आम आदमी जिंदगी में एक बार अपना आशियाना खरीदता है। जिसके लिए वह अपनी जीवन भर की पूंजी झोंक देता है। लेकिन इस जीवन के इस सबसे बड़े सौदे में आपको धोखा मिल जाए तो इससे बुरा कुछ नहीं हो सकता है। तमाम सावधानियों और सलाह के आधार पर आम आदमी फ्लैट या जमीन का सौदा करता है, लेकिन कभी उसे समय पर मकान की डिलीवरी नहीं मिलती, यदि मकान की डिलीवरी मिल भी गई तो रजिस्ट्री का चक्कर और रजिस्ट्री हो भी गई तो घटिया या दोयम दर्जे के निर्माण की समस्या।
ग्राहक को भगवान की उपमा दी जाती है, लेकिन घर की खरीदारी में वास्तव में यह भगवान ही सबसे निरीह प्राणी बनकर सामने आता है। अनेक घटनाएं ऐसी मिली है जहां बिल्डर ने मकान का नक्शा और क्वालिटी दिखाई कुछ और तथा बेची कुछ और जाती है। ग्राहकों के अधिकार छीने जा रहे थे उनके साथ धोखाधड़ी और छल कपट किया जा रहा था। सरकार ने 2016 में ग्राहकों को सुरक्षा देने के लिए और ग्राहकों के अधिकारों को सुरक्षित रखने के लिए रियल एस्टेट (विनियमन और विकास) अधिनियम, 2016 बनाया गया है। इसी के तहत रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) का गठन किया गया है। प्रत्येक राज्य में अपना अलग रेरा कानून है, जिसके तहत प्रत्येक बिल्डर को रजिस्टर करना होता है।
कानून में ग्राहकों को क्या आधिकार मिले हैं
रियल एस्टेट एक्ट के तहत दो तरह के मामले आते हैं, पहला ऐसा बिल्डर जिसने अपने प्रोजेक्ट को रेरा में रजिस्टर्ड नहीं करवाया है। वहीं दूसरा ऐसा बिल्डर जिसने एग्रीमेंट की शर्तों का उल्लंघन किया है। पहले मामले में किसी बिल्डर की शिकायत की जा सकती है अगर उसने अपना प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड नहीं करवाया है। देश में रेरा कानून आने के बाद कोई भी बिल्डर बगैर रजिस्टर्ड करवाएं अपना प्रोजेक्ट नहीं पेच सकता है। यहां पर यह ध्यान देना चाहिए कि कोई भी ऐसा बिल्डर जो 500 मीटर से अधिक जमीन पर अपना प्रोजेक्ट तैयार कर रहा है और जिसके द्वारा अट्ठारह अपार्टमेंट से अधिक बनाए जा रहे हैं उसे अपना प्रोजेक्ट रेरा में रजिस्टर्ड करवाना आवश्यक है। अगर आप गैर रजिस्टर्ड बिल्डर की शिकायत करना चाहते हैं तो ऑनलाइन माध्यम से रेरा की वेबसाइट के जरिए ऐसा कर सकते हैं। उस शिकायत के साथ कुछ सपोर्टिंग दस्तावेज भी प्रस्तुत किए जाएं जिससे यह साबित होता है कि बिल्डर द्वारा बगैर रजिस्टर्ड करवाएं प्रोजेक्ट को बेचा जा रहा है।
कब्जा न मिले तो खटखटाएं RERA का दरवाजा
अगर आप भी बिल्डरों के इस धोखे के शिकार है, आपको भी दिए गए टाइम पर फ्लैट का कब्जा नहीं मिल रहा है । आप भी बिल्डर की गलती के कारण लोन की ईएमआई के साथ-साथ किराया भर रहे हैं तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। घर खरीदारों को रेरा घर का कब्जा दिलाने में भी मदद करता है। आपकी शिकायत मिलने के 60 दिनों के भीतर रेरा को मामले का निपटारा करना होता है। आपकी शिकायत के पास रेरा बिल्डर को नोटिस जारी करेगा। बिल्डर को 45 दिनों के भीतर उसे लागू करना होगा। अगर आप उत्तर प्रदेश के हैं तो यूपी रेरा की वेबसाइट www.up-rera.in पर जाना शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
यदि बिल्डर एग्रीमेंट की शर्तें तोड़े
भारत में किसी एग्रीमेंट को पूरा न करने की स्थिति में खास कानूनी प्रावधान हैं। बिल्डर द्वारा किए गए किसी एग्रीमेंट में हेरफेर या उसकी शर्तों को नहीं मानने के संबंध में रेरा भी लागू होता है। जब कभी किसी के साथ किसी बिल्डर से किसी प्रोजेक्ट में कोई हिस्सा खरीदने के लिए एग्रीमेंट किया जाता है तब बिल्डर द्वारा जिस प्रकार से शर्त बताई गई है और जिन चीजों को देने का उल्लेख किया है उन्हें नहीं देता है तब उसकी शिकायत रेरा में की जा सकती है। कब्जा मिलने के पांच साल तक प्रॉपर्टी में किसी तरह का स्ट्रक्चरल डिफेक्ट आ जाती है तो बिल्डर को बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के 30 दिनों में इसे ठीक करना होता है।
घटिया निर्माण की भी कर सकते हैं शिकायत
बिल्डर अक्सर एग्रीमेंट में मकान की बनावट, नक्शे, मटेरियल से जुड़े वादे भी करते हैं। लेकिन अक्सर वास्तविक निर्माण इससे अलग होता है। जैसे कि बिल्डर ने मार्बल का पत्थर लगाने और सागवान लकड़ी के दरवाजे का वादा किया है, या फिर उच्च क्वालिटी का कलर इस्तेमाल करने की बात कही है, लेकिन मार्बल की जगह कोई अन्य पत्थर को घर में लगाता है, सागवान की लकड़ी की जगह बबूल की लकड़ी के दरवाजे लगाता है, तब उस बिल्डर के विरुद्ध ग्राहक शिकायत कर सकते हैं क्योंकि शर्त के संबंध में यह उल्लेख किया है अगर किसी शर्त को तय किया गया है तब उसे पूरा किया जाए।
कैसे करें शिकायत
- ग्राहक को अपने स्टेट की रेरा की वेबसाइट पर जाना होगा तथा वहां पर लॉग इन करना होगा।
- लॉग इन करने के बाद में शिकायत के ऑप्शन में जाकर अपनी शिकायत की पीडीएफ बनाकर और उसके साथ एग्रीमेंट के कागजों की पीडीएफ बनाकर अपलोड करनी होगी
- ध्यान रहे कि बिल्डर से किसी प्रकार का मौखिक एग्रीमेंट नहीं करें बल्कि लिखित एग्रीमेंट करें जिसमें सभी शर्तों का साफ साफ उल्लेख हो
- जब बिल्डर द्वारा अपनी शर्त से मुकर जाए तब उसे रेरा के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।
शिकायत शुल्क
रेरा के समक्ष ऐसी शिकायत के लिए एक शुल्क लगता है जो नाम मात्र का होता है। सभी राज्यों में अलग-अलग शुल्क है। साधारण तौर पर दो ढाई हज़ार रुपए तक का शुल्क लगता है। यह समझना चाहिए कि ऐसी शिकायत एक प्रकार का मुकदमा होती है पर इसे शीघ्र से शीघ्र निपटाने के लिए बनाया गया है