पोस्ट ऑफिस की ओर से सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम (Senior Citizen Savings Scheme (SCSS)) में मैच्योरिटी से पहले निकासी के नियमों में बदलाव किया गया है। नए नियम आने के बाद निवेशकों को पहले के मुकाबले अधिक फायदा होगा।
क्या है नया नियम?
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, नए नियम के तहत अब कोई एससीएसएस निवेशक खाता खुलने की एक वर्ष की अवधि पूरी होने से पहले ही पैसे निकाल लेता है तो डिपॉजिट में से एक प्रतिशत की कटौती की जाएगी। इससे पहले अगर कोई एससीएसएस निवेशक निवेश के पहले ही वर्ष में पैसे निकाल लेता था तो ऐसे में डिपॉजिट पर किसी भी प्रकार के ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता था। उसके बाद बची पूरी राशि को अकाउंट होल्डर को दे दिया जाता था।
क्या है SCSS?
सीनियर सिटीजन सेविंग स्कीम एक सरकारी निवेश योजना है, जो कि पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग्स स्कीम के अंतर्गत आती है। 60 वर्ष की आयु पूरी करने वाला कोई भी व्यक्ति इस स्कीम में निवेश कर सकता है। वहीं, वीआरएस और सुपरएनुएशेन लेना वाला 55 साल और 60 साल से कम का व्यक्ति भी एससीएसएस खाता खोल सकता है। वहीं, डिफेंस सर्विसेज से रिटायर 50 वर्ष से अधिक का व्यक्ति भी एससीएसएस में खाता खोल सकता है।
इस स्कीम में न्यूनतम 1000 रुपये के निवेश से शुरुआत की जा सकती है। अधिकतम 30 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है। इसमें पांच वर्ष के लिए खाता खोला जा सकता है। इसके बाद तीन वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। इस योजना की खास बात यह है कि इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स की धारा 80सी का लाभ इसमें मिलता है। इसके जरिए आप 1.5 लाख रुपये तक की छूट प्राप्त कर सकते हैं।
SCSS पर ब्याज
एससीएसएस पर सरकार की ओर से 8.2 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है। ये अक्टूबर-दिसंबर की अवधि के लिए है। सरकार द्वारा हर तिमाही में एससीएसएस की नई ब्याज दर घोषित की जाती है।