घर पर रखे कीमती सामान के चोरी होने का डर होता है, इसीलिए हम सोने चांदी के गहने, प्रॉपर्टी के कागज से लेकर अक्सर कैश तक भी बैंक के लॉकर में रखते हैं। लेकिन अब आप मनचाही चीज़ बैंक के लॉकर में नहीं रख सकेंगे। रिजर्व बैंक ने बैंक लॉकर के नियमों में बदलाव कर दिया है। ऐसे में यदि आप के पास भी किसी बैंक में लॉकर है तो संभव है कि आपके पास जल्द ही बैंक का नोटिस आए और आपको नए कॉन्ट्रैक्ट पर साइन करने पड़ें।
रिजर्व बैंक ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वे अपने ग्राहकों से जल्द से जल्द संपर्क करें और उनसे नए जल्द ही नया कॉन्ट्रेक्ट रिन्यू करने को कहें। बैंकों के इस नए कॉन्ट्रैक्ट में लॉकर में सामान रखने संबंधी नियमों का उल्लेख किया गया है। इसमें बताया गया है कि ग्राहक लॉकर में क्या सामान रख सकते हैं और क्सा नहीं।
अब सिर्फ ये सामान रखने की होगी अनुमति
रिजर्व बैंक ने अपने नए नियम में लॉकर में रखे जाने वाले सामान के बारे में बताया गया है। इसके आधार पर अब बैंक में आप सिर्फ ज्वैलरी या फिर प्रॉपर्टी के कागजात जैसे जरूरी दस्तावेज ही रख सकते हैं। इसके साथ ही नए नियम में कहा गया है कि लॉकर अब सिर्फ ग्राहकों को ही उनके निजी इस्तेमाल के लिए ही दिया जाएगा। इसके लिए इंडियन बैंक एसोसिएशन एक मॉडल एग्रीमेंट बनाएगा, जिसमें मामली बदलाव कर बैंक ग्राहकों के साथ करार करेंगे।
नहीं रख पाएंगे ये सामान
रिजर्व बैंक के नए नियमों के अनुसार बैंक लॉकर में रखने के लिए कई चीजें अवैध घोषित की गई हैं। विस्फोटकों या मादक पदार्थों को रखने की अनुमति तो पहले से ही नहीं थी। लेकिन नए नियम के अनुसार अब कैश जिसमें भारतीय करेंसी के अलावा डॉलर या किसी अन्य देश की करेंसी शामिल है, उसके रखने पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। इसके अलावा हथियार, ड्रग्स या दवाएं, या जहरीला सामान रखने पर भी पाबंदी होगी।
क्या ग्राहकों को देना होगा कॉन्ट्रैक्ट का पैसा
बैंक लॉकर संबंधी एग्रीमेंट ग्राहकों के साथ करेंगे। लेकिन स्टांप पेपर आदि से जुड़े खर्च ग्राहकों को नहीं करने होंगे। बैंक के मौजूदा लॉकर ग्राहकों के कॉन्ट्रैक्ट रिन्यू करने से जुड़ा खर्च खुद उठाएंगे।
बैंक को इस बात से मिली राहत
बैंक और ग्राहक के बीच होने वाले इस नए एग्रीमेंट में बैकों को भी कई बंदिशों से राहत दी गई है। इसके अतह अब लॉकर के पासवर्ड या चाबी का दुरुपयोग की स्थिति में बैंक पर कोई कार्रवाई नहीं होगी। इसके अलावा लॉकर के अवैध तरीके से इस्तेमाल किए जाने की स्थिति में बैंक जिम्मेदार नहीं होगा।