नए लोगों के लिए शेयर बाजार में इन्वेस्ट कर इससे कमाई कर पाना काफी मुश्किल होता है। वहीं दूसरी तरफ जिन लोगों को मार्केट की उथल-पुथल और जोखिम भरे शेयर्स की समझ नहीं होती है वह इनमें निवेश कर प्रिंसिपल अमाउंट को भी डूबा देते हैं। इक्विटी और शेयर्स में निवेश करने के अलावा भी कई ऐसे ऑप्शन हैं जिसके जरिए बगैर रिस्क आफ बेहतर रिटर्न ले सकते हैं। सिर्फ इतना ही नहीं इन 5 योजनाओं में निवेश कर प्रिंसिपल अमाउंट खोने का भी बहुत कम खतरा है। बिना रिस्क बेहतर रिटर्न के लिए पीपीएफ, हाई ग्रेड कॉरपोरेट बॉन्ड, फिक्स्ड डिपॉजिट के अलावा शॉर्ट टर्म डेब्ट फंड्स में निवेश करें।
1. पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
देशभर में कई बैंक और डाकघर मौजूद है जिसके माध्यम से आप PPF में निवेश कर बेहतर रिटर्न ले सकते हैं। इसमें 15 वर्ष के लिए आप हर साल अधिक से अधिक 1.5 लाख रुपये तक जमा कर सकते हैं। इसमें निवेश करने के बाद आप लगभग 8% की ब्याज दर से इस रकम को बढ़ा सकते हैं। यानी आप इसके जरिए हर महीने 12,500 रुपये तक बहुत ही आसानी से रिटर्न ले सकेंगे। इसमें निवेश करना जोखिम और मार्केट उथल पुथल से काफी दूर होता है।
2. फिक्स्ड डिपॉजिट (FD)
अगर आपके पास 50,000, 100000 रुपये या फिर कोई निश्चित रकम है और तो इसके जरिए आप बिना रिस्क के कमाई कर सकते हैं। फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में निवेश करने के बाद इसकी मेच्योरिटी पूरी हो जाने पर आप एक साथ सभी रकम को ब्याज समेत निकाल सकते हैं। इसकी समय सीमा यानी अवधि 7 दिन से लेकर 10 साल तक हो सकती है। आयकर अधिनियम 80c के तहत इसके जरिए आप टैक्स बेनिफिट भी ले सकेंगे।
3. हाई ग्रेड कॉर्पोरेट बॉन्ड्स
अगर आप प्रिंसिपल अमाउंट खोने से डरते हैं तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। हाई ग्रेड कॉर्पोरेट बॉन्ड्स में निवेश कर रिस्क से बचा जा सकता है। इसके जरिए आप एक निश्चित रेट पर ब्याज ले पाते हैं। बॉन्ड की समय अवधि हो जाने के बाद निवेश करने वाले लोगों को प्रिंसिपल दे दिया जाता है। इक्विटी के मुकाबले यह सुरक्षित होता है, लेकिन बैंक डिपॉजिट की तुलना में यह जोखिम भरा हो सकता है। इसमें निवेश करने से पहले क्रेडिट रेटिंग जरूर चेक करें।
4. शॉर्ट टर्म डेब्ट फंड्स
डेब्ट फंड के जरिए समय के अनुसार आप डिविडेंड के रूप में इनकम ले सकते हैं। रिस्क की बिना बेहतर रिटर्न लेने के लिए शॉर्ट टर्म डेब्ट फंड्स एक सही ऑप्शन हो सकता है। लेकिन इसमें निवेश करने से पहले कुछ पहलुओं के ऊपर ध्यान देना जरूरी है। बिना रिस्क और कम रिटर्न के लिए निवेशक लिक्विड फंड्स और शॉर्ट टर्म डेब्ट फंड्स में पैसे लगा सकते हैं। इसमें निवेश करने के बाद बाजार की उथल-पुथल पर भी ध्यान देना काफी जरूरी है।
5. नैशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स
नैशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स (NSC) को सरकार सहारा देती है। कम जोखिम वाले निवेश की लिस्ट में नैशनल सेविंग सर्टिफिकेट्स शामिल हैं। इसमें निवेश करने के बाद किसी भी रकम को 5 वर्षों तक लॉक-इन कर सकते हैं। NSC की ब्याज दर समय के अनुसार कम और ज्यादा हो सकती है। फिलहाल यह दर 8% है। सिर्फ इतना ही नहीं अमाउंट पर मिलने वाले ब्याज को हर साल चक्रवृद्धि के अनुसार बढ़ाया जाता है। अंत में प्रिंसिपल अमाउंट और ब्याज दर दोनों को 5 वर्षों के बाद निकाल सकते हैं। इसमें टैक्स बेनिफिट की सुविधा भी मिल जाती है।