अक्सर देखा जाता है कि लोग सिर्फ किसी बैंक में जाते हैं और फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) के बारे में जानकारी लेकर एकमुश्त राशि जमा कर देते हैं। ऐसा करने वाले कई निवेशक एफडी पर मिलने वाले सर्वश्रेष्ठ रिटर्न पाने से चूक जाते हैं। हम आपको बता रहे हैं कि किसी भी बैंक में एफडी अकाउंट खोलने से पहले किन-किन बातों का ख्याल रखना चाहिए, जिससे आप अपने एफडी पर ज्यादा रिटर्न ले पाएं।
- ब्याज दरें: एफडी कराने से पहले विभिन्न बैंकों द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरों की तुलना करें। स्मॉल फाइनेंस बैंक अक्सर पारंपरिक बैंकों की तुलना में अधिक ब्याज दर प्रदान करते हैं।
- बढ़ती FD दरें: हाल के दिनों में, FD दरें बढ़ रही हैं। हाल ही में और पिछले कुछ महीनों में, SBI, एक्सिस, बैंक ऑफ़ बड़ौदा और यूनियन बैंक जैसे कुछ बैंकों ने FD ब्याज दरों में बढ़ोतरी की घोषणा की है। एफडी वैसे बैंक में कराएं जहां ब्याज दरें बढ़ी है। इससे आपको ज्यादा रिटर्न मिलेगा।
- निवेश की अवधि: एफडी में निवेश की अवधि का बहुत महत्व होता है। इसलिए ऐसे बैंक की तलाश करें जो कुछ दिनों से लेकर कई वर्षों तक के लचीले अवधि विकल्प प्रदान करे। यह आपको ऐसी अवधि चुनने की अनुमति देता है जो आपके वित्तीय लक्ष्यों के अनुरूप हो।
- समय से पहले निकासी: एफडी कराने से पहले समय से पहले निकासी की शर्तों की जांच करें। कुछ बैंक स्वीप-इन सुविधाएं, एफडी पर ऋण और वरिष्ठ नागरिकों के लिए उच्च दरों जैसे अतिरिक्त लाभ प्रदान करते हैं। अपना निर्णय लेते समय इन बातों पर विचार करें।
- छोटी अवधि की एफडी: छोटी अवधि की एफडी वे हैं जिनकी अवधि 7 दिनों से लेकर 1 वर्ष तक होती है। वे निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो अपने फंड को थोड़े समय के लिए रखना चाहते हैं और नियमित बचत खाते की तुलना में बेहतर रिटर्न चाहते हैं।
- स्पेशल FD: स्पेशल FD से तात्पर्य फिक्स्ड डिपॉजिट स्कीम से है जिसे बैंक विशिष्ट अवधि या अवसरों के लिए पेश करते हैं। ये विशेष अवधि के लिए उच्च ब्याज दर प्रदान कर सकते हैं, जैसे कि 444 दिन या 999 दिन। निवेश इन एफडी में निवेश कर उच्च दरों को लॉक करके इन योजनाओं से लाभ उठा सकते हैं।
- वित्तीय लक्ष्य का ख्याल: एफडी करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य तय करें। आप देख लें कि आपको कब पैसे की जरूरत पड़ सकती है। उसके अनुसार आप एफडी की अवधि का चयन करें। ऐसा कर आप न सिर्फ ज्यादा रिटर्न ले पाएंगे बल्कि पेनल्टी देने से भी बच जाएंगे।