटीजन इनके झांसों में अक्सर फंस जाते हैं। इस फर्जीवाड़े का एक प्रमुख कारण यह है कि हमें पता ही नहीं होता कि कॉल कौन कर रहा है और वह वास्तव में किसी बैंक या बीमा कंपनी का कर्मचारी ही है या फिर कोई धोखेबाज!

अब जल्द ही आम लोगों को इससे निजात मिलने जा रही है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण ट्राई जल्द ही देश में नंबर के साथ नाम वाली कॉलर आईडी की व्यवस्था लेकर आने की तैयारी कर रहा है। इससे आपको कॉल करने वाले के नंबर के साथ उसका नाम भी दिखेगा। जिससे बार-बार परेशान करने वाली अवांछित फोन कॉल पर लगाम लग सकती है। 

ट्राई ने मांगे सुझाव 

नाम प्रदर्शित करने की व्यवस्था को लेकर सार्वजनिक परामर्श का दौर ट्राई ने शुरू कर दिया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने मंगलवार को बयान में कहा कि दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले का नाम दर्शाने की व्यवस्था (सीएनएपी) लागू करने के बारे में एक परामर्श पत्र जारी किया गया है। इस पर संबद्ध पक्षों से 27 दिसंबर तक विचार आमंत्रित किए गए हैं। उन सुझावों पर 10 जनवरी, 2023 तक जवाब दिए जा सकेंगे। 

अभी प्राइवेट एप के भरोसे है व्यवस्था

अभी तक ट्रूकॉलर और भारत कॉलर आईडी एंड एंटी-स्पैम जैसे मोबाइल ऐप की मदद से मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल करने वाले व्यक्ति की पहचान जान सकते हैं। लेकिन इन ऐप पर नजर आने वाले नाम पूरी तरह भरोसेमंद स्रोत पर आधारित नहीं होते हैं। ट्राई के मुताबिक, दूरसंचार विभाग का मानना है कि सीएनएपी सुविधा शुरू होने से कोई भी मोबाइल फोन उपभोक्ता कॉल आने पर कॉलर की पहचान जान सकेगा। इस सुविधा को स्मार्टफोन के साथ फीचर फोन पर भी मुहैया कराने के लिए दूरसंचार नेटवर्क की तैयारी एवं व्यवहार्यता को भी परखा जाएगा।

जानिए कैसे होगा यह संभव 

ट्राई के सूत्रों के अनुसार य​ह व्यवस्था व्यक्ति के केवाई पर आधारित होगी। दरअसल हम जब भी मोबाइल के लिए नया सिम खरीदते हैं तो टेलिकॉम कंपनी हमसे हमारा केवाईसी विवरण मांगती है। अक्सर ये केवाईसी आधार कार्ड के जरिए होता है। नई व्यवस्था में यही केवाईसी डिटेल को आपके नंबर के साथ कॉलरआईडी के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। इससे कॉल करने वाले के नाम और लोकेशन की जानकारी कॉल रिसीव करने वाले को मिल जाएगी। ऐसे में आपको पता चल जाएगा कि कौन सा कॉल उठाना है या नहीं। 

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