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IncomeTax: एक पैसा भी नहीं कटेगा इनकम टैक्स, मध्यम वर्ग को इन सेक्शन से मिलती है टैक्स भारी छूट

सिर्फ निवेश करने पर ही नहीं बल्कि दान देने पर भी आपको टैक्स से छूट मिल सकती है। यही ध्यान में रखते हुए हम आपको टैक्स सेविंग में मदद करने वाली आयकर की धाराओं के बारे में बताने जा रहे हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: December 10, 2021 17:49 IST
IncomeTax: एक पैसा भी नहीं...- India TV Paisa
Photo:PIXABAY

IncomeTax: एक पैसा भी नहीं कटेगा इनकम टैक्स, मध्यम वर्ग को इन सेक्शन से मिलती है टैक्स भारी छूट

Highlights

  • सिर्फ निवेश करने पर ही नहीं बल्कि दान देने पर भी आपको टैक्स से छूट मिल सकती है
  • बीमा, ईपीएफ, पीपीएफ, सुकन्या, एनएससी, ELSS और टैक्स सेविंग FD का उपयोग कर सकते हैं
  • सेक्शन 80 DDB आपके कैंसर, किडनी जैसी गंभीर ​बीमारी के खर्च को कवर करती है

Income Tax: इनकम टैक्स रिटर्न यानि ITR फाइल करने में कुछ ही दिन बाकी है। सरकार ने आयकर रिटर्न जमा करने की आखिरी तारीख 31 दिसंबर तय की है। आयकर कानून की बात करें तो यदि आपकी आय 2.5 लाख रुपये से अधिक है तो आपको अपनी आय की जानकारी सरकार को देनी हेागी। सरकार विभिन्न टैक्स स्लैब के आधार पर आपकी कमाई पर टैक्स वसूलती है। 

लेकिन सरकार आपको कुछ खास मदों में निवेश करने पर आयकर से छूट भी देती है। अक्सर लोगों को इन छूट के बारे में पता नहीं होता है और वे टैक्स फाइल करते समय इनका लाभ नहीं उठा पाते हैं। बता दें कि सिर्फ निवेश करने पर ही नहीं बल्कि दान देने पर भी आपको टैक्स से छूट मिल सकती है। यही ध्यान में रखते हुए हम आपको टैक्स सेविंग में मदद करने वाली आयकर की धाराओं के बारे में बताने जा रहे हैं। 

सेक्शन 80C

यह आयकर बचाने के लिए उपयोग में आने वाली सबसे लोकप्रिय धारा है। इस सेक्शन के तहत आप 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स बचा सकते हैं। इस सेक्शन के तहत आपको जीवन बीमा, ईपीएफ, पीपीएफ में निवेश, सुकन्या समृद्धि योजना, एनएससी, टैक्स सेविंग म्यूचुअल फंड (ईएलएसएस) और टैक्स सेविंग एफडी आदि में निवेश का लाभ मिलता हैं। दो बच्चों की पढ़ाई में सिर्फ ट्यूशन फीस, होम लोन की किस्त में शामिल मूलधन का हिस्सा, घर की खरीद में स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज आदि पर भी आप सेक्शन 80सी के तहत इनकम टैक्स से छूट का दावा कर सकते हैं।

सेक्शन 80CCD

यदि आप नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) निवेश करते हैं तो आपको इसका लाभ टैक्स छूट में भी मिलता है। सेक्शन 80सीसीडी(2डी) के तहत बेसिक सैलरी के 10% तक के निवेश पर भी आपको सेक्शन 80सी से अलग इनकम टैक्स छूट का लाभ मिलता है। दिलचस्प यह है कि निवेश पर यह छूट सभी टैक्स स्लैब में आने वाले करदाताओं को मिल सकता है। तो अगर आप अपना बुढ़ापा सुरक्षित करना चाहते हैं तो एनपीएस में निवेश कर सकते हैं। पिछले 12 सालों में एनपीएस ने शानदार रिटर्न दिया है।

सेक्शन 24B

आपने घर बनाने के लिए अगर बैंक से होम लोन लिया है तो आप इस पर भी टैक्स की बचत कर सकते हैं। सेक्शन 24बी के तहत होम लोन चुकाने वाली मासिक किस्त में कुल 2 लाख रुपये तक के ब्याज पर आपको इनकम टैक्स कानून के सेक्शन 24बी के तहत आयकर में राहत मिलती है। इसी तरह घर की मरम्मत आदि के लिए 30 हजार रुपये तक के लोन पर भी आपको इनकम टैक्स में छूट मिलती है। 

सेक्शन 80D

यदि आप स्वयं तथा जीवनसाथी और बच्चों के लिए हेल्थ इंश्योरेंस लेते हैं तो इसके प्रीमियम की रकम पर इस सेक्शन के तहत आप इनकम टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं।इसमें टैक्स छूट के दायरे में 25,000 रुपये तक का प्रीमियम आता है। इसके अलावा आप अपने पैरेंट्स के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदने पर 25,000 रुपये के प्रीमियम पर आयकर छूट पा सकते हैं। अगर आपके पैरेंट्स सीनियर सिटीजन हैं तो आप उनके लिए हेल्थ इंश्योरेंस के 30,000 रुपये तक के प्रीमियम पर इनकम टैक्स छूट प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे में आप सेक्शन 80डी के तहत कुल 55000 रुपये का टैक्स बचा सकते हैं। 

सेक्शन 80DD

यह सेक्शन आपको विकलांगता से पीड़ित आश्रित के इलाज की सुविधा प्रदान करता है। आश्रित में जीवनसाथी, बच्चे, पैरेंट्स, भाई या बहन हो सकते हैं। इनकम टैक्स में छूट इस बात पर निर्भर करता है कि आपके आश्रित की विकलांगता कितनी गंभीर है। अगर आश्रित 40 फीसदी तक विकलांग है तो टैक्स बचत के लिए 75,000 रुपये तक का मेडिकल खर्च कवर किया जा सकता है। अगर आश्रित 80 फीसदी तक विकलांग है तो टैक्स बचत के लिए 1,25,000 रुपये तक का मेडिकल खर्च कवर किया जा सकता है।

सेक्शन 80 DDB

सेक्शन 80 डीडीबी आपको कैंसर, किडनी जैसी गंभीर ​बीमारी के खर्च को कवर करती है। 60 साल से कम उम्र के लोगों में इस तरह की बीमारी के इलाज में आने वाले 40,000 रुपये तक के खर्च पर टैक्स छूट हासिल की जा सकती है। 60 से 80 साल के आश्रित के लिए छूट के तहत बीमारी का खर्च 60,000 रुपये तक हो सकता है। 80 से अधिक उम्र के व्यक्ति के मामले में टैक्स छूट की सीमा 80,000 रुपये तक हो सकती है।

सेक्शन 80E

यह सेक्शन एजुकेशन लोन के तहत छूट देता है। आपने खुद के लिए, अपने जीवनसाथी, बच्चे की पढ़ाई के लिए लोन लिया है तो इस पर ब्याज की रकम पर आपको छूट मिलती है। यह रकम किसी भी सीमा तक हो सकती है और देश/विदेश में कहीं भी पढ़ाई के लिए ली जा सकती है। 

सेक्शन 80G

कम ही लोगों को पता है कि दान देने से भी आपको टैक्स में फायदा मिल सकता है। लेकिन आपको टैक्स का लाभ तभी​ मिलेगा जब आप सरकार की ओर से नोटिफाई कई फंड में दान देते हैं। यहां 100 फीसदी रकम पर टैक्स छूट मिलती है। यह सेक्शन उस केस में बहुत ही फायदेमंद होता है जब आपकी इनकम चंद हजार रुपयों की वजह से टैक्सेबल हो जाती है। 

सेक्शन 80TTA

किसी बैंक अकाउंट या पोस्ट ऑफिस में जमा से कमाए गए ब्याज को आपको रिटर्न में अन्य स्रोत से आय मद में दिखाना होगा। किसी एक वित्त वर्ष में अगर आपका ब्याज 10,000 रुपये से कम है तो आप इस सेक्शन के तहत उस पर आयकर में छूट पा सकते हैं। हालांकि, 10 हजार रुपये से अधिक की ब्याज से हुई आय पर आपको अपने इनकम टैक्स स्लैब के अनुसार टैक्स चुकाना होता है।

सेक्शन 80U

यह सेक्शन आपकी स्वयं की विकलांगता से जुड़ा है। यदि टैक्स अदा करने वाला खुद 40 फीसदी से अधिक विकलांग हैं तो आप इस सेक्शन के तहत छूट पा सकते हैं। हालांकि, सेक्शन 80यू और सेक्शन 80डीडी का लाभ एक साथ नहीं उठाया जा सकता। 

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