आज के समय में आपका क्रेडिट स्कोर बहुत ही मायने रखता है। चाहे आप लोन के लिए आवेदन करें या क्रेडिट कार्ड के लिए, आपका क्रेडिट स्कोर बैंक सबसे पहले चेक करते हैं। अगर क्रेडिट स्कोर अच्छा तो आसानी से कम ब्याज पर लोन या क्रेडिट कार्ड दे देते हैं। क्रेडिट स्कोर खराब तो लोन मिलना भी मुश्किल हो जाता है। हालांकि, इन दिनों क्रेडिट स्कोर को लेकर कई मिथक बहुत आम हो गए हैं कि ये करने से क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है, जबकि वास्तविकता से वह मिथक कोसों दूरा है। तो आइए जानते हैं कि क्रेडिट स्कोर को लेकर क्या-क्या मिथक आम हैं।
मिथक-1: आय क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करती है?
आपकी आय या वेतन क्रेडिट स्कोर के रिपोर्ट का हिस्सा नहीं है। इसलिए यह सीधे आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित नहीं करता है। ।
मिथक-2: कम क्रेडिट स्कोर पर लोन नहीं मिलता
लोन कई फैक्टर को देखते हुए बैंक देते हैं। क्रेडिट स्कोर उनमें से एक है। आप कम क्रेडिट स्कोर के साथ भी लोन ले सकते हैं, लेकिन बैंक आपसे ज्यादा ब्याज वसूलेंगे।
मिथक-3: कई क्रेडिट कार्ड रखने से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है?
हर बार जब आप नए क्रेडिट खाते के लिए आवेदन करते हैं, तो बैंकआपकी क्रेडिट रिपोर्ट निकालता है। हालांकि, इससे आपके क्रेडिट स्कोर पर कोई असर नहीं होता। आप बिल का भुगतान समय पर कर रहे हैं या नहीं, यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित करता है।
मिथक-4: पुराने खाते बंद करने से क्रेडिट स्कोर बेहतर होता है?
पुराने क्रेडिट कार्ड या बैंक खाते को बंद करने से आपका क्रेडिट और वित्तीय इतिहास छोटा हो सकता है, जो बदले में आपके क्रेडिट स्कोर पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। एक लंबा क्रेडिट इतिहास उधारदाताओं को आपके क्रेडिट व्यवहार की एक स्पष्ट तस्वीर प्रदान करता है।
मिथक-5: कभी-कभी बिल भुगतान में देरी हो जाना ठीक
हकीकत: देर से भुगतान करने से क्रेडिट स्कोर पर असर पड़ता है। क्रेडिट स्कोर की गणना में समय पर भुगतान सबसे बड़ा घटक है, जो 35% गणनाओं का हिस्सा है।