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सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या गोल्ड ईटीएफ: इस दिवाली आपको किसमें करना चाहिए निवेश? जानें

गोल्ड ईटीएफ एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जिसका उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की कीमत को ट्रैक करना है। एक गोल्ड ईटीएफ इकाई 1 ग्राम सोने के बराबर होती है और प्योर गोल्ड द्वारा समर्थित होती है।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Oct 28, 2024 7:02 IST, Updated : Oct 28, 2024 7:02 IST
Sovereign Gold Bond or Gold ETF
Photo:FILE सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या गोल्ड ईटीएफ

सोने की कीमत रिकॉर्ड हाई पर पहुंच चुकी है। ऐसे में अगर आप धनतेरस और दिवाली पर सोने में निवेश करना चाहते हैं तो आपके पास फिजिकल गोल्ड के अलावा सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड या गोल्ड ईटीएफ में निवेश का विकल्प उपलब्ध है। आप अपनी मर्जी के अनुसार इन दोनों में निवेश कर सकते हैं। साथ ही आपको बता दूं कि यह फिजिकल गोल्ड के मुकाबले सुरक्षित और फायदेमंद भी है। आइए जानते हैं कि सोने की ज्वैलरी या सिक्के से ये दोनों कैसे अलग हैं और इनमें निवेश करना क्यों फायदेमंद है। 

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी)

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (एसजीबी) सरकारी प्रतिभूतियां हैं, जिनका मूल्य ग्राम में होता है। इन्हें फिजिकल सोने के विकल्प के रूप में देखा जाता है। निवेशकों को जारी मूल्य का भुगतान नकद में करना होता है और बॉन्ड को परिपक्वता पर नकद में भुनाया जाता है। बॉन्ड भारत सरकार की ओर से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा जारी किया जाता है। निवेशक द्वारा भुगतान की गई सोने की मात्रा सुरक्षित रहती है, क्योंकि उसे समयपूर्व निकासी के समय बाजार मूल्य मिलता है। इन्हें भौतिक सोने से बेहतर माना जाता है, क्योंकि भंडारण के जोखिम और लागत बिल्कुल नहीं होती है। आभूषण के रूप में सोने की खरीदारी पर आपको मेकिंग चार्ज देना होता है। साथ ही शुद्धता की चिंता रहती है। 

एसजीबी में निवेश के लाभ

  • एसजीबी उन लोगों के लिए एक सुरक्षित निवेश विकल्प है जो 5 से 8 साल की लंबी अवधि के लिए निवेश विकल्प की तलाश कर रहे हैं। 
  • एसजीबी पर 2.5% की दर से ब्याज मिलता है जो अर्ध-वार्षिक रूप से वितरित की जाती है। अंतिम ब्याज का भुगतान बॉन्ड जारी करने की तारीख से 8 साल के अंत में परिपक्वता राशि के साथ किया जाता है।
  • एसजीबी पर मिलने वाला लाभ कर-अनुकूल है। बॉन्ड पर रिडेम्पशन राशि पर पूंजीगत लाभ कर से छूट दी गई है। हालांकि, बॉन्ड पर अर्जित ब्याज निवेशक के हाथों में कर योग्य है, हालांकि स्रोत पर कोई कर कटौती नहीं की जाती है।
  • एसजीबी में कोई भी व्यक्ति निवेश कर सकता है जैसे व्यक्ति, ट्रस्ट, एचयूएफ, धर्मार्थ संस्थान और विश्वविद्यालय। 

गोल्ड ईटीएफ

गोल्ड ईटीएफ एक एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जिसका उद्देश्य फिजिकल गोल्ड की कीमत को ट्रैक करना है। एक गोल्ड ईटीएफ इकाई 1 ग्राम सोने के बराबर होती है और प्योर गोल्ड द्वारा समर्थित होती है। गोल्ड ईटीएफ को बेचना आसान होता है क्योंकि यह स्टॉक के रूप में होता है। गोल्ड ईटीएफ किसी भी कंपनी के स्टॉक की तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (एनएसई) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (बीएसई) पर सूचीबद्ध और कारोबार किए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ खरीदने का मतलब है कि आप इलेक्ट्रॉनिक रूप में सोना खरीद रहे हैं। आप गोल्ड ईटीएफ को उसी तरह खरीद और बेच सकते हैं जैसे आप स्टॉक में ट्रेड करते हैं।

ईटीएफ में निवेश के लाभ

  • ईटीएफ का मूल्य निर्धारण अधिक पारदर्शी है और सोने के वास्तविक बाजार मूल्य के करीब है। 
  • एसजीबी की तुलना में गोल्ड ईटीएफ अधिक लिक्विड हैं क्योंकि इसकी शेयर मार्केट में आसानी से खरीद और बिक्री होती है। 
  • गोल्ड ईटीएफ को आम तौर पर ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड स्कीम के रूप में जाना जाता है और निवेशक जब तक चाहें तब तक निवेशित रह सकते हैं और 24 कैरेट सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव से मिलने वाले रिटर्न का लाभ ले सकते हैं। 
  • कोई भी व्यक्ति सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये गोल्ड ईटीएफ में निवेश कर सकता है। 

निष्कर्ष

अगर आपको सोने की ज्वैलरी से आकर्षण नहीं तो आप फिजिकल गोल्ड की जगह गोल्ड ईटीएफ या सॉवरेन गोल्ड में निवेश कर सकते हैं। सुरक्षित निवेश के साथ ये दोनों फायदेमंद भी हैं। साथ ही आपको बेहतर रिटर्न देने का भी काम करते हैं। 

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